रांची/दिल्ली: झारखंड सरकार पर डीवीसी यानी दामोदर वैली कॉरपोरेशन का करीब 5,668 करोड़ रुपया बकाया है. अब इस राशि को चार इंस्टॉलमेंट में राज्य सरकार की हिस्सेदारी के पैसे में से आरबीआई को ऑटो डेबिट करने को कहा गया है.
इस बाबत ऊर्जा/वित्त मंत्रालय की ओर से आरबीआई को पत्र भेजा गया है. पूर्ववर्ती सरकार द्वारा त्रिपक्षीय समझौते के तहत पहले इंस्टॉलमेंट की राशि यानी 1,417 करोड़ रुपए ऑटो डेबिट हो जाएंगे. केंद्र सरकार के इस रुख पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि यह व्यवस्था संघीय ढांचे के खिलाफ है.
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राज्य सरकार के रॉयल्टी का हजारों करोड़ रुपया केंद्र सरकार के पास पेंडिंग है. माइंस के लिए जमीन अधिग्रहण की राशि के अलावा जीएसटी मद में 3000 करोड़ रुपए खुद केंद्र सरकार को देने हैं. लिहाजा, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को केंद्र के पास पड़ी राज्य सरकार की आउटस्टैंडिंग राशि में से डीवीसी को देना चाहिए. इससे पहले 3 सितंबर को झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा था कि केंद्र सरकार पर राज्य का करीब एक लाख करोड़ रुपया निकलता है. उस पैसे को लौटाने के बजाय बिजली मद में डीवीसी पर बकाया राशि को जबरन वसूलने की कोशिश हो रही है. फिलहाल, बकाया राशि की वसूली के केंद्र सरकार के तरीके से केंद्र और राज्य के बीच का विवाद और गहरा गया है.