ETV Bharat / city

Encroachment: सरकारी जमीन छुड़वा पाने में महकमा नाकाम! वीर शहीद पोटो मैदान निर्माण योजना की रफ्तार हुई धीमी

राज्य में वीर शहीद पोटो के नाम से योजना शुरू की गई. ग्रामीण खेल मैदान निर्माण योजना के तहत 500 खेल मैदान का लक्ष्य था. जिसकी जगह अब तक राज्य में करीब 90 ही खेल मैदान बने हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और उसे छुड़ाने में महकमे का नाकाम होना.

encroachment-of-government-lands-in-jharkhand
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण
author img

By

Published : Jul 27, 2021, 10:26 PM IST

Updated : Jul 28, 2021, 7:53 PM IST

रांचीः अतिक्रमणकारियों के आगे सरकार बेबश है. हालत यह है कि ग्रामीण स्तर पर बनने वाले खेल मैदान बनाने में सरकार अतिक्रमण (Encroachment) के कारण सफल नहीं हो पा रही है. राज्य में वीर शहीद पोटो के नाम से योजना शुरू की गई. जिसमें ग्रामीण खेल मैदान निर्माण योजना के तहत 500 खेल मैदान का लक्ष्य था, जिसकी जगह अब तक राज्यभर में करीब 90 खेल मैदान बने हैं. लेकिन अतिक्रमणकारियों के आगे सरकार बेबस है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड हाई कोर्ट में अतिक्रमण हटाने पर रोक की मांग को लेकर याचिका दायर, 29 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण स्तर पर बनने वाले खेल मैदान बनाने में सरकार अतिक्रमण के कारण सफल नहीं हो पा रही है. राज्य में वीर शहीद पोटो के नाम से शुरू की गई ग्रामीण खेल मैदान निर्माण योजना के तहत 500 खेल मैदान का लक्ष्य था. जिसकी जगह अब तक राज्यभर में करीब 90 खेल मैदान बने हैं, जो लक्ष्य से काफी कम है.

देखें वीडियो
ग्रामीण खेल प्रतिभा को निखारने और मजदूरों को उनके घरों में ही रोजगार देने के उद्देश्य से राज्य में वीर शहीद पोटो के नाम से शुरू की गई ग्रामीण खेल मैदान निर्माण का काम अधर में है. इस योजना के तहत सरकार की ओर से प्रत्येक गांव और पंचायत में मनरेगा से एक-एक खेल मैदान का निर्माण कराने की योजना थी. यह योजना वीर शहीद पोटो खेल विकास योजना के माध्यम से कराया जा रहा है.
encroachment-of-government-lands-in-jharkhand
आइये जानते हैं जिलावार क्या था लक्ष्य

मनरेगा योजना के तहत एक खेल मैदान में करीब चार लाख रुपए खर्च होने हैं, जिसमें खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम और शौचालय का निर्माण भी शामिल है. पहले चरण में राज्यभर में 500 खेल मैदान बनाए जाने हैं, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के कारण सरकार खेल मैदान का निर्माण नहीं करा पा रही है.

अतिक्रमण बन रही बड़ी वजह
खेल मैदान निर्माण में सबसे बड़ी बाधा सरकारी जमीन का अतिक्रमण होना है. सरकार की लाख कोशिशों के बाबजूद सरकारी जमीन अतिक्रमणमुक्त नहीं हो पा रही है. जिस वजह से अब तक सिर्फ 90 ही खेल मैदान तैयार हुए हैं. इधर विभागीय अधिकारी भी इसके प्रति उदासीन रवैया अपना रहे हैं. सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की भी खेल मैदान निर्माण की धीमी रफ्तार पर सरकारी अधिकारी को दोषी माना है. उन्होंने कहा कि कहीं-कहीं तो विधायक से शिलान्यास कराने के बावजूद काम शुरू ही नहीं हो पाया है.

इसे भी पढ़ें- खेल मैदान पर रोकने होंगे अतिक्रमण, आम आदमी को भी आना होगा आगे: अमर बावरी


धीमी रफ्तार ने लक्ष्य पाने से किया दूर
योजना के मुताबिक मार्च 2021 तक लक्ष्य के अनुरूप खेल मैदान निर्माण करना था, मगर योजना की धीमी रफ्तार की जमीनी हकीकत यह है कि खुद विभागीय मंत्री के गृह जिला में अब तक एक भी खेल मैदान का काम पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में ग्रामीण खिलाड़ी आज भी बगैर खेल मैदान के जैसे-तैसे अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रतिभा में निखार और खेल में धार कैसे आएगी.

झारखंड हॉकी संघ के अध्यक्ष भोला सिंह ने सरकार से ग्रामीण खिलाड़ियों के लिए तैयार होनेवाले खेल मैदान निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अगर मैदान तैयार हो जाता है तो झारखंड के ग्रामीण खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरेगी. हालांकि मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा है कि सरकार जिला प्रखंड और पंचायत स्तर पर खेल मैदान का निर्माण कराएगी और इस कार्य में अब तेजी भी लाई जाएगी.

ग्रामीण स्तर पर खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए इस योजना की शुरुआत पिछले वर्ष की गई थी. जिलों को लक्ष्य के अनुरूप समय पर खेल मैदान बनाने को कहा गया था, मगर सरकारी जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा ने सरकार के इस अभियान पर ब्रेक लगा दिया है. ऐसे में सरकार अब सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है, जिससे निर्माण कार्य को तेजी से पूरा किया जा सके.

रांचीः अतिक्रमणकारियों के आगे सरकार बेबश है. हालत यह है कि ग्रामीण स्तर पर बनने वाले खेल मैदान बनाने में सरकार अतिक्रमण (Encroachment) के कारण सफल नहीं हो पा रही है. राज्य में वीर शहीद पोटो के नाम से योजना शुरू की गई. जिसमें ग्रामीण खेल मैदान निर्माण योजना के तहत 500 खेल मैदान का लक्ष्य था, जिसकी जगह अब तक राज्यभर में करीब 90 खेल मैदान बने हैं. लेकिन अतिक्रमणकारियों के आगे सरकार बेबस है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड हाई कोर्ट में अतिक्रमण हटाने पर रोक की मांग को लेकर याचिका दायर, 29 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

हालात ऐसे हैं कि ग्रामीण स्तर पर बनने वाले खेल मैदान बनाने में सरकार अतिक्रमण के कारण सफल नहीं हो पा रही है. राज्य में वीर शहीद पोटो के नाम से शुरू की गई ग्रामीण खेल मैदान निर्माण योजना के तहत 500 खेल मैदान का लक्ष्य था. जिसकी जगह अब तक राज्यभर में करीब 90 खेल मैदान बने हैं, जो लक्ष्य से काफी कम है.

देखें वीडियो
ग्रामीण खेल प्रतिभा को निखारने और मजदूरों को उनके घरों में ही रोजगार देने के उद्देश्य से राज्य में वीर शहीद पोटो के नाम से शुरू की गई ग्रामीण खेल मैदान निर्माण का काम अधर में है. इस योजना के तहत सरकार की ओर से प्रत्येक गांव और पंचायत में मनरेगा से एक-एक खेल मैदान का निर्माण कराने की योजना थी. यह योजना वीर शहीद पोटो खेल विकास योजना के माध्यम से कराया जा रहा है.
encroachment-of-government-lands-in-jharkhand
आइये जानते हैं जिलावार क्या था लक्ष्य

मनरेगा योजना के तहत एक खेल मैदान में करीब चार लाख रुपए खर्च होने हैं, जिसमें खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम और शौचालय का निर्माण भी शामिल है. पहले चरण में राज्यभर में 500 खेल मैदान बनाए जाने हैं, मगर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण के कारण सरकार खेल मैदान का निर्माण नहीं करा पा रही है.

अतिक्रमण बन रही बड़ी वजह
खेल मैदान निर्माण में सबसे बड़ी बाधा सरकारी जमीन का अतिक्रमण होना है. सरकार की लाख कोशिशों के बाबजूद सरकारी जमीन अतिक्रमणमुक्त नहीं हो पा रही है. जिस वजह से अब तक सिर्फ 90 ही खेल मैदान तैयार हुए हैं. इधर विभागीय अधिकारी भी इसके प्रति उदासीन रवैया अपना रहे हैं. सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायक बंधु तिर्की भी खेल मैदान निर्माण की धीमी रफ्तार पर सरकारी अधिकारी को दोषी माना है. उन्होंने कहा कि कहीं-कहीं तो विधायक से शिलान्यास कराने के बावजूद काम शुरू ही नहीं हो पाया है.

इसे भी पढ़ें- खेल मैदान पर रोकने होंगे अतिक्रमण, आम आदमी को भी आना होगा आगे: अमर बावरी


धीमी रफ्तार ने लक्ष्य पाने से किया दूर
योजना के मुताबिक मार्च 2021 तक लक्ष्य के अनुरूप खेल मैदान निर्माण करना था, मगर योजना की धीमी रफ्तार की जमीनी हकीकत यह है कि खुद विभागीय मंत्री के गृह जिला में अब तक एक भी खेल मैदान का काम पूरा नहीं हुआ है. ऐसे में ग्रामीण खिलाड़ी आज भी बगैर खेल मैदान के जैसे-तैसे अपनी प्रैक्टिस कर रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रतिभा में निखार और खेल में धार कैसे आएगी.

झारखंड हॉकी संघ के अध्यक्ष भोला सिंह ने सरकार से ग्रामीण खिलाड़ियों के लिए तैयार होनेवाले खेल मैदान निर्माण कार्य में तेजी लाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि अगर मैदान तैयार हो जाता है तो झारखंड के ग्रामीण खिलाड़ियों की प्रतिभा निखरेगी. हालांकि मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा है कि सरकार जिला प्रखंड और पंचायत स्तर पर खेल मैदान का निर्माण कराएगी और इस कार्य में अब तेजी भी लाई जाएगी.

ग्रामीण स्तर पर खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए इस योजना की शुरुआत पिछले वर्ष की गई थी. जिलों को लक्ष्य के अनुरूप समय पर खेल मैदान बनाने को कहा गया था, मगर सरकारी जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा ने सरकार के इस अभियान पर ब्रेक लगा दिया है. ऐसे में सरकार अब सख्त रुख अपनाने का निर्णय लिया है, जिससे निर्माण कार्य को तेजी से पूरा किया जा सके.

Last Updated : Jul 28, 2021, 7:53 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.