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आदिवासी बहुल राज्य का विकास प्रभावित करना चाहती है केंद्र सरकार: रामेश्वर उरांव

झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से बिजली मद में डीवीसी की बकाया राशि की पहली किस्त काटने को लेकर पत्र आया था. इस पर मंत्री उरांव ने कहा कि पूरी बकाया राशि पूर्ववर्ती सरकार के समय की है, जिसे वर्तमान सरकार से वसूला जा रहा है. यह कहीं से भी सही नहीं है.

Finance Minister Rameshwar Oraon
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव
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Published : Oct 16, 2020, 2:45 PM IST

रांची: केंद्र की मोदी सरकार आदिवासी बहुल झारखंड राज्य के विकास को प्रभावित करना चाहती है. ऐसी मंशा नहीं होती तो वर्तमान हालात में राज्य सरकार के खाते से बिजली बकाया की पहली किस्त ऑटो डेबिट नहीं की जाती.

देखें पूरी खबर

झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से बिजली मद में डीवीसी की बकाया राशि की पहली किस्त काटने को लेकर पत्र आया था. इस पर राज्य सरकार ने आग्रह भी किया था कि कोरोना के दौर में ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. इसके बावजूद पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते का हवाला देते हुए 1,417 करोड़ों रुपए निकाल लिए गए. मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पूरी बकाया राशि पूर्व सरकार के समय की है, जिसे वर्तमान सरकार से वसूला जा रहा है. यह कहीं से भी सही नहीं है.

Finance Minister Rameshwar Oraon's statement on electricity dues
हेमंत सोरेन का ट्वीट

ये भी पढ़े- एम्स में इलाज के बहाने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव घूम रहे थे दिल्ली-हरियाणा, सुरक्षा में तैनात 6 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड

अब झारखंड में 1,417 करोड़ रूपये का विकास कार्य प्रभावित हो जाएगा. अभी बकाया राशि की पहली किस्त काटी गई है. दूसरी किस्त जनवरी 2021 में काटी जाएगी. बिजली मद में डीवीसी की बकाया राशि को चार किस्त में काटना है. यह पूछे जाने पर कि अब इस मामले में राज्य सरकार का स्टैंड क्या होगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बाद फैसला लिया जाएगा.

हेमंत सोरेन ने किया ट्वीट

डीवीसी की बकाया राशि की पहली किस्त की निकासी पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड के राजकोषीय व्यवस्था को असंतुलित करने की सुनियोजित कोशिश बंद करें केंद्र सरकार. भाजपा की डबल इंजन सरकार ने वैसे ही राज्य की अस्मिता गिरवी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. पूर्व की भाजपा सरकार ने संघीय ढांचे को तार-तार कर दोराहे पर खड़ा कर दिया और अब यह?

रांची: केंद्र की मोदी सरकार आदिवासी बहुल झारखंड राज्य के विकास को प्रभावित करना चाहती है. ऐसी मंशा नहीं होती तो वर्तमान हालात में राज्य सरकार के खाते से बिजली बकाया की पहली किस्त ऑटो डेबिट नहीं की जाती.

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झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से बिजली मद में डीवीसी की बकाया राशि की पहली किस्त काटने को लेकर पत्र आया था. इस पर राज्य सरकार ने आग्रह भी किया था कि कोरोना के दौर में ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. इसके बावजूद पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते का हवाला देते हुए 1,417 करोड़ों रुपए निकाल लिए गए. मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि पूरी बकाया राशि पूर्व सरकार के समय की है, जिसे वर्तमान सरकार से वसूला जा रहा है. यह कहीं से भी सही नहीं है.

Finance Minister Rameshwar Oraon's statement on electricity dues
हेमंत सोरेन का ट्वीट

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अब झारखंड में 1,417 करोड़ रूपये का विकास कार्य प्रभावित हो जाएगा. अभी बकाया राशि की पहली किस्त काटी गई है. दूसरी किस्त जनवरी 2021 में काटी जाएगी. बिजली मद में डीवीसी की बकाया राशि को चार किस्त में काटना है. यह पूछे जाने पर कि अब इस मामले में राज्य सरकार का स्टैंड क्या होगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने के बाद फैसला लिया जाएगा.

हेमंत सोरेन ने किया ट्वीट

डीवीसी की बकाया राशि की पहली किस्त की निकासी पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि झारखंड के राजकोषीय व्यवस्था को असंतुलित करने की सुनियोजित कोशिश बंद करें केंद्र सरकार. भाजपा की डबल इंजन सरकार ने वैसे ही राज्य की अस्मिता गिरवी रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. पूर्व की भाजपा सरकार ने संघीय ढांचे को तार-तार कर दोराहे पर खड़ा कर दिया और अब यह?

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