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झारखंड से इजरायल गए किसानों का दूसरा दिन, उन्नत खेती का सीख रहे गुर

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Published : Oct 18, 2019, 2:08 AM IST

झारखंड से इजरायल गए किसानों का दूसरा दिन हो गया. जहां किसान उन्नत खेती का गुर सीख रहे हैं. साथ ही किसान दूसरे दिन मोशव केफर सिरकिन के खेतों का दौरा किया और कई जानकारी भी हासील की.

झारखंड से इजरायल गए किसानों का दूसरा दिन

रांची: उन्नत खेती का गुर सीखने गए झारखंड के किसान का इजरायल में दूसरा दिन है. किसानों के दल का नेतृत्व कर रहे पाकुड़ के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि किसान बहुत रूचि लेकर इजरायल में खेती देख रहे और सीख भी रहे हैं. गिरिडीह से गए किसान लक्ष्मण महतो ने बताया कि इजराइल जाने से पहले उनके दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थी उन्होंने इस्राएल के बारे में जो सुना और समझा था उससे कहीं बेहतर सपना पूरा होने जैसा महसूस हो रहा है.

ये भी पढ़ें- BJP 5 चरण में चुनाव की पक्षधर, NDA के सहयोगी आजसू समेत विपक्षी दल एक चरण में चाहते हैं इलेक्शन

झारखंड से आधुनिक तकनीक से खेती की पद्धति जानने गए राज्य के 24 किसानों ने मोशव केफर सिरकिन के खेतों का दौरा किया. इनकी अपनी जमीन के साथ-साथ अन्य किसानों के जमीन पर एक साथ किस तरह अलग-अलग फसल उपजा रहें हैं, इसका अवलोकन किया. किसानों ने 60 हेक्टेयर भूमि में सतालू/आड़ू के बाग का अवलोकन किया. इजरायल के किसानों का एक परिवार ने बताया कि उन्हें हर साल खेती से 35,000 हजार डॉलर का मुनाफा होता है.

किसानों के खेत का भ्रमण करने के बाद ब्रदर्स पोस्ट किसानों को हार्वेस्ट पैकेजिंग यूनिट का दौरा किया. जहां उन्होंने फलों और सब्जियों की सफाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग कैसे होती है, इसकी विस्तार से जानकारी दी गई. किसानों को बताया गया कि वे अपने उपज को रेस्तरां में बेचते हैं. अधिक दिनों तक सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए पैकेजिंग फलों को 3 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर कोल्ड रूम में रखा जाता है. यह 1 से 3 महीने तक के बाजार से आपूर्ति और मांग के अनुसार सुरक्षित रहता है.

रांची: उन्नत खेती का गुर सीखने गए झारखंड के किसान का इजरायल में दूसरा दिन है. किसानों के दल का नेतृत्व कर रहे पाकुड़ के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि किसान बहुत रूचि लेकर इजरायल में खेती देख रहे और सीख भी रहे हैं. गिरिडीह से गए किसान लक्ष्मण महतो ने बताया कि इजराइल जाने से पहले उनके दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थी उन्होंने इस्राएल के बारे में जो सुना और समझा था उससे कहीं बेहतर सपना पूरा होने जैसा महसूस हो रहा है.

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झारखंड से आधुनिक तकनीक से खेती की पद्धति जानने गए राज्य के 24 किसानों ने मोशव केफर सिरकिन के खेतों का दौरा किया. इनकी अपनी जमीन के साथ-साथ अन्य किसानों के जमीन पर एक साथ किस तरह अलग-अलग फसल उपजा रहें हैं, इसका अवलोकन किया. किसानों ने 60 हेक्टेयर भूमि में सतालू/आड़ू के बाग का अवलोकन किया. इजरायल के किसानों का एक परिवार ने बताया कि उन्हें हर साल खेती से 35,000 हजार डॉलर का मुनाफा होता है.

किसानों के खेत का भ्रमण करने के बाद ब्रदर्स पोस्ट किसानों को हार्वेस्ट पैकेजिंग यूनिट का दौरा किया. जहां उन्होंने फलों और सब्जियों की सफाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग कैसे होती है, इसकी विस्तार से जानकारी दी गई. किसानों को बताया गया कि वे अपने उपज को रेस्तरां में बेचते हैं. अधिक दिनों तक सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए पैकेजिंग फलों को 3 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर कोल्ड रूम में रखा जाता है. यह 1 से 3 महीने तक के बाजार से आपूर्ति और मांग के अनुसार सुरक्षित रहता है.

Intro:रांची

झारखण्ड से इजरायल गए किसानों का दूसरा दिन,आधुनिक को खेती जान रहें हैं किसानो का दल


किसानों के दल का नेतृत्व कर रहे पाकुड़ के उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि किसान बहुत रूचि लेकर इजराइल में खेती देख रहे और सीख भी रहे हैं इजराइल के कृषि जगत से जुड़े लोगों से पूरी जिज्ञासा के साथ किसान सवाल पूछ रहे हैं जिससे यह महसूस हो रहा है कि किसान यहां से बहुत कुछ सीख कर जाएंगे।गिरिडीह से गए किसान लक्ष्मण महतो ने बताया कि इजराइल जाने से पहले उनके दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थी उन्होंने इस्राएल के बारे में जो सुना और समझा था उससे कहीं बेहतर सपना पूरा होने जैसा महसूस हो रहा है।



Body:झारखण्ड से आधुनिक तकनीक से खेती की पद्धति जानने गए राज्य के 24 किसानों ने मोशव केफर सिरकिन के खेतों का दौरा किया। इनकी अपनी जमीन के साथ साथ अन्य किसानों के जमीन पर एक साथ किस तरह अलग अलग फसल उपजा रहें हैं, इसका अवलोकन किया। किसानों ने 60 हेक्टेयर भूमि में peach सतालू/आड़ू के बाग का अवलोकन किया। इजराइल के किसानों का एक परिवार ने बताया कि उन्हें हर साल खेती से 35,000 हजार डॉलर का मुनाफा होता है।


किसानों के खेत का भ्रमण करने के बाद ब्रदर्स पोस्ट किसानों को हार्वेस्ट पैकेजिंग यूनिट का दौरा किया, जहां उन्होंने फलों और सब्जियों की सफाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग कैसे होती है, इसकी विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों को बताया गया वे अपने उपज को रेस्तरां में बेचते हैं। अधिक दिनों तक सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए पैकेजिंग फलों को 3 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर कोल्ड रूम में रखा जाता है। यह 1 से 3 महीने तक के बाजार से आपूर्ति और मांग के अनुसार सुरक्षित रहता है।
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