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रांची कॉलेज के अलावे DSPMU के पास नहीं है कोई और कॉलेज, विश्वविद्यालय का उद्देश्य नहीं हो रहा है पूरा

रांची कॉलेज के अलावे डीएसपीएमयू के पास कोई और कॉलेज नहीं है. अभी तक इस विश्वविद्यालय के पास एक ही कॉलेज है और कई विभाग संचालित हो रहे हैं. सरकार की ओर से डीएसपीएमयू को कोई भी कॉलेज आवंटित नहीं किया है. शिक्षा विभाग को ध्यान देने की जरूरत है.

dspmu not have any other college in ranchi
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय
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Published : Nov 9, 2020, 1:54 PM IST

रांची: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय पूर्व में रांची कॉलेज था. रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेज में पठन-पाठन होती थी. रांची कॉलेज 1926 में कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया था और 2017 में आरयू से अलग कर विश्वविद्यालय के रूप में इसे अपग्रेड किया गया. अभी तक इस विश्वविद्यालय के पास एक ही कॉलेज है और कई विभाग संचालित हो रहे हैं. अब तक सरकार की ओर से डीएसपीएमयू को कोई भी कॉलेज आवंटित नहीं किया है.

देखें पूरी खबर

2017 में डीएसपीएमयू का हुआ है गठन

साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर सरकार की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में रांची कॉलेज को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया था. इस कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने पर पहले ही औपचारिक सहमति बन गई थी पर आधारभूत संरचना नहीं होने से आगे की कार्रवाई नहीं हो रही थी, लेकिन धीरे-धीरे इस कॉलेज को डेवलप किया गया और फिर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से इस विश्वविद्यालय का नामकरण कर विश्वविद्यालय बनाया गया. रांची कॉलेज जो वर्तमान में डीएसपीएमयू है. यूजी और पीजी कोर्स के यहां स्टूडेंट पठन-पाठन करते हैं. लगभग 10 हजार स्टूडेंट्स विश्वविद्यालय में है लेकिन विश्वविद्यालय होने के बावजूद डीएसपीएमयू के पास रांची कॉलेज ही है और रांची कॉलेज के ही छात्र छात्राओं का पठन-पाठन इस विश्वविद्यालय में होता है. अब तक इस विश्वविद्यालय को कोई भी कॉलेज आवंटित नहीं हुए हैं. विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से भी प्रयास किया गया है. राज्य सरकार की ओर से इस विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है, जबकि यूजीसी के मुताबिक इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत और भी कॉलेज होनी चाहिए.

2018 में में यूजीसी ने दी है मान्यता

हालांकि, साल 2018 में ही इस विश्वविद्यालय को यूजीसी की ओर से मान्यता दे दी गई थी. इसके साथ ही विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल गई थी. इस विश्वविद्यालय में पीएचडी और एमफिल की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. यहां के डिग्री को अब देश के सभी विश्वविद्यालयों में मान्यता भी मिल गई है. इस विश्वविद्यालय से पासआउट विद्यार्थी कहीं भी नामांकन ले सकते हैं. विश्वविद्यालय रिसर्च काउंसिल का गठन हो चुका है. यहां तक कि यूजीसी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय को कॉलेजों को संबद्धता देने का भी अधिकार दिया है.

ये भी पढ़े- राज्य के 188 परीक्षा केंद्रों पर शुरू हुई मैट्रिक सप्लिमेंट्री की परीक्षा, कोरोना गाइडलाइन का रखा जा रहा ख्याल

अन्य कॉलेज को विश्वविद्यालय से नहीं दी गई है संबद्धता

अब तक रांची कॉलेज छोड़कर किसी अन्य कॉलेज को विश्वविद्यालय की ओर से संबद्धता नहीं दी गई है. इसे लेकर बार-बार विश्वविद्यालय की ओर से राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को अवगत भी कराया है. इस दिशा में जल्द से जल्द उच्च शिक्षा विभाग को ध्यान देना होगा, नहीं तो विश्वविद्यालय के गठन का उद्देश्यों को पूरा करना संभव नहीं हो सकेगा.

रांची: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय पूर्व में रांची कॉलेज था. रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत कॉलेज में पठन-पाठन होती थी. रांची कॉलेज 1926 में कॉलेज के रूप में स्थापित किया गया था और 2017 में आरयू से अलग कर विश्वविद्यालय के रूप में इसे अपग्रेड किया गया. अभी तक इस विश्वविद्यालय के पास एक ही कॉलेज है और कई विभाग संचालित हो रहे हैं. अब तक सरकार की ओर से डीएसपीएमयू को कोई भी कॉलेज आवंटित नहीं किया है.

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2017 में डीएसपीएमयू का हुआ है गठन

साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर सरकार की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में रांची कॉलेज को अपग्रेड कर विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया था. इस कॉलेज को विश्वविद्यालय का दर्जा देने पर पहले ही औपचारिक सहमति बन गई थी पर आधारभूत संरचना नहीं होने से आगे की कार्रवाई नहीं हो रही थी, लेकिन धीरे-धीरे इस कॉलेज को डेवलप किया गया और फिर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से इस विश्वविद्यालय का नामकरण कर विश्वविद्यालय बनाया गया. रांची कॉलेज जो वर्तमान में डीएसपीएमयू है. यूजी और पीजी कोर्स के यहां स्टूडेंट पठन-पाठन करते हैं. लगभग 10 हजार स्टूडेंट्स विश्वविद्यालय में है लेकिन विश्वविद्यालय होने के बावजूद डीएसपीएमयू के पास रांची कॉलेज ही है और रांची कॉलेज के ही छात्र छात्राओं का पठन-पाठन इस विश्वविद्यालय में होता है. अब तक इस विश्वविद्यालय को कोई भी कॉलेज आवंटित नहीं हुए हैं. विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से भी प्रयास किया गया है. राज्य सरकार की ओर से इस विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है, जबकि यूजीसी के मुताबिक इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत और भी कॉलेज होनी चाहिए.

2018 में में यूजीसी ने दी है मान्यता

हालांकि, साल 2018 में ही इस विश्वविद्यालय को यूजीसी की ओर से मान्यता दे दी गई थी. इसके साथ ही विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल गई थी. इस विश्वविद्यालय में पीएचडी और एमफिल की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. यहां के डिग्री को अब देश के सभी विश्वविद्यालयों में मान्यता भी मिल गई है. इस विश्वविद्यालय से पासआउट विद्यार्थी कहीं भी नामांकन ले सकते हैं. विश्वविद्यालय रिसर्च काउंसिल का गठन हो चुका है. यहां तक कि यूजीसी ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय को कॉलेजों को संबद्धता देने का भी अधिकार दिया है.

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अन्य कॉलेज को विश्वविद्यालय से नहीं दी गई है संबद्धता

अब तक रांची कॉलेज छोड़कर किसी अन्य कॉलेज को विश्वविद्यालय की ओर से संबद्धता नहीं दी गई है. इसे लेकर बार-बार विश्वविद्यालय की ओर से राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को अवगत भी कराया है. इस दिशा में जल्द से जल्द उच्च शिक्षा विभाग को ध्यान देना होगा, नहीं तो विश्वविद्यालय के गठन का उद्देश्यों को पूरा करना संभव नहीं हो सकेगा.

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