रांचीः 21 जून को पूरे विश्व भर में अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाया जाता है. इस खास तारीख को लेकर ईटीवी भारत से योगदा मठ के ब्रह्मचारी धैर्यानंद जी ने खास बातचीत की और योग के लाभ को समझाया. धैर्यानंद जी ने बताया कि योग से तात्पर्य है मन और आत्मा जिसके अंदर अनंत प्रेम, आनंद, शांति समाया हुआ है. उससे मन को कनेक्ट कर लें.
पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ना
हर इंसान अपनी जिंदगी में दो परिस्थितियों का सामना करता है. एक होती है अनुकूल और दूसरी होती है प्रतिकूल. ऐसा कभी नहीं हो सकता कि लोग जैसा चाहेंगे उसी तरीके से संसार चलेगा. जाहिर है अभी पूरे विश्व में ज्यादातर लोगों के लिए प्रतिकूल परिस्थिति बनी है और ऐसे समय में खुद को पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ाना है.
इंसान को धैर्य बनाकर रखना होगा
ब्रह्मचारी धैर्यानंद जी ने इस परिस्थिति को ग्लास में भरे मिट्टी वाले पानी से जोड़ कर समझाया. उन्होंने कहा कि यहां पानी मन है और पानी में घुला मिट्टी विचार है. लेकिन जब हम ग्लास को स्थिर रख देते हैं तो पानी में घुला मिट्टी नीचे की तरफ बैठ जाता है. आज के हालात में इंसान को धैर्य बनाकर रखना होगा और खुद को परिस्थिति के सामने लाचार बनाने के बजाय नए विकल्प तलाशने होंगे.
फिजिकली और मेंटली फिट रहना दोनों जरूरी
ब्रह्मचारी धैर्यानंद जी से पूछा गया कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में लोगों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है. ऐसे लोगों के लिए इस हालात में योग कैसे एक सार्थक माध्यम बन सकता है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भूखे पेट भजन न होय गोपाला. यानी जो भूखा है वह खुद को कैसे शांत कर सकता है. लिहाजा, ऐसे समय में वैसे लोगों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए जो संपन्न हैं, क्योंकि जब संपन्न लोग गरीबों के हित में सामने आते हैं तो उन्हें भी शांति मिलती है. आम लोगों के बीच एक धारणा है कि फिजिकली फिट से ज्यादा जरूरी है मेंटली फिट होना. लेकिन योग बताता है कि दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और दोनों के फिट हुए बगैर एक दूसरे का काम नहीं चल सकता, इसलिए दोनों जरूरी है.
कोरोना काल में चिंताओं का कैसे होगा समाधान
ब्रह्मचारी धैर्यानंद ने बताया कि कोरोना काल में लोगों के सामने विकट परिस्थिति उत्पन्न हुई है. ऐसे हालात में सिर्फ चिंता करने से समाधान नहीं निकलेगा और समस्याएं ज्यादा बढ़ जाएंगी. अगर हम करेंगे तो खुद को शिथिल कर लेंगे. वहीं दूसरी अवस्था यह होती है कि हम ऐसे हालात से खुद को बचाने के लिए ज्यादा एक्टिव हो जाएं. वर्तमान समय में इसी की जरूरत है.
फिलहाल लोगों को अपने इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर देना है. जिसे टॉनिक से नहीं बढ़ाया जा सकता इसका सबसे कारगर माध्यम है डीप ब्रीदिंग यानी गहरी सांस लेना. सांस को थोड़ी देर तक रोककर रखना और फिर उसे धीरे-धीरे छोड़ना. ऐसा करने से लोग रिफ्रेश महसूस करेंगे, मन शांत रहेगा और वे पॉजिटिव सोच के साथ आगे बढ़ पाएंगे.