रांचीः झारखंड के बिजली उपभोक्ता को निर्धारित समय पर बिल जनरेट कर मुहैया करना है. इसको लेकर मीटर रीडर की प्रतिनियुक्त की गई, ताकि उपभोक्ता को समय से बिल मिलने और बिल का भुगतान सुनिश्चत हो सके. इसके साथ ही बिजली उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी का लाभ भी मिले. लेकिन रांची में निर्धारित समय से मीटर रीडिंग नहीं किया जा रहा है. इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है.
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सब्सिडी के लाभ से वंचित आम उपभोक्ताओं की शिकायत है कि मीटर रीडर समय पर रिडिंग नहीं लेते हैं मीटर रीडर मनमाने तरीके से 35 से 40 दिनों पर मीटर रीडिंग करते हैं. इसकी वजह से बिजली बिल 400 यूनिट से अधिक पर जनरेट होता है. इससे राज्य सरकार की सब्सिडी का लाभ नहीं मिलता है और अधिक पैसे का मजबूरन भुगतान करना पड़ता है. करम टोली के सुदेश कच्छप ने बताया कि मीटर रीडर 35 से 40 दिन पर मीटर रीडिंग करता है. इससे निर्धारित सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभाग तक मीटर रीडर के खिलाफ शिकायत की है. इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो सका है.
विभागीय इंजीनियर अनिश कर्ण ने बताया कि प्रत्येक सप्ताह बैठक में राजस्व संग्रह पर चर्चा होती है. ऐसी शिकायत मिलने पर तत्काल संज्ञान लेकर मीटर रीडर के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को ससमय बिजली बिल मिले, ताकि विभागीय राजस्व की क्षति नहीं हो सके.
1 महीने में 400 यूनिट तक बिजली खपत होने पर घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ देने का प्रावधान है. सब्सिडी मिलने के बाद प्रति यूनिट शहरी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं को 3.50 से लेकर 4.20 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलता है. जबकि 401 यूनिट या उससे ज्यादा बिजली खपत करने पर उपभोक्ताओं को बिना सब्सिडी के 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करने का प्रावधान है.