रांची: स्वच्छ भारत मिशन के तहत काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारी अपनी मांग को लेकर पिछले 23 दिनों से धरने पर बैठे हैं. धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज वन में कार्यरत कर्मियों को स्वच्छ भारत मिशन फेज टू में समायोजन किया जाए. जो फेज वन में पहले से ही काम कर रहे हैं, उन्हीं को फेज टू में कंटिन्यू कर दिया जाए, ताकि अपने कार्य अनुभव से विभाग को बेहतर परिणाम दे सके.
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कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र सरकार का साफ निर्देश है कि पूर्व में कार्यरत कर्मियों को सेवा यथावत रखते हुए शेष पदों पर बहाली प्रक्रिया पूर्ण की जाए. लेकिन राज्य सरकार केंद्र सरकार के निर्देश को दरकिनार करते हुए नई नियुक्ति प्रक्रिया अपना रही है. कर्मचारी अनुज श्रीवास्तव बताते हैं कि इस योजना के अंतर्गत राज्य भर में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो पिछले कई वर्षों से भी ज्यादा समय से काम कर रहे हैं. वैसे कर्मचारियों को ही आगे कार्य में समायोजित किया जाए. केंद्र सरकार ने इनके समायोजन से संबंधित पत्र भी राज्य को प्रेषित कर दिया है. इसके बावजूद भी राज्य सरकार अपनी हिटलर शाही रवैया दिखाते हुए सभी लोगों को हटाकर नई नियुक्ति प्रक्रिया लागू कर रही है. कर्मचारियों का कहना है छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल में पूर्व से कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को समायोजित कर दिया गया है. झारखंड में ही दोबारा नए स्तर से नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
स्वच्छता भारत मिशन में 1118 पद सृजित
कर्मचारियों ने कहा कि उनकी मांग को पक्ष और विपक्ष के नेता जायज मांग बता रहे हैं. उसके बावजूद भी अधिकारी और कुछ बड़े नेता अपनी हिटलर शाही अपनाते हुए पहले से काम कर रहे अनुभवी लोगों को नौकरी से हटाने का काम कर रहे हैं. स्वच्छता भारत मिशन में 1118 पद सृजित है. लेकिन वर्तमान में मात्र 522 कर्मचारी ही कार्यरत हैं. जिनको हटाकर नई नियुक्ति की जा रही है. इस वजह से वर्तमान में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों के बेरोजगार होने की संभावना बढ़ गई है. कर्मचारियों का कहना है कि नई नियुक्ति प्रक्रिया ना अपनाकर पहले से काम कर रहे लोगों को ही यथावत काम पर रखा जाए.
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झारखंड को मिले हैं कई पुरस्कार
पहले से काम कर रहे कर्मचारियों की बदौलत ही स्वच्छता के क्षेत्र में झारखंड को पुरस्कार मिले हैं. इन लोगों ने अपनी लगन से झारखंड को खुले में शौच से मुक्ति दिलाई है. इसके बावजूद भी विभाग ने पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को हटाने का फरमान जारी कर दिया है. जो कि न्यायोचित नहीं है.