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दिव्यांग शिक्षक राजेश कुमार एक बार फिर धरने पर बैठे, शिक्षा विभाग के जारी लेटर को विश्वविद्यालय ने मामने से किया इनकार - Jharkhand news

सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दिव्यांग शिक्षक राजेश कुमार अपनी मांगों को लेकर राजभवन के सामने एक बार फिर से धरने पर बैठ गए हैं. पिछली बार जब वे धरने पर बैठे थे तो उच्च शिक्षा विभाग ने एक लेटर जारी करते हुए उन्हें नौकरी पर रखने के लिए कहा था. लेकिन अब राजेश का कहना है कि शिक्षा विभाग के लेटर को विश्ववाद्यालय मानने से इनकार कर रहा है.

Divyang teacher Rajesh Kumar
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Published : Jul 27, 2022, 9:38 PM IST

Updated : Jul 27, 2022, 9:46 PM IST

रांची: राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निर्देषों को भी राज्य के विश्वविद्यालय धता बता रहे हैं. पिछले 2 महीने से राजधानी रांची के राजभवन के सामने दुमका के सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के दिव्यांग शिक्षक राजेश कुमार अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. उनकी मांगों को मानते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने एक लेटर जारी करते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन को जल्द से जल्द राजेश को नौकरी पर रखने का निर्देश दिया. इसके बावजूद उच्च शिक्षा विभाग के इस निर्णय को विश्वविद्यालय मानने से इनकार कर दिया.

ये भी पढ़ें: राजभवन ने किया दिव्यांग युवक राजेश के बकाया मानदेय का भुगतान, 34 दिनों से राजभवन के सामने कर रहे आंदोलन



पिछले 2 महीनों से राजभवन के सामने दिव्यांग शिक्षक राजेश कुमार अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. राजेश को सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय प्रबंधन से पढ़ाने के एवज में पिछले एक साल से मानदेय नहीं दिया था. उन्हें मौखिक रूप से इजाजत देते हुए विश्वविद्यालय में शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया था. इस मामले को लेकर जब राजेश ने राजभवन से इसकी शिकायत की थी. तब विश्वविद्यालय प्रबंधन ने राजेश को विश्वविद्यालय से हटा दिया था.

देखें वीडियो

दोबारा विश्वविद्यालय में शिक्षक के पद पर नियुक्ति की मांग के साथ ही बकाया मानदेय की मांग को लेकर राजेश पिछले 2 महीने के अधिक समय से राजभवन के समक्ष आंदोलनरत थे. उसके आंदोलन को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने पहल करते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन को निर्देश दिया था कि जल्द से जल्द राजेश को नियुक्त किया जाए. इसे लेकर एक लेटर भी जारी किया गया था. वहीं दूसरी और राजभवन ने बकाया वेतन का खुद भुगतान करते हुए राजेश को एक लाख रुपए भी दिया गया था. लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय ने राजेश को नौकरी पर रखने से मना कर दिया.

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए लेटर को लेकर जब राजेश विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे. तब उसे विश्वविद्यालय में घुसने भी नहीं दिया जा रहा था. काफी मिन्नतें करने के बाद एक पदाधिकारी से उसकी मुलाकात कराई गई. जिन्होंने कहा कि यह लेटर नियुक्ति के लिए मान्य नहीं है. आपको दोबारा इस विश्वविद्यालय में नियुक्त नहीं किया जाएगा. एक बार फिर राजेश राजभवन के समीप धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा. तब तक आंदोलन जारी रखेंगे. राजेश का यह भी कहना है की विश्वविद्यालय प्रबंधन व्यक्तिगत तरीके से उनके साथ अब लड़ाई लड़ रही है विश्वविद्यालय प्रबंधन के मुखिया कुलपति अब इसे प्रतिष्ठा के तौर पर ले रही है.

रांची: राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निर्देषों को भी राज्य के विश्वविद्यालय धता बता रहे हैं. पिछले 2 महीने से राजधानी रांची के राजभवन के सामने दुमका के सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के दिव्यांग शिक्षक राजेश कुमार अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. उनकी मांगों को मानते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने एक लेटर जारी करते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन को जल्द से जल्द राजेश को नौकरी पर रखने का निर्देश दिया. इसके बावजूद उच्च शिक्षा विभाग के इस निर्णय को विश्वविद्यालय मानने से इनकार कर दिया.

ये भी पढ़ें: राजभवन ने किया दिव्यांग युवक राजेश के बकाया मानदेय का भुगतान, 34 दिनों से राजभवन के सामने कर रहे आंदोलन



पिछले 2 महीनों से राजभवन के सामने दिव्यांग शिक्षक राजेश कुमार अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. राजेश को सिद्धू कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय प्रबंधन से पढ़ाने के एवज में पिछले एक साल से मानदेय नहीं दिया था. उन्हें मौखिक रूप से इजाजत देते हुए विश्वविद्यालय में शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया था. इस मामले को लेकर जब राजेश ने राजभवन से इसकी शिकायत की थी. तब विश्वविद्यालय प्रबंधन ने राजेश को विश्वविद्यालय से हटा दिया था.

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दोबारा विश्वविद्यालय में शिक्षक के पद पर नियुक्ति की मांग के साथ ही बकाया मानदेय की मांग को लेकर राजेश पिछले 2 महीने के अधिक समय से राजभवन के समक्ष आंदोलनरत थे. उसके आंदोलन को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने पहल करते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन को निर्देश दिया था कि जल्द से जल्द राजेश को नियुक्त किया जाए. इसे लेकर एक लेटर भी जारी किया गया था. वहीं दूसरी और राजभवन ने बकाया वेतन का खुद भुगतान करते हुए राजेश को एक लाख रुपए भी दिया गया था. लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी सिद्धू कानू मुर्मू विश्वविद्यालय ने राजेश को नौकरी पर रखने से मना कर दिया.

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए लेटर को लेकर जब राजेश विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे. तब उसे विश्वविद्यालय में घुसने भी नहीं दिया जा रहा था. काफी मिन्नतें करने के बाद एक पदाधिकारी से उसकी मुलाकात कराई गई. जिन्होंने कहा कि यह लेटर नियुक्ति के लिए मान्य नहीं है. आपको दोबारा इस विश्वविद्यालय में नियुक्त नहीं किया जाएगा. एक बार फिर राजेश राजभवन के समीप धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा. तब तक आंदोलन जारी रखेंगे. राजेश का यह भी कहना है की विश्वविद्यालय प्रबंधन व्यक्तिगत तरीके से उनके साथ अब लड़ाई लड़ रही है विश्वविद्यालय प्रबंधन के मुखिया कुलपति अब इसे प्रतिष्ठा के तौर पर ले रही है.

Last Updated : Jul 27, 2022, 9:46 PM IST
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