रांची: कोलकाता की तर्ज पर राजधानी रांची में भी दुर्गोत्सव भव्य रूप से मनाया जाता है. इस बार 29 सितंबर को कलश स्थापना के साथ पूजा प्रारंभ हो जाएगी. इसको लेकर शहर में पंडालों का स्वरूप अभी से ही तैयार होने लगे हैं. छोटे बजट से लेकर बड़े बजट तक के सारे पंडाल रांची के दुर्गा पूजा में आकर्षण का केंद्र होते हैं.
इस बार पूजा समिति द्वारा नए-नए थीम के साथ विशाल पूजा पंडाल बनाए जा रहे हैं बंगाल के कारीगर द्वारा कई महीनों से पंडाल का निर्माण कार्य किया जा रहा है. वहीं, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पूजा समितियों द्वारा इको फ्रेंडली पंडाल बनाए जा रहे हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरदारों को संदेश देने का काम करेगी.
विभिन्न पंडालों के प्रारूप
- गीतांजलि क्लब मोराबादी ने अपने पंडाल के माध्यम से अंडमान के जारवा जनजाति का रहन सहन और उत्सव को दिखाने की कोशिश की है.
- ओसीसी क्लब दुर्गा पूजा समिति के पंडाल में जयपुर के काल्पनिक गुड्डा-गुड़ियों का देश दिखाया जाएगा.
- राजस्थान मित्र मंडल बड़ा कला की पूजा पंडाल में थाईलैंड के बौद्ध मंदिर का प्रारूप दिखेगा.
- नव युवा संघ बकरी बाजार पूजा पंडाल में सफल व्यक्ति की लाइफ लाइन और स्ट्रगल को दर्शाया जाएगा.
शहर में विभिन्न पूजा समितियों द्वारा सैकड़ों छोटे-बड़े पंडाल बनाए जाते हैं. दर्शनार्थियों के लिए पूजा समितियों द्वारा बड़े बजट के आकर्षक पंडाल बनाया जाते हैं. यही वजह है कि पंडालों की भव्यता देखने के लिए शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग आते हैं और मां दुर्गा की दर्शन करते हैं.
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9 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में पूजा पंडाल का अवलोकन करने के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. वैसे में शांतिपूर्ण माहौल में पूजा का संचालन कराना काफी अहम हो जाता है. इसी मद्देनजर कई कमेटियां बनाई गई है. इस समय मां दुर्गा के प्रति आस्था इस कदर लोगों में देखने को मिलता है कि बजट की परवाह किए बगैर पूजा समितियों द्वारा एक से बढ़कर एक भव्य पूजा पंडाल बनाया जा रहे हैं.