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प्रोजेक्ट भवन में फाइनेंस डिपार्टमेंट के कर्मी कर रहे काम, समय पर वेतन देना सरकार की प्राथमिकता

हेमंत सरकार कोरोना से निपटने से लिए हर संभव कदम उठा रही है. वहीं, अब राज्य सरकार अपने कर्मियों के वेतन को लेकर भी संवेदनशील है. स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में मंगलवार को वित्त विभाग के कर्मियों को छोड़कर अन्य विभाग के कर्मी काफी कम संख्या में आए थे. दरअसल, एक तरफ जहां मंगलवार को वित्त वर्ष की समाप्ति का आखिरी दिन था. वहीं, दूसरी तरफ सरकारी कर्मियों के वेतन को लेकर भी वित्त विभाग क्रियाशील रहा.

Finance department personnel working in Jharkhand project building
प्रोजेक्ट बिल्डिंग
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Published : Apr 1, 2020, 5:11 PM IST

रांची: प्रदेश में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार अपने कर्मियों के वेतन को लेकर भी संवेदनशील है. औपचारिक रूप से वित्त वर्ष 2019-20 के मंगलवार को ही समाप्ति के बाद सरकार की मशीनरी अब अपने कर्मियों को वेतन देने के लिए सक्रिय हो गई है.

देखिए पूरी खबर

जानकारी के अनुसार, स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में मंगलवार को वित्त विभाग के कर्मियों को छोड़कर अन्य विभाग के कर्मी काफी कम संख्या में आए थे. दरअसल, एक तरफ जहां मंगलवार को वित्त वर्ष की समाप्ति का आखिरी दिन था. वहीं, दूसरी तरफ सरकारी कर्मियों के वेतन को लेकर भी वित्त विभाग क्रियाशील रहा.

फाइनेंस डिपार्टमेंट के कर्मी पहुंचे प्रोजेक्ट बिल्डिंग

बुधवार को भी प्रोजेक्ट बिल्डिंग में वित्त विभाग के कर्मी पहुंचे हैं ताकि वह अपनी रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंप सकें. सरकारी आंकड़ों पर यकीन करें तो राज्य भर में 1.75 लाख के आसपास का 'मैन पावर' राज्य सरकार के एक काम करता है. इसमें सरकारी कर्मियों के अलावा वैसे लोग हैं जो राज्य सरकार के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत हैं.

सालाना खर्च होते हैं 15000 करोड़

वित्त विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, साल भर में लगभग 15,000 करोड़ रुपए तनख्वाह और पेंशन मद में खर्च होते हैं. उस हिसाब से अगर देखें तो हर महीने 1000 करोड़ से ज्यादा तनख्वाह मद में खर्च होता है. दरअसल, अप्रैल महीने में ही एक तरफ जहां रामनवमी और महावीर जयंती हैं. वहीं, दूसरी तरफ गुड फ्राइडे के अलावा बैसाखी भी है. इसी महीने रमजान भी शुरू होनेवाला है.

ये भी पढे़ं: कोरोना खतरा: झारखंड में निजी लोगों के बॉडीगार्ड वापस लिए गए

दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में लोग न आए इसलिए राज्य सरकार ने सरकारी कर्मियों को घर से काम करने की इजाजत दी है. हालांकि, सचिवालय में सरकारी विभागों के अधिकारी और कुछ कर्मचारी आ रहे हैं. उन्हें भी बकायदा सेनेटाइजर के उपयोग के बाद ही बिल्डिंग के अंदर जाने की इजाजत मिल रही है.

रांची: प्रदेश में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार एक तरफ जहां वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. वहीं, दूसरी तरफ राज्य सरकार अपने कर्मियों के वेतन को लेकर भी संवेदनशील है. औपचारिक रूप से वित्त वर्ष 2019-20 के मंगलवार को ही समाप्ति के बाद सरकार की मशीनरी अब अपने कर्मियों को वेतन देने के लिए सक्रिय हो गई है.

देखिए पूरी खबर

जानकारी के अनुसार, स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में मंगलवार को वित्त विभाग के कर्मियों को छोड़कर अन्य विभाग के कर्मी काफी कम संख्या में आए थे. दरअसल, एक तरफ जहां मंगलवार को वित्त वर्ष की समाप्ति का आखिरी दिन था. वहीं, दूसरी तरफ सरकारी कर्मियों के वेतन को लेकर भी वित्त विभाग क्रियाशील रहा.

फाइनेंस डिपार्टमेंट के कर्मी पहुंचे प्रोजेक्ट बिल्डिंग

बुधवार को भी प्रोजेक्ट बिल्डिंग में वित्त विभाग के कर्मी पहुंचे हैं ताकि वह अपनी रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंप सकें. सरकारी आंकड़ों पर यकीन करें तो राज्य भर में 1.75 लाख के आसपास का 'मैन पावर' राज्य सरकार के एक काम करता है. इसमें सरकारी कर्मियों के अलावा वैसे लोग हैं जो राज्य सरकार के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत हैं.

सालाना खर्च होते हैं 15000 करोड़

वित्त विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, साल भर में लगभग 15,000 करोड़ रुपए तनख्वाह और पेंशन मद में खर्च होते हैं. उस हिसाब से अगर देखें तो हर महीने 1000 करोड़ से ज्यादा तनख्वाह मद में खर्च होता है. दरअसल, अप्रैल महीने में ही एक तरफ जहां रामनवमी और महावीर जयंती हैं. वहीं, दूसरी तरफ गुड फ्राइडे के अलावा बैसाखी भी है. इसी महीने रमजान भी शुरू होनेवाला है.

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दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में लोग न आए इसलिए राज्य सरकार ने सरकारी कर्मियों को घर से काम करने की इजाजत दी है. हालांकि, सचिवालय में सरकारी विभागों के अधिकारी और कुछ कर्मचारी आ रहे हैं. उन्हें भी बकायदा सेनेटाइजर के उपयोग के बाद ही बिल्डिंग के अंदर जाने की इजाजत मिल रही है.

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