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एक महीने बाद भी नहीं मिला फलक को इंसाफ, मेयर ने कह दिया- रोजाना आते रहते हैं ऐसे आवेदन

रांची में 24 जुलाई को पांच वर्षीय बच्ची फलक की नाले में गिरने के मौत हो गई थी. इसके बाद रांची नगर निगम समेत विभाग के अधिकारियों ने कई वादे किए थे. लेकिन जब अपनी मांगों को लेकर जब फलक की मां खुशबू परवीन निगम कार्यालय पहुंची, तो मेयर ने जो जवाब दिया वो बेहद ही गैर जिम्मेदाराना और अशोभनीय कहा जाएगा.

फलक की मां खुशबू परवीन
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Published : Aug 29, 2019, 6:38 PM IST

Updated : Aug 29, 2019, 7:32 PM IST

रांची: 24 जुलाई को हिंदपीढ़ी इलाके की पांच वर्षीय बच्ची फलक की नाले में गिरने के मौत हो गई थी. घटना के बाद नगर विकास मंत्री सीपी सिंह समेत रांची नगर निगम के अधिकारी, मेयर, डिप्टी मेयर ने संवेदना जाहिर करते हुए कई वादे किए थे. लेकिन फलक की मां खुशबू परवीन एक महीने बाद नगर निगम के दरवाजे पर पहुंची तो मेयर ने कहा कई लोग आवेदन देते रहते हैं, इस पर विचार किया जाएगा.

देखें पूरी खबर

फलक की मां ने लगाई गुहार
रांची नगर निगम के गेट पर फलक की मां खुशबू परवीन ने एक महीने बीतने के बाद भी सरकार और रांची नगर निगम से हादसे के वक्त किए गए वादे पूरे नहीं होने पर सभी वार्ड पार्षदों से गुरुवार को गुहार लगाई. उन्होंने सभी वार्ड पार्षदों समेत मेयर और डिप्टी मेयर को भी आवेदन की कॉपी सौंपी. इसके साथ ही निगम बोर्ड की बैठक सभागार में भी इन्होंने सभी को आवेदन सौंप कर इस मसले पर हाथ जोड़ विचार करने का आग्रह किया.

ये भी पढ़ें- राजनगर कस्तूरबा गांधी विद्यालय नामांकन में गड़बड़ी, सिर्फ सरकारी मुलाजिमों के बच्चों का हुआ नामांकन

वादे से मुकर रहा रांची नगर निगम
इसे लेकर उन्होंने नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को भी आवेदन दिया. लेकिन इस बारे में रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा ऐसे आदेवन आते रहते हैं, इनके आवेदन पर भी विचार किया जाएगा. फलक की मां ने इस आवेदन को लेकर कहा कि सरकार ने मुआवजा देने का वादा भी किया था और नौकरी की मांग भी की गई थी. जिस पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और नगर आयुक्त ने मांग पूरी करने का भरोसा भी दिलाया था. मुआवजे के तहत 50 हजार रुपये तत्काल और मुख्यमंत्री कोष से भी मुआवजा दिलवाने की बात कही गई थी.

दोबारा न घटे ऐसी घटना
वहीं, फलक के पिता सद्दाम ने कहा कि दोबारा किसी बच्चे के साथ ऐसी घटना न हो, इसके लिए निगम को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर विकास मंत्री और नगर निगम के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि उन्हें मुआवजा और नौकरी दी जाएगी. लेकिन एक महीने बीतने के बाद भी सरकार और निगम की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है.

रांची: 24 जुलाई को हिंदपीढ़ी इलाके की पांच वर्षीय बच्ची फलक की नाले में गिरने के मौत हो गई थी. घटना के बाद नगर विकास मंत्री सीपी सिंह समेत रांची नगर निगम के अधिकारी, मेयर, डिप्टी मेयर ने संवेदना जाहिर करते हुए कई वादे किए थे. लेकिन फलक की मां खुशबू परवीन एक महीने बाद नगर निगम के दरवाजे पर पहुंची तो मेयर ने कहा कई लोग आवेदन देते रहते हैं, इस पर विचार किया जाएगा.

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फलक की मां ने लगाई गुहार
रांची नगर निगम के गेट पर फलक की मां खुशबू परवीन ने एक महीने बीतने के बाद भी सरकार और रांची नगर निगम से हादसे के वक्त किए गए वादे पूरे नहीं होने पर सभी वार्ड पार्षदों से गुरुवार को गुहार लगाई. उन्होंने सभी वार्ड पार्षदों समेत मेयर और डिप्टी मेयर को भी आवेदन की कॉपी सौंपी. इसके साथ ही निगम बोर्ड की बैठक सभागार में भी इन्होंने सभी को आवेदन सौंप कर इस मसले पर हाथ जोड़ विचार करने का आग्रह किया.

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वादे से मुकर रहा रांची नगर निगम
इसे लेकर उन्होंने नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को भी आवेदन दिया. लेकिन इस बारे में रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा ऐसे आदेवन आते रहते हैं, इनके आवेदन पर भी विचार किया जाएगा. फलक की मां ने इस आवेदन को लेकर कहा कि सरकार ने मुआवजा देने का वादा भी किया था और नौकरी की मांग भी की गई थी. जिस पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और नगर आयुक्त ने मांग पूरी करने का भरोसा भी दिलाया था. मुआवजे के तहत 50 हजार रुपये तत्काल और मुख्यमंत्री कोष से भी मुआवजा दिलवाने की बात कही गई थी.

दोबारा न घटे ऐसी घटना
वहीं, फलक के पिता सद्दाम ने कहा कि दोबारा किसी बच्चे के साथ ऐसी घटना न हो, इसके लिए निगम को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर विकास मंत्री और नगर निगम के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि उन्हें मुआवजा और नौकरी दी जाएगी. लेकिन एक महीने बीतने के बाद भी सरकार और निगम की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है.

Intro:रांची.24 जुलाई का दिन राजधानी रांची के लोग शायद ही भूल पाएंगे। क्योंकि उस दिन राजधानी के हिंदपीरी इलाके के नाला रोड में 5 वर्षीय बच्ची फलक की नाले में गिरने के बाद दर्दनाक मौत हो गई थी और कई किलोमीटर दूर बच्ची का शव बरामद किया गया था। जिसके बाद नगर विकास मंत्री समेत नगर निगम के अधिकारी, मेयर डिप्टी ,मेयर ने संवेदना जाहिर करते हुए कई वादे और दावे किए थे। लेकिन हैरत की बात यह है कि जब उस मासूम की मौत पर किए गए वादे के लिए उसकी मां नगर निगम के दरवाजे पहुंच मेयर को आवेदन दिया तो उन्होंने कहा कि कई लोग आवेदन देते रहते हैं। इस पर विचार किया जाएगा।


Body:रांची नगर निगम के गेट पर एक बच्ची को गोद में लिए खड़ी यह महिला खुशबू परवीन है। जो नाला रोड में हादसे का शिकार हुई मासूम फलक की मां है। 1 महीने बीतने के बाद भी सरकार और निगम प्रबंधन की ओर से हादसे के वक्त किए गए वादे पूरे नहीं होने पर इनके द्वारा सभी वार्ड पार्षदों को गुरुवार को गुहार लगाते देखा गया। उन्होंने सभी वार्ड पार्षदों समेत मेयर और डिप्टी मेयर को भी आवेदन की कॉपी सौंपी। साथ ही निगम बोर्ड की बैठक के सभागार में भी इन्होंने सभी को आवेदन सौंपा कर इस मसले पर हांथ जोड़ विचार करने का आग्रह किया। साथ ही नगर विकास मंत्री को भी आवेदन दिया गया है। लेकिन इस बाबत जब मेयर आशा लकड़ा से सवाल किए गए तो उनका क्या जवाब था। यह आप खुद ही सुनकर हैरत में पड़ जाएंगे। उन्होंने जो जवाब दिया। उससे यही लगा कि फलक की मौत के दिन दिखाई गई संवेदना महज एक दिखावा थी।


Conclusion:फलक की मां ने इस आवेदन को लेकर कहा कि सरकार ने मुआवजा देने का वादा भी किया था। साथ ही नौकरी की मांग भी की गई थी। जिस पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और नगर आयुक्त ने मांग पूरी करने का भरोसा भी दिलाया था। मुआवजे के तहत 50 हजार रुपये तत्काल और मुख्यमंत्री कोष से भी मुआवजा दिलवाने की बात कही गई थी। साथ ही फलक के पिता को नौकरी भी देने के वादे किए गए थे। लेकिन अब तक यह वादे सिर्फ वादे ही रह गए हैं।

वही फलक के पिता सद्दाम ने कहा कि दोबारा किसी बच्चे के साथ ऐसी घटना ना हो। इसके लिए निगम को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर विकास मंत्री और नगर निगम के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि उन्हें मुआवजा और नौकरी दी जाएगी। लेकिन 1 महीने बीतने के बाद भी सरकार और निगम की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है।
Last Updated : Aug 29, 2019, 7:32 PM IST
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