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क्वॉरेंटाइन सेंटर में आराम कर रहे 500 कोरोना वॉरियर्स, 14 दिन बाद फिर मैदान में आएंगे नजर

रांची का सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित इलाका हिंदपीढ़ी में लगातार 18 दिनों तक कड़ी ड्यूटी करने के बाद झारखंड पुलिस के 500 जवान और अधिकारी फिलहाल राजधानी रांची के धुर्वा स्थित विस्थापित कॉलोनी में क्वॉरेंटाइन हैं. फिलहाल, 14 दिनों तक यह सभी पुलिसवाले ही एक-दूसरे के परिवार हैं. क्वॉरेंटाइन सेंटर के अंदर जाकर ईटीवी भारत की टीम ने पुलिस वालों का हाल जाना.

Police Quarantine Center in ranchi
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Published : May 6, 2020, 5:01 PM IST

Updated : May 6, 2020, 11:20 PM IST

रांची: कोरोना संक्रमण काल के शुरू होने से लेकर लॉकडाउन-3 तक अगर किसी के भरोसे पूरा समाज अपने घरों में सुरक्षित है तो वजह है पुलिसवाले. लगातार ड्यूटी कर हमारे 500 कोरोना वॉरियर्स अपने परिवार से दूर फिलहाल क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं. 14 दिनों के बाद यह वॉरियर्स एक बार फिर अपनी ड्यूटी पर वापस लौट जाएंगे. क्वॉरेंटाइन सेंटर में कैसे यह अपने समय को बिता रहे हैं, परिवार से नहीं मिल पाने का कितना दुख है? ईटीवी भारत की टीम ने क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाकर जाना इनका हाल.

जानकारी देते संवाददाता प्रशांत कुमार

विस्थापित कॉलोनी में क्वॉरेंटाइन सेंटर

रांची का सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित इलाका हिंदपीढ़ी में लगातार 18 दिनों तक कड़ी ड्यूटी करने के बाद झारखंड पुलिस के 500 जवान और अधिकारी फिलहाल राजधानी रांची के धुर्वा स्थित विस्थापित कॉलोनी में क्वॉरेंटाइन हैं. फिलहाल, 14 दिनों तक यह सभी पुलिसवाले ही एक-दूसरे के परिवार हैं. यहां पर यह बेहद खुशनुमा माहौल में रह रहे हैं और झारखंड पुलिस के द्वारा उपलब्ध करवाए गए सभी सुविधाओं से काफी खुश हैं. विस्थापित कॉलोनी में लगभग 500 के करीब फ्लैट है. एक फ्लैट में 3 कमरे हैं. हर पुलिस वाले को एक कमरा उपलब्ध करवाया गया है ताकि सोशल डिस्टेंस का पूरी तरह से पालन हो सके.

दी जा रही स्टेमिना की दवाई

यहां इन्हें समय-समय पर स्टेमिना बढ़ाने वाली दवाइयां दी जा रही हैं. इसके अलावा खाने का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. यहां का वातावरण काफी शुद्ध है क्योंकि आसपास के इलाके में केवल हरियाली ही है. इसलिए सुबह और शाम पुलिस वाले नियमित जोगिंग भी करते हैं. इसके अलावा भी एक साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए व्यायाम भी करते हैं.

हिंदपीढ़ी में नहीं हुई कोई दिक्कत

बातचीत के दौरान आराम कर रहे पुलिस वाले काफी खुश नजर आएं. उन्होंने हिंदपीढ़ी को लेकर लोगों के मन में कायम कई भ्रांतियां भी दूर की और यह बताया कि जिस तरह से बाहर से हिंदपीढ़ी के बारे में बताया जाता है, वैसा वहां कुछ नहीं है. वे लोग वहां लगभग 18 दिन तक 24 घंटे तैनात रहे, लेकिन उन्हें किसी भी तरह की कोई भी मुश्किल नहीं हुई. पुलिस वाले बताते हैं कि हिंदपीढ़ी में ड्यूटी के दौरान उन्हें कोरोना से बचने के लिए सभी तरह की सुविधाएं दी गई थी.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में जो भी पुलिस वाले हैं उनका प्रारंभिक मेडिकल जांच किया गया है, जिससे सभी लोग संतुष्ट हैं. पुलिस वालों के अनुसार, प्रारंभिक जांच के दौरान उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया और सबसे राहत की बात यह है कि 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी वहां तैनात थे, लेकिन किसी में भी कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया. सभी पुलिस वालों का उत्साह कायम है और वे क्वॉरेंटाइन में रहने के बाद एक बार फिर से हिंदपीढ़ी में ड्यूटी करने के लिए तैयार हैं.

ड्यूटी पहली जिम्मेवारी

हालांकि, सभी पुलिस वालों की एक चिंता समान रूप से मिली, सभी अपने परिवार को लेकर थोड़े चिंतित दिखे. क्योंकि पिछले एक महीने से वे अपने परिवार के किसी भी सदस्य से नहीं मिल पाए हैं. किसी के सिर्फ मां-बाप हैं तो किसी के पत्नी- बच्चे हैं, जिनसे वे नहीं मिल पा रहे हैं. पुलिस वाले बताते हैं कि परिवार की याद बहुत आती है, लेकिन इस समय में वे एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. इससे जीतने के बाद वे अपने परिवार से मिलेंगे तो उन्हें दोगुनी खुशी होगी.

ये भी पढे़ं: कोरोना के दो पॉजिटिव केस आने के बाद प्रशासन रेस, आसपास के इलाकों की बढ़ाई गई चौकसी

क्वॉरेंटाइन में बेहतर सुविधा

ईटीवी भारत की टीम अचानक विस्थापित कॉलोनी पहुंची थी. ऐसे में यह तय है कि कोई भी पुलिस वाला हमारी टीम को दिग्भ्रमित करने की कोशिश नहीं कर सकता है. क्योंकि हम अचानक पहुंचे थे, जो यहां की सच्चाई थी वही सामने निकल कर आई. क्योंकि ईटीवी भारत की टीम वहां इसलिए पहुंची थी ताकि वैसे पुलिसकर्मी जो दिन-रात हमारे समाज और हमारे लिए अपनी जान को खतरे में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं उनकी स्थिति क्या है? कहीं उन्हें किसी तरह की दिक्कतों का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा. ईटीवी भारत की टीम की शुभकामना है इन कोरोना वॉरियर्स को कि वे जल्द से जल्द 14 दिनों का समय गुजार कर वापस एक बार फिर से नए उत्साह के साथ ड्यूटी पर लौटे.

रांची: कोरोना संक्रमण काल के शुरू होने से लेकर लॉकडाउन-3 तक अगर किसी के भरोसे पूरा समाज अपने घरों में सुरक्षित है तो वजह है पुलिसवाले. लगातार ड्यूटी कर हमारे 500 कोरोना वॉरियर्स अपने परिवार से दूर फिलहाल क्वॉरेंटाइन सेंटर में हैं. 14 दिनों के बाद यह वॉरियर्स एक बार फिर अपनी ड्यूटी पर वापस लौट जाएंगे. क्वॉरेंटाइन सेंटर में कैसे यह अपने समय को बिता रहे हैं, परिवार से नहीं मिल पाने का कितना दुख है? ईटीवी भारत की टीम ने क्वॉरेंटाइन सेंटर में जाकर जाना इनका हाल.

जानकारी देते संवाददाता प्रशांत कुमार

विस्थापित कॉलोनी में क्वॉरेंटाइन सेंटर

रांची का सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित इलाका हिंदपीढ़ी में लगातार 18 दिनों तक कड़ी ड्यूटी करने के बाद झारखंड पुलिस के 500 जवान और अधिकारी फिलहाल राजधानी रांची के धुर्वा स्थित विस्थापित कॉलोनी में क्वॉरेंटाइन हैं. फिलहाल, 14 दिनों तक यह सभी पुलिसवाले ही एक-दूसरे के परिवार हैं. यहां पर यह बेहद खुशनुमा माहौल में रह रहे हैं और झारखंड पुलिस के द्वारा उपलब्ध करवाए गए सभी सुविधाओं से काफी खुश हैं. विस्थापित कॉलोनी में लगभग 500 के करीब फ्लैट है. एक फ्लैट में 3 कमरे हैं. हर पुलिस वाले को एक कमरा उपलब्ध करवाया गया है ताकि सोशल डिस्टेंस का पूरी तरह से पालन हो सके.

दी जा रही स्टेमिना की दवाई

यहां इन्हें समय-समय पर स्टेमिना बढ़ाने वाली दवाइयां दी जा रही हैं. इसके अलावा खाने का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. यहां का वातावरण काफी शुद्ध है क्योंकि आसपास के इलाके में केवल हरियाली ही है. इसलिए सुबह और शाम पुलिस वाले नियमित जोगिंग भी करते हैं. इसके अलावा भी एक साथ सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए व्यायाम भी करते हैं.

हिंदपीढ़ी में नहीं हुई कोई दिक्कत

बातचीत के दौरान आराम कर रहे पुलिस वाले काफी खुश नजर आएं. उन्होंने हिंदपीढ़ी को लेकर लोगों के मन में कायम कई भ्रांतियां भी दूर की और यह बताया कि जिस तरह से बाहर से हिंदपीढ़ी के बारे में बताया जाता है, वैसा वहां कुछ नहीं है. वे लोग वहां लगभग 18 दिन तक 24 घंटे तैनात रहे, लेकिन उन्हें किसी भी तरह की कोई भी मुश्किल नहीं हुई. पुलिस वाले बताते हैं कि हिंदपीढ़ी में ड्यूटी के दौरान उन्हें कोरोना से बचने के लिए सभी तरह की सुविधाएं दी गई थी.

क्वॉरेंटाइन सेंटर में जो भी पुलिस वाले हैं उनका प्रारंभिक मेडिकल जांच किया गया है, जिससे सभी लोग संतुष्ट हैं. पुलिस वालों के अनुसार, प्रारंभिक जांच के दौरान उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा गया और सबसे राहत की बात यह है कि 500 से ज्यादा पुलिसकर्मी वहां तैनात थे, लेकिन किसी में भी कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया. सभी पुलिस वालों का उत्साह कायम है और वे क्वॉरेंटाइन में रहने के बाद एक बार फिर से हिंदपीढ़ी में ड्यूटी करने के लिए तैयार हैं.

ड्यूटी पहली जिम्मेवारी

हालांकि, सभी पुलिस वालों की एक चिंता समान रूप से मिली, सभी अपने परिवार को लेकर थोड़े चिंतित दिखे. क्योंकि पिछले एक महीने से वे अपने परिवार के किसी भी सदस्य से नहीं मिल पाए हैं. किसी के सिर्फ मां-बाप हैं तो किसी के पत्नी- बच्चे हैं, जिनसे वे नहीं मिल पा रहे हैं. पुलिस वाले बताते हैं कि परिवार की याद बहुत आती है, लेकिन इस समय में वे एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं. इससे जीतने के बाद वे अपने परिवार से मिलेंगे तो उन्हें दोगुनी खुशी होगी.

ये भी पढे़ं: कोरोना के दो पॉजिटिव केस आने के बाद प्रशासन रेस, आसपास के इलाकों की बढ़ाई गई चौकसी

क्वॉरेंटाइन में बेहतर सुविधा

ईटीवी भारत की टीम अचानक विस्थापित कॉलोनी पहुंची थी. ऐसे में यह तय है कि कोई भी पुलिस वाला हमारी टीम को दिग्भ्रमित करने की कोशिश नहीं कर सकता है. क्योंकि हम अचानक पहुंचे थे, जो यहां की सच्चाई थी वही सामने निकल कर आई. क्योंकि ईटीवी भारत की टीम वहां इसलिए पहुंची थी ताकि वैसे पुलिसकर्मी जो दिन-रात हमारे समाज और हमारे लिए अपनी जान को खतरे में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं उनकी स्थिति क्या है? कहीं उन्हें किसी तरह की दिक्कतों का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा. ईटीवी भारत की टीम की शुभकामना है इन कोरोना वॉरियर्स को कि वे जल्द से जल्द 14 दिनों का समय गुजार कर वापस एक बार फिर से नए उत्साह के साथ ड्यूटी पर लौटे.

Last Updated : May 6, 2020, 11:20 PM IST
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