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चिरूडीह हत्याकांड में डीसी समेत 24 अफसरों को मिली थी क्लीन चिट, विरोध में दायर हुआ प्रोटेस्ट पीटिशन - ईटीवी भारत

हजारीबाग के चिरूडीह गोलीकांड में 24 अफसरों के खिलाफ प्रोटेस्ट पीटिशन दायर किया गया है. जिसमें इन सभी को क्लीन चिट दे दी गई थी, ये मामला साल 2016 का है जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी.

फाइल फोटो
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Published : Apr 18, 2019, 7:45 AM IST

रांची: झारखंड के हजारीबाग के चर्चित चिरूडीह गोलीकांड मामले में डीसी रविशंकर शुक्ला समेत 24 आरोपियों को पुलिसिया जांच के बाद क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ प्रोटेस्ट पीटिशन फाइल किया गया है. एक अक्तूबर 2016 को हजारीबाग को चिरूडीह में हुए गोलीकांड में चार लोगों की मौत हो गई थी.

इस मामले में तथ्यों की भूल बताते हुए बड़कागांव एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह और एसपी कन्हैया मयूर पटेल ने नामजद आरोपियों को सुपरविजन में क्लीन चिट दे दिया था. पुलिस ने इस संबंध में कोर्ट में भी आवेदन दिया था लेकिन अब पुलिसिया जांच के खिलाफ हजारीबाग कोर्ट में बड़कागांव विधायक निर्मला देवी की तरफ से अधिवक्ता वासुदेव साव ने प्रोटेस्ट पीटिशन फाइल किया है. कोर्ट ने जांच प्रोटेस्ट पीटिशन को स्वीकार कर लिया है. पुलिस की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी ने कई बिंदुओं की जानकारी दी है. एसडीजीएम कोर्ट में इस संबंध में निर्मला देवी के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस हफ्ते उनका बयान भी दर्ज कराया जाएगा.

हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था कांड
चिरुडीह गोलीकांड मामले में विधायक निर्मला देवी द्वारा हजारीबाग उपायुक्त रविशंकर शुक्ला सहित चौबीस अधिकारियों पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हत्या सहित कई अन्य धाराओं में बड़कागांव थाना में कांड संख्या 141/18 दर्ज हुई थी. साल भर चली जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में डीसी समेत सभी आरोपियों को जांच में क्लीनचीट दे दी थी। केस डायरी में पुलिस ने गोलीकांड में मरे अभिषेक राय, रंजन दास, माहताब आलम, पवन साव के परिजनों का बयान दर्ज किया था, जिसमें लिखा गया था कि मृतक के परिजन नहीं जानते की किसकी गोली से मौत हुई.

क्या था मामला ?
वन अधिकार कानून लागू करने और ग्रामीण रैयतों पर अत्याचार के खिलाफ चिरूडीह में कफन सत्याग्रह चलाया जा रहा था. इसी दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे. हाईकोर्ट के आदेश पर डीसी रविशंकर शुक्ला, निजी कंपनी के जीएम टी गोपालकृष्णा, ए सुब्रमण्यम, तात्कालिन एएसपी कुलदीप कुमार, दंडाधिकारी नारायण विज्ञान प्रभाकर, सीओ शैलेश कुमार, डीएसपी प्रदीप पॉल कच्छप, इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार सिंह, एसआई अकील अहमद, सुदामा दास, परमानंद मेहरा सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था.

रांची: झारखंड के हजारीबाग के चर्चित चिरूडीह गोलीकांड मामले में डीसी रविशंकर शुक्ला समेत 24 आरोपियों को पुलिसिया जांच के बाद क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ प्रोटेस्ट पीटिशन फाइल किया गया है. एक अक्तूबर 2016 को हजारीबाग को चिरूडीह में हुए गोलीकांड में चार लोगों की मौत हो गई थी.

इस मामले में तथ्यों की भूल बताते हुए बड़कागांव एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह और एसपी कन्हैया मयूर पटेल ने नामजद आरोपियों को सुपरविजन में क्लीन चिट दे दिया था. पुलिस ने इस संबंध में कोर्ट में भी आवेदन दिया था लेकिन अब पुलिसिया जांच के खिलाफ हजारीबाग कोर्ट में बड़कागांव विधायक निर्मला देवी की तरफ से अधिवक्ता वासुदेव साव ने प्रोटेस्ट पीटिशन फाइल किया है. कोर्ट ने जांच प्रोटेस्ट पीटिशन को स्वीकार कर लिया है. पुलिस की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी ने कई बिंदुओं की जानकारी दी है. एसडीजीएम कोर्ट में इस संबंध में निर्मला देवी के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस हफ्ते उनका बयान भी दर्ज कराया जाएगा.

हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था कांड
चिरुडीह गोलीकांड मामले में विधायक निर्मला देवी द्वारा हजारीबाग उपायुक्त रविशंकर शुक्ला सहित चौबीस अधिकारियों पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हत्या सहित कई अन्य धाराओं में बड़कागांव थाना में कांड संख्या 141/18 दर्ज हुई थी. साल भर चली जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में डीसी समेत सभी आरोपियों को जांच में क्लीनचीट दे दी थी। केस डायरी में पुलिस ने गोलीकांड में मरे अभिषेक राय, रंजन दास, माहताब आलम, पवन साव के परिजनों का बयान दर्ज किया था, जिसमें लिखा गया था कि मृतक के परिजन नहीं जानते की किसकी गोली से मौत हुई.

क्या था मामला ?
वन अधिकार कानून लागू करने और ग्रामीण रैयतों पर अत्याचार के खिलाफ चिरूडीह में कफन सत्याग्रह चलाया जा रहा था. इसी दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे. हाईकोर्ट के आदेश पर डीसी रविशंकर शुक्ला, निजी कंपनी के जीएम टी गोपालकृष्णा, ए सुब्रमण्यम, तात्कालिन एएसपी कुलदीप कुमार, दंडाधिकारी नारायण विज्ञान प्रभाकर, सीओ शैलेश कुमार, डीएसपी प्रदीप पॉल कच्छप, इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार सिंह, एसआई अकील अहमद, सुदामा दास, परमानंद मेहरा सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था.

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रांची: झारखंड के हजारीबाग के चर्चित चिरूडीह गोलीकांड मामले में डीसी रविशंकर शुक्ला समेत 24 आरोपियों को पुलिसिया जांच के बाद क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ प्रोटेस्ट पीटिशन फाइल किया गया है. एक अक्तूबर 2016 को हजारीबाग को चिरूडीह में हुए गोलीकांड में चार लोगों की मौत हो गई थी.



इस मामले में तथ्यों की भूल बताते हुए बड़कागांव एसडीपीओ अनिल कुमार सिंह और एसपी कन्हैया मयूर पटेल ने नामजद आरोपियों को सुपरविजन में क्लीन चिट दे दिया था. पुलिस ने इस संबंध में कोर्ट में भी आवेदन दिया था लेकिन अब पुलिसिया जांच के खिलाफ हजारीबाग कोर्ट में बड़कागांव विधायक निर्मला देवी की तरफ से अधिवक्ता वासुदेव साव ने प्रोटेस्ट पीटिशन फाइल किया है. कोर्ट ने जांच प्रोटेस्ट पीटिशन को स्वीकार कर लिया है. पुलिस की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी ने कई बिंदुओं की जानकारी दी है. एसडीजीएम कोर्ट में इस संबंध में निर्मला देवी के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस हफ्ते उनका बयान भी दर्ज कराया जाएगा.

हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था कांड

चिरुडीह गोलीकांड मामले में विधायक निर्मला देवी द्वारा हजारीबाग उपायुक्त रविशंकर शुक्ला सहित चौबीस अधिकारियों पर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हत्या सहित कई अन्य धाराओं में बड़कागांव थाना में कांड संख्या 141/18 दर्ज हुई थी. साल भर चली जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में डीसी समेत सभी आरोपियों को जांच में क्लीनचीट दे दी थी। केस डायरी में पुलिस ने गोलीकांड में मरे अभिषेक राय, रंजन दास, माहताब आलम, पवन साव के परिजनों का बयान दर्ज किया था, जिसमें लिखा गया था कि मृतक के परिजन नहीं जानते की किसकी गोली से मौत हुई.



क्या था मामला ?

वन अधिकार कानून लागू करने और ग्रामीण रैयतों पर अत्याचार के खिलाफ चिरूडीह में कफन सत्याग्रह चलाया जा रहा था. इसी दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे. हाईकोर्ट के आदेश पर डीसी रविशंकर शुक्ला, निजी कंपनी के जीएम टी गोपालकृष्णा, ए सुब्रमण्यम, तात्कालिन एएसपी कुलदीप कुमार, दंडाधिकारी नारायण विज्ञान प्रभाकर, सीओ शैलेश कुमार, डीएसपी प्रदीप पॉल कच्छप, इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार सिंह, एसआई अकील अहमद, सुदामा दास, परमानंद मेहरा सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था.


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