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झारखंड के 90 प्रतिशत घरों में नहीं पहुंचता शुद्ध पेयजल, मंत्री मिथिलेश ठाकुर से एक्सक्लूसिव बातचीत

झारखंड के 90 प्रतिशत घरों में पीने का साफ पानी नहीं पहुंचता है. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने इसके लिए पिछली भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि साल 2024 तक सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचा दिया जाएगा.

मंत्री मिथिलेश ठाकुर
मंत्री मिथिलेश ठाकुर
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Published : Jan 16, 2021, 2:10 PM IST

रांची: कहते हैं जल है तो जीवन है. लेकिन जल, जंगल और जमीन की बुनियाद पर 20 साल पहले बने झारखंड के 90 प्रतिशत घरों में अबतक पाइप से शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचा है. ग्रामीण इलाकों की स्थिति तो बेहद खराब है. डाड़ी और चुआं का पानी पीने को लोग विवश हैं. पलामू प्रमंडल के कई इलाकों में आर्सेनिक युक्त पानी पीने से लोगों को तरह-तरह की बीमारी हो रही है. जहां तक स्वच्छता की बात है तो पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के जमाने में झारखंड खुले में शौचमुक्त राज्य घोषित कर दिया गया था लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. इन तमाम मसलों पर ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से बात की.

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से खास बात

मिथिलेश ठाकुर ने स्वीकार किया कि शुद्ध पेयजल के मामले में झारखंड की स्थिति बेहद खराब है. इसकी वजह भाजपा है क्योंकि 20 वर्षों में भाजपा ही सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रही है. इस चुनौती का सामना करने के लिए हेमंत सरकार जी-जान से जुटी है. उन्होंने कहा कि झारखंड के 54 लाख ग्रामीण घरों में से केवल 4.37 लाख घरों में चालू घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) हैं. 2019-20 में केवल 98,000 नल कनेक्शन प्रदान किए गए थे. इसका मतलब यह है कि शेष ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन देने करने का बड़ा काम बचा हुआ है. 2020-21 के दौरान 12 लाख घरों को नल का कनेक्शन देने की योजना बनाई जा रही है. इसके अलावा 2020-21 के दौरान 15 ब्लॉक और 4,700 गांवों (16%) के 100% कवरेज के लिए योजना बनाई है. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने 2024 तक सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लक्ष्य रखा है.

ये भी पढ़ें-बोकारो स्टील प्लांट का केमिकल दामोदर में घोल रहा जहर!

वाटर हार्वेस्टिंग होगा अनिवार्य

झारखंड में भूगर्भ जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. बहुत तेजी से भूगर्भ जल का दोहन हो रहा है. इस पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए जल का संचयन करना हम सबकी जिम्मेदारी है. इसके लिए वाटर हार्वेस्टिंग पर फोकस करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने सभी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था कर रही है. अब आम लोगों के लिए वाटर हार्वेस्टिंग करना अनिवार्य किया जाएगा.

झारखंड में कई गांव हैं जहां चापानल नहीं है. कई गांवों में चापानल खराब पड़े हैं. मामूली मरम्मत के अभाव में लोग पेयजल के लिए परेशान हैं. इसके जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि चापानल की मामूली गड़बड़ी को दूर करने के लिए जिलास्तर पर फंड की व्यवस्था है. उनका विभाग इसको लेकर सर्वे करा रहा है. सभी चापानल की मरम्मती होगी. जो चापानल सूख गये हैं उसकी जगह नई बोरिंग करने का प्लान है.

स्वच्छता अभियान के नाम पर घोटाला

मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने घोषणा की थी पूरा राज्य खुले में शौच से मुक्त हो गया है. इसके लिए गांवों के मुहाने पर ओडीएफ का बोर्ड लगाया गया था लेकिन सच्चाई सभी जानते हैं. उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के नाम पर सिर्फ घोटाला हुआ. उनकी सरकार इसका डाटा तैयार करा रही है. गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. सभी शौचायलों को दुरूस्त किया जाएगा.

रांची: कहते हैं जल है तो जीवन है. लेकिन जल, जंगल और जमीन की बुनियाद पर 20 साल पहले बने झारखंड के 90 प्रतिशत घरों में अबतक पाइप से शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचा है. ग्रामीण इलाकों की स्थिति तो बेहद खराब है. डाड़ी और चुआं का पानी पीने को लोग विवश हैं. पलामू प्रमंडल के कई इलाकों में आर्सेनिक युक्त पानी पीने से लोगों को तरह-तरह की बीमारी हो रही है. जहां तक स्वच्छता की बात है तो पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के जमाने में झारखंड खुले में शौचमुक्त राज्य घोषित कर दिया गया था लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. इन तमाम मसलों पर ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह ने पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से बात की.

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर से खास बात

मिथिलेश ठाकुर ने स्वीकार किया कि शुद्ध पेयजल के मामले में झारखंड की स्थिति बेहद खराब है. इसकी वजह भाजपा है क्योंकि 20 वर्षों में भाजपा ही सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रही है. इस चुनौती का सामना करने के लिए हेमंत सरकार जी-जान से जुटी है. उन्होंने कहा कि झारखंड के 54 लाख ग्रामीण घरों में से केवल 4.37 लाख घरों में चालू घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) हैं. 2019-20 में केवल 98,000 नल कनेक्शन प्रदान किए गए थे. इसका मतलब यह है कि शेष ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन देने करने का बड़ा काम बचा हुआ है. 2020-21 के दौरान 12 लाख घरों को नल का कनेक्शन देने की योजना बनाई जा रही है. इसके अलावा 2020-21 के दौरान 15 ब्लॉक और 4,700 गांवों (16%) के 100% कवरेज के लिए योजना बनाई है. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार ने 2024 तक सभी घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लक्ष्य रखा है.

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वाटर हार्वेस्टिंग होगा अनिवार्य

झारखंड में भूगर्भ जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. बहुत तेजी से भूगर्भ जल का दोहन हो रहा है. इस पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए जल का संचयन करना हम सबकी जिम्मेदारी है. इसके लिए वाटर हार्वेस्टिंग पर फोकस करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने सभी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था कर रही है. अब आम लोगों के लिए वाटर हार्वेस्टिंग करना अनिवार्य किया जाएगा.

झारखंड में कई गांव हैं जहां चापानल नहीं है. कई गांवों में चापानल खराब पड़े हैं. मामूली मरम्मत के अभाव में लोग पेयजल के लिए परेशान हैं. इसके जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि चापानल की मामूली गड़बड़ी को दूर करने के लिए जिलास्तर पर फंड की व्यवस्था है. उनका विभाग इसको लेकर सर्वे करा रहा है. सभी चापानल की मरम्मती होगी. जो चापानल सूख गये हैं उसकी जगह नई बोरिंग करने का प्लान है.

स्वच्छता अभियान के नाम पर घोटाला

मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने घोषणा की थी पूरा राज्य खुले में शौच से मुक्त हो गया है. इसके लिए गांवों के मुहाने पर ओडीएफ का बोर्ड लगाया गया था लेकिन सच्चाई सभी जानते हैं. उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के नाम पर सिर्फ घोटाला हुआ. उनकी सरकार इसका डाटा तैयार करा रही है. गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. सभी शौचायलों को दुरूस्त किया जाएगा.

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