रांची: एक ओर जहां स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत झारखंड सरकार की पाबंदियों को लागू कराने को लेकर जिला पुलिस प्रशासन सड़कों पर है. वहीं, इस कड़ाई ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसानों की लाखों रुपए की फसल खेतों में ही सड़ रही है. यह मामला राजधानी से महज कुछ किलोमीटर दूर ओरमांझी थाना क्षेत्र के गुरगांई आश्रम ओरमांझी का है.
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इस गांव में दर्जनों किसान हैं, जिनका जीविकोपार्जन का एकमात्र साधन खेती है. सख्त लॉकडाउन की वजह से किसान ओरमांझी, रांची अपने उत्पाद बेचने नहीं जा पाते. कभी कभार गए भी तो कम समय होने की वजह से अपने उत्पाद को औने-पौने दाम में बेचकर वापस लौटना पड़ता है. ऐसे में उन्हें काफी घाटा सहना पड़ रहा है. विशेष रूप से तरबूज की फसल बर्बाद हो रही है.
खेतों में फसल का तीन से चार रुपए किलो भी नहीं मिल रहा. दुखद बात यह है कि कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन में किसानों को तरबूज के खरीदार नहीं मिल रहे हैं. इससे किसान परेशान हैं. इन्होंने कम खर्च में अच्छी पैदावार और ज्यादा मुनाफे के लिए नई तकनीक से खेती की.
किसानों का कहना है कि कम से कम पांच रुपए किलो की दर से भी तरबूज बिक जाएं तो लागत निकल सकती है लेकिन इस रेट पर भी कोई तरबूज खरीदने को तैयार नहीं है. इसकी वजह से अपनी फसल को खेतों में ही सड़ने को छोड़ना पड़ रहा है या जानवरों को खिला रहे हैं.