रांचीः झारखंड में विधानसभा चुनाव करीब आते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. एक तरफ जहां सभी पार्टियां अपने-अपने संगठन को मजबूत करने में लगी हैं. तो वहीं दूसरी पार्टी को कमजोर करने के लिए भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इसका सीधा उदाहरण जेएमएम और जेडीयू के बीच देखने को मिल रहा है.
झारखंड की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जेडीयू के चुनाव चिन्ह तीर छाप पर चुनाव आयोग से रोक लगाने को लेकर शिकायत की थी, जिसके बाद जेएमएम की शिकायत पर चुनाव आयोग ने भी झारखंड में जेडीयू के तीर छाप को फ्रिज करने का आदेश दिया था. जिसे लेकर जेडीयू की झारखंड इकाई के नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग भारत सरकार और राज्य सरकार में भी जाने की बात कही थी.
नीतीश कुमार ने चुनाव चिन्ह पर नहीं की चर्चा
वहीं चुनाव आयोग के इस आदेश के बाद जेडीयू नेता दूसरे चुनाव चिन्ह पर झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कह रहे थे. इधर, शनिवार को आयोजित जेडीयू के कार्यकर्ता सम्मेलन में जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहीं भी इसे लेकर कोई चर्चा नहीं की और सभी पोस्टर पर अपने तीर छाप को लगाकर ही कार्यकर्ताओं के साथ सम्मेलन किया.
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पार्टी के झारखंड विधानसभा चुनाव प्रभारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने बताया कि जब तक चुनाव आयोग की तरफ से नया चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया जाता है, तब तक हम लोग तीर छाप को ही चुनाव चिन्ह मानकर लोगों के बीच प्रचार प्रसार करेंगे.