ETV Bharat / city

सेवा से बदल दी आपदा में अवसर की परिभाषा, गरीबों का डॉक्टर के रूप में जाने जाते हैं डॉ. अनिल कुमार

author img

By

Published : Aug 6, 2021, 7:28 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 10:44 AM IST

कहते हैं धरती पर अगर भगवान है तो वो सिर्फ डॉक्टर्स हैं (Doctor is the God of the earth). जो मरीज को मौत के मुंह से निकालते हैं. लेकिन भौतिकवाद में ये पेशा भी जकड़ा जा चुका है. फिर कुछ ऐसे लोग हैं जो सेवा को ही धर्म मानकर जरूरतमंदों की मदद करते हैं. ऐसी ही नजीर पेश कर रहे हैं रांची के डॉक्टर अनिल कुमार (Doctor Anil Kumar).

doctor-anil-kumar-providng-free-treatment-to-poor-patients-in-ranchi
डिजाइन इमेज

रांची: कहते हैं धरती पर अगर कोई भगवान होता है वह सिर्फ और सिर्फ डॉक्टरों को ही कहा जाता है (Doctor is the God of the earth). लेकिन आज की तारीख में डॉक्टरों की आधुनिक और भौतिकवादी सोच ने इसकी परिभाषा को बदलने का प्रयास किया है. क्योंकि डॉक्टर अब मरीजों की सेवा से ज्यादा पैसे कमाने पर ध्यान दे रहे हैं. ऐसे में रांची के डॉक्टर अनिल कुमार (Doctor Anil Kumar) गरीबों का मुफ्त इलाज कर समाज और डॉक्टरी पेशे के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- ये डॉक्टर फ्री में करता है लोगों का इलाज, 14 हजार मरीजों की कर चुके हैं मुफ्त सर्जरी

आज भौतिकवाद हावी है, सेवा के लिए जाना और पहचाना जाने वाला चिकित्सीय पेशा (Medical Profession) भी इसकी गिरफ्त में आ गया है. सरकारी तो सरकारी निजी अस्पतालों की बात करें तो यहां के डॉक्टर आए दिन पैसों को लेकर मरीजों से तू-तू मैं-मैं करते दिखाई देते हैं. ऐसी करतूत निश्चित रूप से डॉक्टरी पेशे को बदनाम करता है. आलम ऐसा है कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक सरकारी स्तर पर कम और निजी स्तर पर ज्यादा मरीजों का इलाज करते हैं. लेकिन आज भी कई ऐसे चिकित्सक हैं, जो इस पेशे का सम्मान करते हुए अपने धर्म को निभाने का काम कर रहे हैं.

देखें स्पेशल खबर

ऐसे ही चिकित्सकों में नाम आता है राजधानी रांची के ऑनलाइन चिकित्सक डॉक्टर अनिल कुमार का, जिन्होंने मरीजों को सिर्फ अपने क्लीनिक में ही नहीं बल्कि अपनों से दूर रह रहे मरीजों को तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करते हुए उनका इलाज करते हैं. राजधानी के कचहरी चौक स्थित अपना क्लीनिक चला रहे डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि वह इस संस्था को सिर्फ इसीलिए चलाते हैं कि वह अपने फुर्सत के पलों में रांची के गरीब मरीजों की मदद कर सके.

डॉ. अनिल बताते हैं कि डॉक्टर एक इंसान है और उसका भी अपना परिवार होता है. उसे भी खाने-पीने के लिए पैसों की जरूरत होती है और इस जरूरत को पूरा करने के लिए वह भी नौकरी करते हैं. जिससे वह अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों की जरूरतों को पूरा कर सकें. लेकिन जब वह अपनी नौकरी से फुर्सत पाते हैं तो हर दिन 4-5 घंटे गरीब मरीजों के लिए अपनी क्लीनिक में बैठकर मुफ्त उपचार करते हैं और ऑनलाइन माध्यम से मरीजों को चिकित्सीय परामर्श भी देते हैं.


डॉ. अनिल बताते हैं कि कोरोना काल (Corona Period) में जब चिकित्सक मरीज को देखने से परहेज कर रहे थे और दूरी बना रहे थे, तब हमारे मन में यह ख्याल आया कि क्यों ना हम ऑनलाइन और तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करते हुए मरीज का इलाज करें. जिससे कोरोना काल में मरीज को घरों से बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें स्वास्थ्य लाभ भी मिल जाएगा. उन्होंने बताया कि जब अमेरिका, इटली सहित अन्य विकसित देशों में कोरोना का प्रकोप बढ़ने लगा तो मैं यह सोचने लगा कि अगर भारत में इसका प्रकोप बढ़ता है तो स्थिति और भी बुरी हो सकती है.

doctor-anil-kumar-providng-free-treatment-to-poor-patients-in-ranchi
अपने क्लीनिक में फ्री में परामर्श देते डॉ. अनिल

इसे भी पढ़ें- यहां मात्र 10 रुपए में मरीजों का किया जाता है इलाज, अस्पताल में है मरीजों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध

कोरोना के इस दौर में हमें अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की जरूरत होगी. इसीलिए मेरी तरफ से व्यक्तिगत तौर पर फरवरी 2020 से ही ऑनलाइन (Online) माध्यम से इलाज करने की व्यवस्था शुरू की गई. जिसमें व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल साइट्स की भी मदद ली गई. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच उनका मोबाइल नंबर वितरित हो सके और लोग दूर रहकर भी डॉक्टरों से चिकित्सीय परामर्श ले सकें. इस प्रकार अब तक डॉ. अनिल कुमार ने ऑनलाइन तरीके से तीन हजार से चार हजार लोगों का इलाज कर चुके हैं.

doctor-anil-kumar-providng-free-treatment-to-poor-patients-in-ranchi
मुफ्त मरीजों को देखते डॉ. अनिल

डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि जब वह छोटे थे तो उनकी मां कहा करती थी एक व्यक्ति जब बीमार होता है तो वह लाचार हो जाता है।उसके बावजूद भी अस्पतालों में इलाज के लिए चिकित्सक जब पैसे लेते हैं तो इससे उनका मन काफी विचलित हो जाता है।अपनी मां की इसी बात से प्रेरित होकर डॉक्टर अनिल कुमार ने यह प्रण लिया कि अपने जीवन में वो गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज करेंगे।

इस क्लीनिक के कर्मचारियों को भी डॉक्टर अनिल यह निर्देश देकर रखे हैं कि राज्य का कोई भी मरीज उनके क्लीनिक से खाली हाथ वापस ना लौटे, अगर मरीज के पास पैसे नहीं हैं तो मुफ्त में दवा भी मुहैया कराई जाए. क्लीनिक में काम कर रहे कर्मचारी नवीन कुमार बताते हैं डॉक्टर साहब की इस सेवा भावना को देखते हुए हम लोग भी दिल से इस क्लीनिक में काम करते हैं और जब भी समय मिलता है तो मरीजों को सेवा भी देते हैं.

doctor-anil-kumar-providng-free-treatment-to-poor-patients-in-ranchi
मुफ्त चिकित्सीय संसाधन देते डॉ. अनिल

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य सेवा का पहला सिद्धांत है मरीज को नुकसान से बचाना


डॉक्टर अनिल के पास इलाज के लिए आए मरीज बताते हैं कि डॉक्टर साहब की इस व्यवस्था से हम आम मरीजों को काफी लाभ मिला है. क्योंकि लॉकडाउन की अवधि के दौरान घर से निकलना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में डॉ. अनिल की ओर से ऑनलाइन इलाज की व्यवस्था लॉकडाउन की अवधि में हम लोगों के लिए रामबाण साबित हुआ.

रांची के ग्रामीण क्षेत्र के अनगड़ा से आए नंदू मुंडा बताते हैं कि झारखंड में ज्यादातर गरीब लोगों की संख्या है और उनके लिए बड़े अस्पताल में जाकर इलाज कराना संभव नहीं है. लेकिन डॉक्टर अनिल वैसे लोगों के लिए भगवान साबित हो रहे हैं, जो अभाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं. डॉ. अनिल कम पैसों में लोगों का इलाज कर उन्हें नया जीवन दान दे रहे हैं, जो निश्चित रूप से चिकित्सकों के प्रति सम्मान को बढ़ाता है.

डॉक्टर अनिल राजधानी के प्रचलित अस्पताल रानी चिल्ड्रन में भी नौकरी करते हैं. इससे पहले वह गुजरात सरकार और झारखंड सरकार के लिए भी चिकित्सक के रूप काम कर चुके हैं. डॉ. अनिल के इस प्रयास को देखते हुए सरकार में शामिल और भाकपा के वरिष्ठ नेता अजय सिंह बताते हैं कि ऐसे डॉक्टरों की सेवा भावना को देखते हुए हमारी पार्टी सरकार और स्वास्थ्य विभाग से अपील करेगी. इन्हें सम्मानित कर डॉक्टरों के बीच एक बेहतर संदेश दें ताकि डॉक्टरों की बदल रही सोच फिर से सेवा भावना की ओर अग्रसर हो सके.


कोरोना काल में कई ऐसे स्वास्थ्य संस्थान थे, जो इस आपदा की घड़ी में अवसर तलाशते हुए भौतिक सुख-सुविधाओं के पीछे भाग कर पैसे कमाने की होड़ में जुटे थे. वैसे में डॉ. अनिल ने ऑनलाइन माध्यम से गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज कर लाभ पहुंचाया है. यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है और यह आपदा में अवसर तलाशने की परिभाषा को भी बदलता नजर आता है.

रांची: कहते हैं धरती पर अगर कोई भगवान होता है वह सिर्फ और सिर्फ डॉक्टरों को ही कहा जाता है (Doctor is the God of the earth). लेकिन आज की तारीख में डॉक्टरों की आधुनिक और भौतिकवादी सोच ने इसकी परिभाषा को बदलने का प्रयास किया है. क्योंकि डॉक्टर अब मरीजों की सेवा से ज्यादा पैसे कमाने पर ध्यान दे रहे हैं. ऐसे में रांची के डॉक्टर अनिल कुमार (Doctor Anil Kumar) गरीबों का मुफ्त इलाज कर समाज और डॉक्टरी पेशे के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- ये डॉक्टर फ्री में करता है लोगों का इलाज, 14 हजार मरीजों की कर चुके हैं मुफ्त सर्जरी

आज भौतिकवाद हावी है, सेवा के लिए जाना और पहचाना जाने वाला चिकित्सीय पेशा (Medical Profession) भी इसकी गिरफ्त में आ गया है. सरकारी तो सरकारी निजी अस्पतालों की बात करें तो यहां के डॉक्टर आए दिन पैसों को लेकर मरीजों से तू-तू मैं-मैं करते दिखाई देते हैं. ऐसी करतूत निश्चित रूप से डॉक्टरी पेशे को बदनाम करता है. आलम ऐसा है कि सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक सरकारी स्तर पर कम और निजी स्तर पर ज्यादा मरीजों का इलाज करते हैं. लेकिन आज भी कई ऐसे चिकित्सक हैं, जो इस पेशे का सम्मान करते हुए अपने धर्म को निभाने का काम कर रहे हैं.

देखें स्पेशल खबर

ऐसे ही चिकित्सकों में नाम आता है राजधानी रांची के ऑनलाइन चिकित्सक डॉक्टर अनिल कुमार का, जिन्होंने मरीजों को सिर्फ अपने क्लीनिक में ही नहीं बल्कि अपनों से दूर रह रहे मरीजों को तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करते हुए उनका इलाज करते हैं. राजधानी के कचहरी चौक स्थित अपना क्लीनिक चला रहे डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि वह इस संस्था को सिर्फ इसीलिए चलाते हैं कि वह अपने फुर्सत के पलों में रांची के गरीब मरीजों की मदद कर सके.

डॉ. अनिल बताते हैं कि डॉक्टर एक इंसान है और उसका भी अपना परिवार होता है. उसे भी खाने-पीने के लिए पैसों की जरूरत होती है और इस जरूरत को पूरा करने के लिए वह भी नौकरी करते हैं. जिससे वह अपने बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों की जरूरतों को पूरा कर सकें. लेकिन जब वह अपनी नौकरी से फुर्सत पाते हैं तो हर दिन 4-5 घंटे गरीब मरीजों के लिए अपनी क्लीनिक में बैठकर मुफ्त उपचार करते हैं और ऑनलाइन माध्यम से मरीजों को चिकित्सीय परामर्श भी देते हैं.


डॉ. अनिल बताते हैं कि कोरोना काल (Corona Period) में जब चिकित्सक मरीज को देखने से परहेज कर रहे थे और दूरी बना रहे थे, तब हमारे मन में यह ख्याल आया कि क्यों ना हम ऑनलाइन और तकनीकी सुविधाओं का उपयोग करते हुए मरीज का इलाज करें. जिससे कोरोना काल में मरीज को घरों से बाहर निकलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें स्वास्थ्य लाभ भी मिल जाएगा. उन्होंने बताया कि जब अमेरिका, इटली सहित अन्य विकसित देशों में कोरोना का प्रकोप बढ़ने लगा तो मैं यह सोचने लगा कि अगर भारत में इसका प्रकोप बढ़ता है तो स्थिति और भी बुरी हो सकती है.

doctor-anil-kumar-providng-free-treatment-to-poor-patients-in-ranchi
अपने क्लीनिक में फ्री में परामर्श देते डॉ. अनिल

इसे भी पढ़ें- यहां मात्र 10 रुपए में मरीजों का किया जाता है इलाज, अस्पताल में है मरीजों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध

कोरोना के इस दौर में हमें अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की जरूरत होगी. इसीलिए मेरी तरफ से व्यक्तिगत तौर पर फरवरी 2020 से ही ऑनलाइन (Online) माध्यम से इलाज करने की व्यवस्था शुरू की गई. जिसमें व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल साइट्स की भी मदद ली गई. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच उनका मोबाइल नंबर वितरित हो सके और लोग दूर रहकर भी डॉक्टरों से चिकित्सीय परामर्श ले सकें. इस प्रकार अब तक डॉ. अनिल कुमार ने ऑनलाइन तरीके से तीन हजार से चार हजार लोगों का इलाज कर चुके हैं.

doctor-anil-kumar-providng-free-treatment-to-poor-patients-in-ranchi
मुफ्त मरीजों को देखते डॉ. अनिल

डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि जब वह छोटे थे तो उनकी मां कहा करती थी एक व्यक्ति जब बीमार होता है तो वह लाचार हो जाता है।उसके बावजूद भी अस्पतालों में इलाज के लिए चिकित्सक जब पैसे लेते हैं तो इससे उनका मन काफी विचलित हो जाता है।अपनी मां की इसी बात से प्रेरित होकर डॉक्टर अनिल कुमार ने यह प्रण लिया कि अपने जीवन में वो गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज करेंगे।

इस क्लीनिक के कर्मचारियों को भी डॉक्टर अनिल यह निर्देश देकर रखे हैं कि राज्य का कोई भी मरीज उनके क्लीनिक से खाली हाथ वापस ना लौटे, अगर मरीज के पास पैसे नहीं हैं तो मुफ्त में दवा भी मुहैया कराई जाए. क्लीनिक में काम कर रहे कर्मचारी नवीन कुमार बताते हैं डॉक्टर साहब की इस सेवा भावना को देखते हुए हम लोग भी दिल से इस क्लीनिक में काम करते हैं और जब भी समय मिलता है तो मरीजों को सेवा भी देते हैं.

doctor-anil-kumar-providng-free-treatment-to-poor-patients-in-ranchi
मुफ्त चिकित्सीय संसाधन देते डॉ. अनिल

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य सेवा का पहला सिद्धांत है मरीज को नुकसान से बचाना


डॉक्टर अनिल के पास इलाज के लिए आए मरीज बताते हैं कि डॉक्टर साहब की इस व्यवस्था से हम आम मरीजों को काफी लाभ मिला है. क्योंकि लॉकडाउन की अवधि के दौरान घर से निकलना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में डॉ. अनिल की ओर से ऑनलाइन इलाज की व्यवस्था लॉकडाउन की अवधि में हम लोगों के लिए रामबाण साबित हुआ.

रांची के ग्रामीण क्षेत्र के अनगड़ा से आए नंदू मुंडा बताते हैं कि झारखंड में ज्यादातर गरीब लोगों की संख्या है और उनके लिए बड़े अस्पताल में जाकर इलाज कराना संभव नहीं है. लेकिन डॉक्टर अनिल वैसे लोगों के लिए भगवान साबित हो रहे हैं, जो अभाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं. डॉ. अनिल कम पैसों में लोगों का इलाज कर उन्हें नया जीवन दान दे रहे हैं, जो निश्चित रूप से चिकित्सकों के प्रति सम्मान को बढ़ाता है.

डॉक्टर अनिल राजधानी के प्रचलित अस्पताल रानी चिल्ड्रन में भी नौकरी करते हैं. इससे पहले वह गुजरात सरकार और झारखंड सरकार के लिए भी चिकित्सक के रूप काम कर चुके हैं. डॉ. अनिल के इस प्रयास को देखते हुए सरकार में शामिल और भाकपा के वरिष्ठ नेता अजय सिंह बताते हैं कि ऐसे डॉक्टरों की सेवा भावना को देखते हुए हमारी पार्टी सरकार और स्वास्थ्य विभाग से अपील करेगी. इन्हें सम्मानित कर डॉक्टरों के बीच एक बेहतर संदेश दें ताकि डॉक्टरों की बदल रही सोच फिर से सेवा भावना की ओर अग्रसर हो सके.


कोरोना काल में कई ऐसे स्वास्थ्य संस्थान थे, जो इस आपदा की घड़ी में अवसर तलाशते हुए भौतिक सुख-सुविधाओं के पीछे भाग कर पैसे कमाने की होड़ में जुटे थे. वैसे में डॉ. अनिल ने ऑनलाइन माध्यम से गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज कर लाभ पहुंचाया है. यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है और यह आपदा में अवसर तलाशने की परिभाषा को भी बदलता नजर आता है.

Last Updated : Aug 7, 2021, 10:44 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.