रांची: राजधानी रांची कांके की रहने वाली राष्ट्रीय कराटे चैंपियन खिलाड़ी विमला मुंडा की बदहाली से जुड़ी एक खबर ईटीवी भारत ने दिखाई थी. इस खबर का असर हुआ है. मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है. एक महीने के अंदर इन खिलाड़ियों को नियुक्त करने को लेकर आश्वासन मिला है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भी इसके संकेत दिए हैं. मामले को लेकर विमला मुंडा समेत कई खिलाड़ी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यालय पहुंचकर सुप्रियो भट्टाचार्य को धन्यवाद दिया है. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम को भी खिलाड़ियों ने धन्यवाद देते हुए खुशी जाहिर की है.
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सरकार के साथ ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
विमला अब बड़े टूर्नामेंट में खेल भी पाएगी और परिवार का भरण पोषण करने के लिए विमला को हड़िया भी नहीं बेचना पड़ेगा. दरअसल, खेल विभाग ने अक्टूबर-नवंबर 2019 में नेशनल इंटरनेशनल मेडल विजेताओं के लिए खेल कोटे से सीधी नियुक्ति के लिए एक विज्ञापन जारी किया था. कई खिलाड़ी ने आवेदन दिए थे. विभाग ने इस साल फरवरी में फाइनली 34 खिलाड़ियों को शॉर्ट लिस्टेड भी किया था. लेकिन इसके बावजूद अब तक इनकी नियुक्ति नहीं हो सकी है. इस बीच कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. इनमें से एक विमला मुंडा भी है. जिसने कई राष्ट्रीय कराटे चैंपियनशिप में राज्य का नाम रोशन किया है. यहां तक की फिल्म स्टार अक्षय कुमार इंटरनेशनल कराटे टूर्नामेंट में भी दो गोल्ड मेडल जीतकर अपने राज्य का लोहा मनवाया है. इसके बावजूद परिवार का समर्थन और आर्थिक तंगी के बावजूद इस खेल को लेकर विमला मुंडा का जुनून हमेशा ही देखा गया है और ऐसे प्रतिभावन होनहार खिलाड़ियों को उनका हक और अधिकार मिलना ही चाहिए. राज्य सरकार की ओर से इन खिलाड़ियों को आश्वासन दिया गया है कि उन्हें एक महीने के अंदर नियुक्ति को लेकर योजना तैयार हो जाएगी. इसके लिए राज्य सरकार की खेल विभाग प्रयासरत है और योजना तैयार कर रही है. सरकार के इस निर्णय के बाद इन खिलाड़ियों को एक उम्मीद जगी है. इस बीच इन्होंने ईटीवी भारत को भी धन्यवाद दिया है.
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मिलेगा हक और अधिकार
ईटीवी भारत अपने खबरों के माध्यम से हमेशा ही आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को उजागर करता रहा है. उन समस्याओं का समाधान कैसे हो इस दिशा में भी पहल करता रहा है. इन खिलाड़ियों को उनका हक और अधिकार मिले इस दिशा में खबरों के माध्यम से संबंधित लोगों तक बात पहुंचाने की हर संभव कोशिश की गई. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव ने भी यह कहा है कि इन खिलाड़ियों को उनका हक जरूर मिलेगा. मुख्यमंत्री की ओर से भी एक कार्यक्रम के दौरान 30 दिनों के अंदर इन खिलाड़ियों को नियुक्त किए जाने को लेकर आश्वासन दिया गया है. सरकार ऐसे होनहार और प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए योजना के तहत काम करें तो उनका हक जरूर मिलेगा.