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Effect of Corona: सार्वजनिक वाहनों से सफर...ना बाबा न..., ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापार में हुई वृद्धि

झारखंड में कोरोना (Corona in Jharkhand) के खौफ के कारण लोग सार्वजनिक वाहनों से सफर करने से परहेज कर रहे हैं. कोरोना काल में कई लोगों का रोजगार जाने के बाद भी वो अपने जमा पूंजी से निजी वाहन खरीद रहे हैं. रांची में सेकेंड हैंड वाहनों (Second Hand Vehicle) की बिक्री में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.

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वाहनों की खरीद
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Published : Aug 29, 2021, 6:11 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना (Corona in Jharkhand) के डर से लोग सार्वजनिक वाहनों से सफर करने से परहेज कर रहे हैं. ज्यादातर लोग निजी वाहनों का उपयोग करना उचित समझ रहे हैं, क्योंकि कोरोना के भय से लोग बाहरी लोगों के साथ सफर करने से बचते नजर आ रहे हैं. सार्वजनिक वाहनों से सफर करने से लोग परहेज कर रहे हैं. जिसके कारण निजी वाहनों की बिक्री में खासा वृद्धि हुई है. कोरोना काल में जहां लाखों लोगों की नौकरी चली गई है. उसके बावजूद भी लोग वाहनों की खरीद पर ज्यादा जोर दे रहे हैं.

इसे भी पढे़ं: अपनी कविता से दुनिया में छाई हजारीबाग की बेटी शिवांजलि, खूब पसंद किया जा रहा है काव्य संग्रह 'ब्लेजिंग सोल'

रांची जिला के परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश बताते हैं कि कोरोना काल में लोग नए वाहनों की अधिक खरीद कर रहे हैं. पिछले वर्ष की तुलना में देखें तो इस वर्ष (2021) में वाहनों की खरीदारी में काफी वृद्धि हुई है. सरकारी आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021 के अगस्त महीने तक प्रतिमाह लगभग 1800 नई कारों की बिक्री हुई है. जबकि वर्ष 2020 में प्रतिमाह 1600 नई कारों की बिक्री हुई थी. इसके अलावा इन 2 वर्षों में सेकेंड हैंड गाड़ियों की भी बिक्री में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापार में वृद्धि



सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी


वहीं सेकेंड हैंड वाहन बेचने वाले एक संस्थान के कर्मचारी परमानंद बताते हैं कि कोरोना की वजह से सेकेंड हैंड गाड़ियों की डिमांड बढ़ गई है. लोग सेकेंड हैंड गाड़ियां इसलिए खरीद रहे हैं, ताकि उन्हें किसी बाहरी लोगों के साथ सफर ना करना पड़े. वह अपने परिवार के साथ अपनी गाड़ी में सुरक्षित सफर कर सके.

इसे भी पढे़ं: जब विधायक ने छूए युवक के पांव, युवक हुआ सन्न

कोरोना के खौफ से लोग जमा पूंजी कर रहे खत्म

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से नौकरियां जाने के बाद भी लोग अपनी जान की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जमा किए गए पैसे को वाहन खरीदने में खर्च कर रहे हैं. जिसके कारण लोगों पर आर्थिक बोझ भी पढ़ रहा है. बेहतर और सुरक्षित परिवहन सेवा नहीं रहने के वजह से लोग अपने जीवन को बचाने के लिए जमा किए गए धनराशि को खर्च करने को मजबूर हो रहे हैं.


ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापार में तेजी


राज्य के बड़े उद्योगपति और चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष दीपक मारु बताते हैं सार्वजनिक परिवहन सेवा बेहतर नहीं होने की वजह से लोग मजबूरी में निजी वाहन खरीदने को विवश हैं. उन्होंने बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापार में जरूर वृद्धि हुई है, लेकिन कमर्शियल वाहनों की बिक्री में कमी हुई है, जो कहीं ना कहीं चिंता का विषय है, क्योंकि कमर्शियल वाहनों की खरीदारी यह दर्शाता है कि राज्य में व्यापार बेहतर चल रहा है. वहीं अपना जमा पूंजी खर्च कर वाहन खरीदने वाले लोगों का कहना है कि हमलोग निजी वाहन सिर्फ इसलिए खरीद रहे हैं, ताकि हम खुद को कोरोना संक्रमण से बचा सकें.

इसे भी पढे़ं: कोरोना का खौफ: चिट्ठी और पार्सल लेने से इनकार कर रहे लोग, दिल्ली-मुंबई के लिए डाक सेवा पर रोक


सार्वजनिक परिवहन सेवा से जुड़े लोगों को परेशानी

झारखंड में लोगों ने सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना कम कर दिया है. ताकि यह एक कोरोना संक्रमण से बच सकें. लोग सार्वजनिक परिवहन सेवा से बचते नजर आ रहे हैं. इससे राज्य के राजस्व को नुकसान होगा, क्योंकि सार्वजनिक परिवहन सेवा से बस चालक, ऑटो चालक, रिक्शा चालक, कैब चालक सहित हजारों लोग अपनी जीविका चलाते हैं. अगर परिवहन सेवा से लोग इसी तरह परहेज करेंगे तो हजारों लोगों के पेट पर आफत आ जाएगी.

रांची: झारखंड में कोरोना (Corona in Jharkhand) के डर से लोग सार्वजनिक वाहनों से सफर करने से परहेज कर रहे हैं. ज्यादातर लोग निजी वाहनों का उपयोग करना उचित समझ रहे हैं, क्योंकि कोरोना के भय से लोग बाहरी लोगों के साथ सफर करने से बचते नजर आ रहे हैं. सार्वजनिक वाहनों से सफर करने से लोग परहेज कर रहे हैं. जिसके कारण निजी वाहनों की बिक्री में खासा वृद्धि हुई है. कोरोना काल में जहां लाखों लोगों की नौकरी चली गई है. उसके बावजूद भी लोग वाहनों की खरीद पर ज्यादा जोर दे रहे हैं.

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रांची जिला के परिवहन पदाधिकारी प्रवीण प्रकाश बताते हैं कि कोरोना काल में लोग नए वाहनों की अधिक खरीद कर रहे हैं. पिछले वर्ष की तुलना में देखें तो इस वर्ष (2021) में वाहनों की खरीदारी में काफी वृद्धि हुई है. सरकारी आंकड़े के अनुसार वर्ष 2021 के अगस्त महीने तक प्रतिमाह लगभग 1800 नई कारों की बिक्री हुई है. जबकि वर्ष 2020 में प्रतिमाह 1600 नई कारों की बिक्री हुई थी. इसके अलावा इन 2 वर्षों में सेकेंड हैंड गाड़ियों की भी बिक्री में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापार में वृद्धि



सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी


वहीं सेकेंड हैंड वाहन बेचने वाले एक संस्थान के कर्मचारी परमानंद बताते हैं कि कोरोना की वजह से सेकेंड हैंड गाड़ियों की डिमांड बढ़ गई है. लोग सेकेंड हैंड गाड़ियां इसलिए खरीद रहे हैं, ताकि उन्हें किसी बाहरी लोगों के साथ सफर ना करना पड़े. वह अपने परिवार के साथ अपनी गाड़ी में सुरक्षित सफर कर सके.

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कोरोना के खौफ से लोग जमा पूंजी कर रहे खत्म

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से नौकरियां जाने के बाद भी लोग अपनी जान की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जमा किए गए पैसे को वाहन खरीदने में खर्च कर रहे हैं. जिसके कारण लोगों पर आर्थिक बोझ भी पढ़ रहा है. बेहतर और सुरक्षित परिवहन सेवा नहीं रहने के वजह से लोग अपने जीवन को बचाने के लिए जमा किए गए धनराशि को खर्च करने को मजबूर हो रहे हैं.


ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापार में तेजी


राज्य के बड़े उद्योगपति और चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष दीपक मारु बताते हैं सार्वजनिक परिवहन सेवा बेहतर नहीं होने की वजह से लोग मजबूरी में निजी वाहन खरीदने को विवश हैं. उन्होंने बताया कि ऑटोमोबाइल सेक्टर के व्यापार में जरूर वृद्धि हुई है, लेकिन कमर्शियल वाहनों की बिक्री में कमी हुई है, जो कहीं ना कहीं चिंता का विषय है, क्योंकि कमर्शियल वाहनों की खरीदारी यह दर्शाता है कि राज्य में व्यापार बेहतर चल रहा है. वहीं अपना जमा पूंजी खर्च कर वाहन खरीदने वाले लोगों का कहना है कि हमलोग निजी वाहन सिर्फ इसलिए खरीद रहे हैं, ताकि हम खुद को कोरोना संक्रमण से बचा सकें.

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सार्वजनिक परिवहन सेवा से जुड़े लोगों को परेशानी

झारखंड में लोगों ने सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना कम कर दिया है. ताकि यह एक कोरोना संक्रमण से बच सकें. लोग सार्वजनिक परिवहन सेवा से बचते नजर आ रहे हैं. इससे राज्य के राजस्व को नुकसान होगा, क्योंकि सार्वजनिक परिवहन सेवा से बस चालक, ऑटो चालक, रिक्शा चालक, कैब चालक सहित हजारों लोग अपनी जीविका चलाते हैं. अगर परिवहन सेवा से लोग इसी तरह परहेज करेंगे तो हजारों लोगों के पेट पर आफत आ जाएगी.

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