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चांसलर पोर्टल से ग्रामीण क्षेत्र में नामांकन की स्थिति खराब, कई कॉलेजों में एडमिशन जीरो

रांची विश्वविद्यालय के 27 कॉलेजों में यूजी में नामांकन की प्रक्रिया चलाई जा रही थी. चांसलर पोर्टल की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में नामांकन की स्थिति बहुत ही खराब रहा. यहां तक की कई कॉलेजों में एक भी एडमिशन नहीं हुआ है.

enrollment in rural areas very poor due to Chancellor portal
रांची विश्वविद्यालय
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Published : Sep 28, 2020, 3:43 PM IST

रांची: चांसलर पोर्टल के माध्यम से रांची विश्वविद्यालय के 27 कॉलेजों में यूजी में नामांकन की प्रक्रिया 6 अगस्त से 25 अगस्त तक चली. शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों की स्थिति नामांकन को लेकर काफी खराब है. कुछ कॉलेजों में तो एक भी नामांकन चांसलर पोर्टल के जरिए नहीं हुआ है.

enrollment in rural areas very poor due to Chancellor portal
रांची विश्वविद्यालय
रांची विश्वविद्यालय के 27 कॉलेजों में चांसलर पोर्टल के जरिए नामांकन की प्रक्रिया 6 अगस्त से शुरू हुई थी, जो 25 अगस्त तक संचालित हुई है. अब तक नामांकन इन तमाम कॉलेजों को मिलाकर 40,159 परीक्षार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन दिया है. शहरी क्षेत्र के कॉलेजों में सीटों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में नामांकन की स्थिति काफी खराब है. इसमें डुमरी कॉलेज और केओ कॉलेज में अब तक एक भी नामांकन नहीं हुआ है. वहीं एसके बागे कॉलेज में 247 आवेदन आए हैं लेकिन एडमिशन जीरो है. शहरी क्षेत्रों में मारवाड़ी कॉलेज में सबसे अधिक आवेदन आए हैं, 6428 विद्यार्थियों ने आवेदन दिया है.

वहीं, रांची वीमेंस कॉलेज में 5,723, मारवाड़ी वीमेंस कॉलेज में 3,052 आवेदन चांसलर पोर्टल के माध्यम से अब तक मिले हैं. एक्सपर्ट की मानें तो चांसलर पोर्टल के जरिए नामांकन के लिए जाने से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन तो कर रहे हैं लेकिन नामांकन लेने में उन्हें नेटवर्क संबंधी परेशानी हो रही है और इसी वजह से हुए नामांकन नहीं ले पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- दुमका में हर घर पहुंच रहा स्कूल, दीवारें बनी ब्लैकबोर्ड

इस मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि समस्या को दूर करने की कोशिश की जा रही है सीटें फुल हो इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी निकाली जाएगी.

रांची: चांसलर पोर्टल के माध्यम से रांची विश्वविद्यालय के 27 कॉलेजों में यूजी में नामांकन की प्रक्रिया 6 अगस्त से 25 अगस्त तक चली. शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों की स्थिति नामांकन को लेकर काफी खराब है. कुछ कॉलेजों में तो एक भी नामांकन चांसलर पोर्टल के जरिए नहीं हुआ है.

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रांची विश्वविद्यालय
रांची विश्वविद्यालय के 27 कॉलेजों में चांसलर पोर्टल के जरिए नामांकन की प्रक्रिया 6 अगस्त से शुरू हुई थी, जो 25 अगस्त तक संचालित हुई है. अब तक नामांकन इन तमाम कॉलेजों को मिलाकर 40,159 परीक्षार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन दिया है. शहरी क्षेत्र के कॉलेजों में सीटों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में नामांकन की स्थिति काफी खराब है. इसमें डुमरी कॉलेज और केओ कॉलेज में अब तक एक भी नामांकन नहीं हुआ है. वहीं एसके बागे कॉलेज में 247 आवेदन आए हैं लेकिन एडमिशन जीरो है. शहरी क्षेत्रों में मारवाड़ी कॉलेज में सबसे अधिक आवेदन आए हैं, 6428 विद्यार्थियों ने आवेदन दिया है.

वहीं, रांची वीमेंस कॉलेज में 5,723, मारवाड़ी वीमेंस कॉलेज में 3,052 आवेदन चांसलर पोर्टल के माध्यम से अब तक मिले हैं. एक्सपर्ट की मानें तो चांसलर पोर्टल के जरिए नामांकन के लिए जाने से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन तो कर रहे हैं लेकिन नामांकन लेने में उन्हें नेटवर्क संबंधी परेशानी हो रही है और इसी वजह से हुए नामांकन नहीं ले पा रहे हैं.

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इस मामले को लेकर रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि समस्या को दूर करने की कोशिश की जा रही है सीटें फुल हो इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी निकाली जाएगी.

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