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136 करोड़ के बैंक घोटाले में ईडी ने कॉरपोरेट इस्पात एलाय लिमिटेड के खिलाफ किया FIR, मामले की जांच शुरू - ईडी ने कॉरपोरेट इस्पात एलाय लिमिटेड के खिलाफ दर्ज किया एफआईआर

136 करोड़ के बैंक घोटाले में ईडी ने कॉरपोरेट इस्पात एलाय लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज किया है. बताया गया कि 8 जून 2010 को 75 करोड़ का टीम लोन लिया था, जबकि बोगस ट्रांजेक्शन के कारण पीएनबी को 136.09 करोड़ा का घाटा हुआ.

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136 करोड़ के बैंक घोटाला
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Published : Feb 20, 2020, 2:41 AM IST

रांचीः झारखंड के लातेहार के चितरपुर में कोल ब्लॉक, कोल प्रोसेसिंग और वासरी यूनिट लगाने के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक के लार्ज कॉरपोरेट ब्रांच, 44 पार्क स्ट्रीट से 136.09 करोड़ घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पीएनबी के डिप्टी जेनरल मैनेजर सुमेश कुमार ने इस मामले में 24 अक्तूबर 2019 को सीबीआई मुख्यालय को शिकायत भेजी थी. जांच के बाद सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक को चुना लगाने वाली कंपनी मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड और उसके निदेशक, प्रमोटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई जांच में आए तथ्यों के आधार पर ईडी ने एफआईआर दर्ज की है.

क्या है मामला
ईडी की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक, मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड ने लातेहार के चितरपुर में कोल ब्लॉक और प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए 8 जून 2010 को 75 करोड़ का टीम लोन लिया था. साथ ही बैंक से 329 करोड़ की क्रेडिट फैसिलिटी भी ली गई थी. बदले में कंपनी ने लातेहार के चितरपुर के 1320 एकड़ जमीन के कागजात और अचल संपत्तियों से जुड़े कागजात बैंक में जमा कराए थे, लेकिन लोन राशि मिलने के बाद कंपनी के अधिकारियों ने अपने ग्रुप से जुड़ी 500 से अधिक कंपनियों में लोन राशि का बोगस ट्रांजेक्शन किया. बोगस ट्रांजेक्शन के कारण पीएनबी को 136.09 करोड़ा का घाटा हुआ.

किस-किस को बनाया आरोपी

  • मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड, द नॉलेज हब, साल्ट लेक सिटी कोलकाता
  • मनोज कुमार जायसवाल, निदेशक, प्रमोटर, उषा सदन, आरएसएस मार्ग, नागपुर
  • रवींद्र जायसवाल, निदेशक
  • सिद्धार्थ जायसवाल, निदेशक
  • अभिषेक जायसवाल, प्रमोटर निदेशक
  • प्रकाश जायसवाल, निदेशक
  • डॉ वीएस गर्ग, निदेशक
  • राजेंद्र कुमार गणतारा, निदेशक
  • एमएस कपूर, निदेशक और अन्य

रांचीः झारखंड के लातेहार के चितरपुर में कोल ब्लॉक, कोल प्रोसेसिंग और वासरी यूनिट लगाने के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक के लार्ज कॉरपोरेट ब्रांच, 44 पार्क स्ट्रीट से 136.09 करोड़ घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पीएनबी के डिप्टी जेनरल मैनेजर सुमेश कुमार ने इस मामले में 24 अक्तूबर 2019 को सीबीआई मुख्यालय को शिकायत भेजी थी. जांच के बाद सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक को चुना लगाने वाली कंपनी मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड और उसके निदेशक, प्रमोटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई जांच में आए तथ्यों के आधार पर ईडी ने एफआईआर दर्ज की है.

क्या है मामला
ईडी की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक, मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड ने लातेहार के चितरपुर में कोल ब्लॉक और प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए 8 जून 2010 को 75 करोड़ का टीम लोन लिया था. साथ ही बैंक से 329 करोड़ की क्रेडिट फैसिलिटी भी ली गई थी. बदले में कंपनी ने लातेहार के चितरपुर के 1320 एकड़ जमीन के कागजात और अचल संपत्तियों से जुड़े कागजात बैंक में जमा कराए थे, लेकिन लोन राशि मिलने के बाद कंपनी के अधिकारियों ने अपने ग्रुप से जुड़ी 500 से अधिक कंपनियों में लोन राशि का बोगस ट्रांजेक्शन किया. बोगस ट्रांजेक्शन के कारण पीएनबी को 136.09 करोड़ा का घाटा हुआ.

किस-किस को बनाया आरोपी

  • मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड, द नॉलेज हब, साल्ट लेक सिटी कोलकाता
  • मनोज कुमार जायसवाल, निदेशक, प्रमोटर, उषा सदन, आरएसएस मार्ग, नागपुर
  • रवींद्र जायसवाल, निदेशक
  • सिद्धार्थ जायसवाल, निदेशक
  • अभिषेक जायसवाल, प्रमोटर निदेशक
  • प्रकाश जायसवाल, निदेशक
  • डॉ वीएस गर्ग, निदेशक
  • राजेंद्र कुमार गणतारा, निदेशक
  • एमएस कपूर, निदेशक और अन्य
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