रांची: आरयू से अलग गठन किए गए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय लगातार अपने लक्ष्य को पूरा कर रहा है. इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर लगातार काम किए जा रहे हैं. वहीं राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार और यूजीसी के दिए गए ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो का लक्ष्य इस साल इस विश्वविद्यालय ने पूरा किया है.
कई उम्मीदों के साथ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का गठन रांची विश्वविद्यालय से अलग कर किया गया था. पहले यह विश्वविद्यालय रांची कॉलेज का एक कैंपस हुआ करता था. धीरे-धीरे विश्वविद्यालय का विस्तार किया गया और कई विभागों के साथ-साथ अब कॉमर्स की पढ़ाई भी इस विश्वविद्यालय में होनी शुरू हुई. नए सेशन से कॉमर्स की पढ़ाई इस विश्वविद्यालय में हो रही है. वहीं, अन्य विश्वविद्यालयों से ज्यादा इस विश्वविद्यालय में कॉमर्स में विद्यार्थी नामांकन लेने में रुचि दिखा रहे हैं. यह विश्वविद्यालय राज्य सरकार, केंद्र सरकार के साथ-साथ यूजीसी की ओर से दिए गए ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो का लक्ष्य भी इस सत्र से पूरा किया है.
इस साल नामांकन का प्रतिशत बढ़ापिछले साल की तुलना में इस साल विश्वविद्यालय में नामांकन का प्रतिशत भी बढ़ा है. बीए, बीएससी, बीकॉम स्नातक के नामांकन की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है. 2023 सत्र का नामांकन ले लिया गया है. 2,700 से अधिक बच्चों का नामांकन विभिन्न विषयों में हुआ है. सबसे ज्यादा नामांकन कॉमर्स में लिया गया है. उसके बाद बीबीए कंप्यूटर और अन्य विषय के साथ-साथ साइंस के गणित भौतिकी और जूलॉजी में भी विद्यार्थियों का रुचि इस विश्वविद्यालय में नामांकन को लेकर इस सत्र से बढ़ा है.
ये भी पढ़े- सरयू राय से मिलने उनके आवास पहुंचे बिहार सरकार में मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, ली स्वास्थ्य की जानकारी
विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की माने तो यूजीसी और हायर एजुकेशन का ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो का जो लक्ष्य दिया गया था, उस लक्ष्य को इस विश्वविद्यालय ने इस साल पूरा कर लिया है. पिछले साल की तुलना में 500 से अधिक बच्चों का एडमिशन विश्वविद्यालय में लिया गया है. छात्राओं का रुझान भी नामांकन को लेकर बड़ा है. कोरोना के बावजूद इस साल नामांकन को लेकर पिछले 2 सालों का रिकॉर्ड इस बार टूटा है.