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विजिलेंस टीम की छापेमारी के बाद डॉक्टर्स में हड़कंप, 4 डॉक्टरों ने वीआरएस के लिए दिया एप्लीकेशन - Vigilance Team

प्राइवेट प्रैक्टिस के खिलाफ विजिलेंस टीम की छापेमारी के विरोध में रिम्स के डॉक्टरों ने मंगलवार को एक बैठक की. डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि पूर्व के मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा था कि अगर कार्य अवधि के बाद कोई चिकित्सक किसी मरीज को चिकित्सा परामर्श देता है तो उन्हें किसी तरह का कोई रोक-टोक नहीं किया जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से विजिलेंस की टीम धरपकड़ कर रही है. इससे डॉक्टर काफी चिंतित हैं.

raid of vigilance team in rims
रिम्स
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Published : Jan 7, 2020, 9:14 PM IST

रांची: प्राइवेट प्रैक्टिस के खिलाफ विजिलेंस टीम की छापेमारी के विरोध में रिम्स के डॉक्टरों ने मंगलवार को एक बैठक की. रिम्स टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग गठित विजिलेंस कमिटी के विरोध में रिम्स के डॉक्टर वीआरएस (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) लेने को मजबूर हो जाएंगे.

देखिए पूरी खबर

प्रभात कुमार ने कहा कि पूर्व के मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा था कि अगर कार्य अवधि के बाद कोई चिकित्सक किसी मरीज को चिकित्सा परामर्श देता है तो उन्हें किसी तरह का कोई रोक-टोक नहीं किया जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से डॉक्टरों की विजिलेंस की टीम धरपकड़ कर रही है. इससे डॉक्टर काफी चिंतित हैं. जो डॉक्टर नॉन प्रैक्टिस एलॉयस की सुविधा नहीं ले रहे हैं, वैसे डॉक्टरों को अपने ड्यूटी के बाद निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलनी चाहिए.

वहीं, जो डॉक्टर एनपीए का लाभ उठा रहे हैं और उसके बावजूद अगर वह निजी प्रैक्टिस करते हुए पकड़ाते हैं तो उस डॉक्टर पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई निश्चित रूप से कर सकता है, लेकिन पिछले दिनों छापेमारी के दौरान कई ऐसे डॉक्टरों के निजी क्लीनिक पर छापेमारी की गई है, जो एनपीए का लाभ नहीं ले रहे हैं. रिम्स टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि रिम्स के डॉक्टर अपने कार्य अवधि को पूरा करने के बाद ही अपने निजी क्लीनिक में मरीजों को चिकित्सा परामर्श देते हैं, लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग आपत्ति जता रहा है, जिसने निश्चित रूप से डॉक्टरों की चिंता को बढ़ा दी है.

ये भी पढ़ें: नक्सलियों के खिलाफ जारी रहेगा अभियान, साल 2019 में मारे गए थे 26 नक्सली
वहीं, मिल रही जानकारी के अनुसार, अभी तक 4 डॉक्टरों ने वीआरएस के लिए एप्लीकेशन फाइल कर दिया है और लगभग एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टर वीआरएस देने की तैयारी कर रहे हैं. मेडिसिन विभाग के डॉ. संजय कुमार, डॉ. विद्यापति, पैथोलॉजी विभाग के डॉ. आरके श्रीवास्तव, सर्जरी विभाग के विनय प्रताप वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया है.

रांची: प्राइवेट प्रैक्टिस के खिलाफ विजिलेंस टीम की छापेमारी के विरोध में रिम्स के डॉक्टरों ने मंगलवार को एक बैठक की. रिम्स टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग गठित विजिलेंस कमिटी के विरोध में रिम्स के डॉक्टर वीआरएस (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) लेने को मजबूर हो जाएंगे.

देखिए पूरी खबर

प्रभात कुमार ने कहा कि पूर्व के मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा था कि अगर कार्य अवधि के बाद कोई चिकित्सक किसी मरीज को चिकित्सा परामर्श देता है तो उन्हें किसी तरह का कोई रोक-टोक नहीं किया जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से डॉक्टरों की विजिलेंस की टीम धरपकड़ कर रही है. इससे डॉक्टर काफी चिंतित हैं. जो डॉक्टर नॉन प्रैक्टिस एलॉयस की सुविधा नहीं ले रहे हैं, वैसे डॉक्टरों को अपने ड्यूटी के बाद निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलनी चाहिए.

वहीं, जो डॉक्टर एनपीए का लाभ उठा रहे हैं और उसके बावजूद अगर वह निजी प्रैक्टिस करते हुए पकड़ाते हैं तो उस डॉक्टर पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई निश्चित रूप से कर सकता है, लेकिन पिछले दिनों छापेमारी के दौरान कई ऐसे डॉक्टरों के निजी क्लीनिक पर छापेमारी की गई है, जो एनपीए का लाभ नहीं ले रहे हैं. रिम्स टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि रिम्स के डॉक्टर अपने कार्य अवधि को पूरा करने के बाद ही अपने निजी क्लीनिक में मरीजों को चिकित्सा परामर्श देते हैं, लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग आपत्ति जता रहा है, जिसने निश्चित रूप से डॉक्टरों की चिंता को बढ़ा दी है.

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वहीं, मिल रही जानकारी के अनुसार, अभी तक 4 डॉक्टरों ने वीआरएस के लिए एप्लीकेशन फाइल कर दिया है और लगभग एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टर वीआरएस देने की तैयारी कर रहे हैं. मेडिसिन विभाग के डॉ. संजय कुमार, डॉ. विद्यापति, पैथोलॉजी विभाग के डॉ. आरके श्रीवास्तव, सर्जरी विभाग के विनय प्रताप वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया है.

Intro:प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की निजी क्लीनिक पर विजिलेंस टीम के छापे पड़ने के बाद रिम्स के डॉक्टरों की
परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।

प्राइवेट प्रैक्टिस के खिलाफ विजिलेंस टीम की छापेमारी और धरपकड़ के विरोध में रिम्स के डॉक्टरों ने मंगलवार को एक बैठक की जिसको लेकर रिम्स टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि इस बैठक में स्वास्थ विभाग द्वारा गठित विजिलेंस कमिटी के विरोध में रिम्स के डॉक्टर वीआरएस(वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) लेने को मजबूर हो जाएंगे क्योंकि पूर्व के मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा था कि अगर कार्य अवधि के बाद कोई चिकित्सा किसी मरीज को चिकित्सा परामर्श देता है तो उन्हें किसी तरह का कोई रोक-टोक नहीं की जाएगी।


Body:वहीं उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से डॉक्टरों पर विजिलेंस की टीम द्वारा धरपकड़ की जा रही है इससे डॉक्टर काफी चिंतित हैं क्योंकि जो डॉक्टर नान प्रैक्टिस अलायंस की सुविधा नहीं ले रहे हैं वैसे डॉक्टरों को अपने ड्यूटी के बाद निजी प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलनी चाहिए वही जो डॉक्टर एनपीए का लाभ उठा रहे हैं और उसके बावजूद भी अगर वह निजी प्रैक्टिस करते हुए पकड़ाते हैं तो उस डॉक्टर पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई निश्चित रूप से कर सकता है लेकिन पिछले दिनों छापेमारी के दौरान कई ऐसे डॉक्टरों के निजी क्लीनिक पर छापेमारी की गई है जो एनपीए का लाभ नहीं ले रहे हैं।

रिम्स टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि रिम्स के डॉक्टर अपने कार्य अवधि को पूरा करने के बाद ही अपने निजी क्लीनिक में मरीजों को चिकित्सा परामर्श देते हैं लेकिन इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा आपत्ति जताई जा रही है जो निश्चित रूप से डॉक्टरों की चिंता को बढ़ा दिया है और अगर स्वास्थ्य विभाग इस पर संज्ञान नहीं लेता है तो हम लोगों को वीआरएस लेना मजबूरी हो जाएगा।


Conclusion:वही मिल रही जानकारी के अनुसार अभी तक 4 डॉक्टरों ने वीआरएस के लिए एप्लीकेशन फाइल कर दिया है और लगभग एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टर वीआरएस देने की तैयारी कर रहे हैं।

मेडिसिन विभाग के डॉ संजय कुमार, डॉ विद्यापति पैथोलॉजी विभाग के डॉ आरके श्रीवास्तव सर्जरी विभाग के विनय प्रताप वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया है।

रिम्स टीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि इसको लेकर हम लोगों ने मुख्यमंत्री से समय लिया है,समय मिलने के बाद हम अपनी परेशानी को उनके समक्ष रखेंगे ताकि डॉक्टरों की परेशानी दूर हो सके।

हालांकि विजिलेंस टीम के द्वारा हो रही लगातार छापेमारी से भयभीत होकर कई डॉक्टरों ने अपने निजी क्लीनिक से प्राइवेट प्रैक्टिस का बोर्ड भी हटा लिया है और निजी अस्पताल को भी पैनल से अपना नाम हटाने को कहा है।

गौरतलब है कि रिम्स के वरिष्ठ डॉक्टर भी रिम्स से वीआरएस लेने की बात कह रहे हैं जिससे कहीं ना कहीं रिम्स की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सीधा असर पड़ सकता है।

बाइट-डॉ प्रभात कुमार,अध्यक्ष, रिम्स टीचर एसोसिएशन।
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