ETV Bharat / city

द्रौपदी मुर्मू हैं सादगी और सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, राजनाथ सिंह ने प्रभावित होकर नहीं खाई थी फिश

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वभाव से भी बेहद शांत हैं. झारखंड राजभवन के कर्मियों ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू यहां काम करने वाले लोगों को अपने परिवार की तरह समझती थी.

Draupadi Murmu is an example of simplicity
Draupadi Murmu is an example of simplicity
author img

By

Published : Jul 23, 2022, 3:59 PM IST

Updated : Jul 23, 2022, 7:08 PM IST

रांची: देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि आदिवासी समाज की एक महिला देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित करने जा रही है. झारखंड की राज्यपाल रहते हुए उन्होंने राजभवन में अपनी सादगी और सांप्रदायिक सौहार्द की एक अटूट छाप छोड़ी है. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार को राजभवन के कर्मियों ने उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताई जिसे सुनकर उनके प्रति आदर और सम्मान की अनुभूति होगी. उनके राष्ट्रपति निर्वाचित होते ही पूरा देश तो यह जान चुका है कि वह विशुद्ध रूप से शाकाहारी हैं. हर दिन पूजा करती हैं. ध्यान लगाती हैं.

ये भी पढ़ें: Presidential Election Result: द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होते ही आदिवासी समाज में जश्न, अपनी परंपरा और संस्कृति में मना रहे उत्सव

राजनाथ सिंह ने नहीं खाई थी फिश: राजभवन के एक पदाधिकारी ने बताया कि कुछ वर्ष पहले देश के तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह रांची आए थे. वह राजभवन में ठहरे थे. राजभवन कर्मियों को पता चला कि राजनाथ सिंह को फिश पसंद है तो इसकी व्यवस्था को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गई, लेकिन जैसे ही द्रौपदी मुर्मू को पता चला तो उन्होंने उनके पसंद की डिश तैयार कराने को कहा. डाइनिंग टेबल पर जैसे ही राजनाथ सिंह को फिश परोसा गया तो उन्होंने द्रौपदी मुर्मू जी को भी टेस्ट करने को कहा. लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि द्रौपदी मुर्मू सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं तो उन्होंने फिश खाने से इनकार कर दिया. उन्होंने भी वही भोजन किया जो द्रौपदी मुर्मू ग्रहण कर रही थीं.

राजभवन के कर्मियों से बात करते ब्यूरो चीफ राजेश कुमार

छह वर्षों तक बतौर कुक उनके लिए भोजन तैयार करने वाले प्रदीप ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू को बिना प्याज-लहसुन का शुद्ध शाकाहारी भोजन पसंद है. उन्होंने ओड़िशा के कुछ डिश बताए, जो उन्हें बेहद पसंद है. उन्हें पिट्ठा भी खूब अच्छा लगता है. प्रदीप ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू कभी नाराज नहीं होती थीं. कर्मचारियों से उनका दुख-सुख भी बांटती थीं.

राजभवन के एक पदाधिकारी ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि द्रौपदी मुर्मू विशुद्ध शाकाहारी हैं तो उनके आने से पहले किचन की विशेष रूप से साफ-सफाई करवायी गयी. पदाधिकारियों को लगा कि कहीं राज्यपाल के रूम अटेंडेंट मो. जसीम अंसारी को बदलना ना पड़ जाए क्योंकि उन्हें पता चला था कि वो नियमित रूप से पूजा-पाठ भी करती हैं. लेकिन ऐसी नौबत नहीं आई. उन्होंने राजभवन में सेवारत किसी भी कर्मचारी को नहीं बदला. उनके रूम अटेंडेट मो. जसीम अंसारी ने बताया कि वह नियमित रूप से द्रौपदी मुर्मू के बेडरूम की व्यवस्था सुनिश्चित करते थे. उन्हें कभी अहसास नहीं हुआ कि वह किसी राज्यपाल की सेवा में तैनात हैं. वह हमेशा बेटे की तरह प्यार और सम्मान देती थीं.

रांची: देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि आदिवासी समाज की एक महिला देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित करने जा रही है. झारखंड की राज्यपाल रहते हुए उन्होंने राजभवन में अपनी सादगी और सांप्रदायिक सौहार्द की एक अटूट छाप छोड़ी है. ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार को राजभवन के कर्मियों ने उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताई जिसे सुनकर उनके प्रति आदर और सम्मान की अनुभूति होगी. उनके राष्ट्रपति निर्वाचित होते ही पूरा देश तो यह जान चुका है कि वह विशुद्ध रूप से शाकाहारी हैं. हर दिन पूजा करती हैं. ध्यान लगाती हैं.

ये भी पढ़ें: Presidential Election Result: द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति निर्वाचित होते ही आदिवासी समाज में जश्न, अपनी परंपरा और संस्कृति में मना रहे उत्सव

राजनाथ सिंह ने नहीं खाई थी फिश: राजभवन के एक पदाधिकारी ने बताया कि कुछ वर्ष पहले देश के तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह रांची आए थे. वह राजभवन में ठहरे थे. राजभवन कर्मियों को पता चला कि राजनाथ सिंह को फिश पसंद है तो इसकी व्यवस्था को लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गई, लेकिन जैसे ही द्रौपदी मुर्मू को पता चला तो उन्होंने उनके पसंद की डिश तैयार कराने को कहा. डाइनिंग टेबल पर जैसे ही राजनाथ सिंह को फिश परोसा गया तो उन्होंने द्रौपदी मुर्मू जी को भी टेस्ट करने को कहा. लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि द्रौपदी मुर्मू सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं तो उन्होंने फिश खाने से इनकार कर दिया. उन्होंने भी वही भोजन किया जो द्रौपदी मुर्मू ग्रहण कर रही थीं.

राजभवन के कर्मियों से बात करते ब्यूरो चीफ राजेश कुमार

छह वर्षों तक बतौर कुक उनके लिए भोजन तैयार करने वाले प्रदीप ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू को बिना प्याज-लहसुन का शुद्ध शाकाहारी भोजन पसंद है. उन्होंने ओड़िशा के कुछ डिश बताए, जो उन्हें बेहद पसंद है. उन्हें पिट्ठा भी खूब अच्छा लगता है. प्रदीप ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू कभी नाराज नहीं होती थीं. कर्मचारियों से उनका दुख-सुख भी बांटती थीं.

राजभवन के एक पदाधिकारी ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि द्रौपदी मुर्मू विशुद्ध शाकाहारी हैं तो उनके आने से पहले किचन की विशेष रूप से साफ-सफाई करवायी गयी. पदाधिकारियों को लगा कि कहीं राज्यपाल के रूम अटेंडेंट मो. जसीम अंसारी को बदलना ना पड़ जाए क्योंकि उन्हें पता चला था कि वो नियमित रूप से पूजा-पाठ भी करती हैं. लेकिन ऐसी नौबत नहीं आई. उन्होंने राजभवन में सेवारत किसी भी कर्मचारी को नहीं बदला. उनके रूम अटेंडेट मो. जसीम अंसारी ने बताया कि वह नियमित रूप से द्रौपदी मुर्मू के बेडरूम की व्यवस्था सुनिश्चित करते थे. उन्हें कभी अहसास नहीं हुआ कि वह किसी राज्यपाल की सेवा में तैनात हैं. वह हमेशा बेटे की तरह प्यार और सम्मान देती थीं.

Last Updated : Jul 23, 2022, 7:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.