रांची: झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम और बरहेट के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से जुड़े मामले में ईडी ने अपनी जांच शुरू कर दी है. ईडी ने बरहरवा थाने में दर्ज केस के आधार पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत अपनी जांच शुरू की है. पूरा मामला 22 जून 2020 को बरहरवा में हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर के विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद से जुड़ा हुआ है.
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ठेकेदार को नोटिस जारी कर मांगी जानकारी: हाट बाजार की बंदोबस्ती के टेंडर के विवाद को लेकर ठेकेदार शंभू नंदन भगत ने मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जबकि शंभू नंदन प्रसाद के खिलाफ भी दो अन्य लोगों ने ठेका विवाद में एफआईआर दर्ज कराया था. मामले में केस दर्ज किये जाने के बाद ईडी के रांची जोनल ऑफिस के असिस्टेंट डायरेक्टर देवव्रत झा ने इस संबंध ठेकेदार को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है. जानकारी के मुताबिक, ईडी ने बरहरवा थाने में टेंडर विवाद से जुड़ी सारे एफआईआर की मांग की है. ईडी ने यह भी जानकारी मांगी है कि जिस टेंडर प्रकिया में शामिल होने से ठेकेदार शंभू नंदन भगत को रोका गया था. उससे कितने रुपये की राशि जुड़ी थी. साथ ही पूरे टेंडर प्रकिया व इससे होने वाले संभावित आय की जानकारी ईडी जुटाने में लगी है.
क्या है पूरा मामला: बता दें कि 22 जून 2020 को बरहरवा नगर पंचायत के सैरात (हाट-बाजार) की बंदोबस्ती के दौरान दो गुटों में झड़प हुई थी. जिसके बाद इस मामले में तीन अलग अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एक प्राथमिकी पाकुड़ निवासी शंभु नंदन भगत के लिखित आवेदन पर बरहरवा थाने में राज्य सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, बरहेट के विधायक सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित 11 के खिलाफ दर्ज की गई थी. दूसरी प्राथमिकी बरहरवा निवासी दिलीप साहा के लिखित आवेदन पर पाकुड़ निवासी शंभू नंदन भगत पर दर्ज की गई. तीसरी प्राथमिकी भी बरहरवा निवासी उदय कुमार हजारी के आवेदन पर शंभू नंदन भगत पर दर्ज की गई है. वहीं इस विवाद को लेकर एक ऑडियो भी वायरल हुआ था. इसमें आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा और शंभु नंदन भगत के बीच संवाद की बात कही जा रही है. जिसमें शंभू नंदन भगत को टेंडर प्रकिया में शामिल नहीं होने को कहा गया था. ऑडियो में पंकज मिश्रा और शंभू नंदन भगत के बीच तीखी बहस भी रिकार्ड हुई थी.