रांचीः झारखंड में अवैध तरीके से नेताओं के फोन टेपिंग होने के आरोप तो बराबर लगते रहे हैं, लेकिन इस बार पुलिस के भी फोन टैप हो रहे थे. जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद मामले में कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. इस मामले में सीआइडी डीएसपी रंजीत लकड़ा ने प्राथमिकी दर्ज करवाई है. दर्ज प्राथमिकी में चौका थाना के प्रभारी रतन कुमार सिंह, चुटिया थाना के पुलिसकर्मी रंजीत सिंह और मोहम्मद इरफान को पशु तस्कर बताकर उनके फोन को टेप किया जा रहा था. सीआइडी की तकनीकी शाखा में इन सभी फोन को सुना जाता था.
दरअसल, सीआइडी पर अवैध तरीके से फोन टेप करने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं. बता दें कि सीनियर आईपीएस अधिकारी की देखरेख में मामले की जांच करवाई गई. जो पूरी तरह से सच पाया गया. इस रिपोर्ट के आधार पर ही इंस्पेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. झारखंड में यह अपनी तरह का पहला मामला है, जिसमें अवैध फोन टैप करने के आरोप में किसी थाने में एफआइआर दर्ज की गई है.
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गलत जानकारी देकर की गई थी फोन टैपिंग
कानून के मुताबिक किसी भी फोन को टैप करने के लिए गृह विभाग को जानकारी देनी पड़ती है. इसके अलावा सीआइडी में वरीय अफसरों को सूचना देनी पड़ती है. लेकिन इसमें आरोपी इंस्पेक्टर ने अपने सीनियर अफसरों को यह कह कर फोन टैप करने की अनुमति ली कि सभी पशु तस्कर हैं.
डीजीपी के निर्देश पर हुई कार्रवाई
झारखंड के तेजतर्रार आइपीएस अफसर अनिल पाल्टा के एडीजी सीआइडी बनने के बाद उन्हें जानकारी मिली थी कि सीआइडी में अवैध तरीके से फोन टैपिंग की जाती है. इसके बाद डीजीपी के निर्देश पर अनिल पाल्टा ने पूरे मामले की जांच करवाई और तब यह खुलासा हुआ. मिली जानकारी के अनुसार एडीजी ने मुख्यालय और फ्री विभाग को अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी थी.
रिपोर्ट की समीक्षा के बाद आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया था. अब पुलिस पूरे मामले में अनुसंधान करेगी जिसके बाद आरोपी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. जांच के बाद यह भी खुलासा हो जाएगा कि आखिर किसके इशारे पर स्पेशल ब्रांच का इंस्पेक्टर अपने ही साथी पुलिसकर्मियों का फोन टैप कर रहा था.