रांची: राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए 25 मई से चल रहे डोर टू डोर हेल्थ स्क्रीनिंग अभियान में 22 लाख 89 हजार 808 घरों तक पहुंचकर टीम ने 01 करोड़ 15 लाख 14 हजार 678 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की. इसमें 78,088 लोगों की RAT टेस्ट की अनुशंसा की गई. 71 हजार 757 लोगों के RAT टेस्ट में 771 पॉजिटिव मिले, जिसमें 27 बच्चे हैं. 06 कोरोना संक्रमित को डेडिकेटेड कोविड केअर सेंटर में भर्ती कराया गया है, बाकी होम आइसोलेशन में हैं. सभी को मुख्यमंत्री कोरोना किट दी गई है.
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बड़ी संख्या में मिल रहे टीबी, मधुमेह और हाई बीपी के मरीज
राज्य के ग्रामीण इलाकों में हेल्थ सर्वे अभियान शुरू किया गया जिससे कोरोना वायरस को रोका जा सके. हालांकि ग्रामीण इलाकों में चल रहे हेल्थ सर्वेक्षण में बड़ी संख्या में शुगर, टीबी और ब्लड प्रेशर के मरीज मिल रहे हैं. अबतक 8073 टीबी के लक्षण वाले मरीज मिले हैं. वहीं, 58929 मधुमेह और 62 हजार 30 ब्लड प्रेशर के मरीज मिले हैं.
अभी ऑन डिमांड वैक्सीनेशन नहीं
स्वास्थ्य विभाग की ओर से साफ किया गया कि अभी केंद्र की ओर से डोर टू डोर टीकाकरण नहीं होगा, बल्कि घर के आसपास के स्कूल, सामुदायिक केंद्र को टीकाकरण केंद्र बनाकर वैक्सीनेशन किया जा सकता है. इसमें भी दिव्यांग और बुजुर्ग को प्राथमिकता दी जाएगी.
संभावित 3rd wave से बच्चों को बचाने की कवायद तेज
विशेषज्ञों की ओर से 3rd वेव और उसके केंद्र में बच्चों के होने की संभावना को देखते हुए सरकार अभी से ही तैयारी में जुट गई है. सभी जिलों के सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है कि वह अपने अपने जिले से 02 शिशु रोग विशेषज्ञ, 2 मेडिकल अफसर और 2 नर्सों के नाम मुख्यालय भेजें, ताकि उनको विशेष प्रशिक्षण दिया जा सके जो offline और ऑनलाइन दोनों तरह का होगा.
दान या चैरिटी में मिली चिकित्सीय मशीन और सहयोग की लिस्ट बनाएं
कोरोना काल में बहुत सारे संगठनों ने मानवता की सेवा के लिए दान में बहुत सारे उपकरण, दवाएं आदि दी हैं. इन सबका सही ढंग से उपयोग हो और उपयोग की तस्वीर भी मुख्यालय को भेजी जाएं. वहीं, 31 मई की शाम तक सभी जिलों की ओर से ऐसे सामानों का डेटा उपलब्ध कराने का आदेश स्वास्थ्य विभाग ने दिया है.
संस्थागत प्रसव को कम न होने दें
राज्य के कई जिलों से ऐसी रिपोर्ट आने पर कि कोरोना के चलते संस्थागत प्रसव कम हुए हैं. स्वास्थ्य मुख्यालय की ओर से सभी सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है कि वह सुनिश्चित करें कि संस्थागत प्रसव कम न हो और डॉक्टर लगातार अस्पताल में प्रसव के लिए गर्भवती माताओं की देखरेख करें.
07 जिलों में 12-15 दिनों में आरटीपीसीआर लैब
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जानकारी दी गयी कि रांची, जमशेदपुर, बोकारो, देवघर, चाईबासा, गुमला और गोड्डा में निजी संस्थाएं और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से 07 RT-PCR लैब 12-15 दिनों के अंदर काम करने लगेंगी जबकि गिरिडीह, चतरा, खूंटी, गढ़वा, पाकुड़, रामगढ़ और सिमडेगा में भी RT पीसीआर लैब खोलने का प्रस्ताव है, जो कैबिनेट मंजूरी मिलने के बाद खुलेंगी.