रांची: शहर की मेयर आशा लकड़ा और नगर आयुक्त मुकेश कुमार के बीच विवाद खत्म नहीं हो रहा है इसकी वजह से रांची नगर निगम(Ranchi Municipal Corporation) का काम भी प्रभावित हो रहा है. साफ सफाई का काम कर रही एजेंसी जहां अपने कार्यों का निष्पादन सही तरीके से नहीं कर रही है तो वहीं, मेयर लगातार नगर आयुक्त के कार्यशैली पर हमला कर रहीं हैं.
कई मामलों में आमने सामने
रांची नगर निगम(Ranchi Municipal Corporation) में मेयर और नगर आयुक्त के बीच विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है. बारिश के मौसम में रांची के विभिन्न वार्डों जलजमाव की समस्या, 53 वार्डों में अनियमित रूप से हो रही सफाई व्यवस्था, फॉगिंग और एक फीसदी सोडियम हाइपोक्लोराइट केमिकल के छिड़काव, टैक्स कलेक्शन करने वाली एजेंसी और डोर-टू-कचरा उठाव कार्य कर रही निजी एजेंसी के कार्यों को लेकर लगातार मेयर और नगर आयुक्त आमने-सामने रहे हैं. जिसकी वजह से कहीं ना कहीं शहर के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं.
1 जुलाई को आपात बैठक आहुत करने के निर्देश
रांची नगर निगम परिषद् की 1 जुलाई को आपात बैठक आहुत करने का निर्देश मेयर आशा लकड़ा के द्वारा पत्र के माध्यम से नगर आयुक्त को दिया गया है. ताकि शहर में नगर निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों में जो कमियां दिख रही हैं और जनप्रतिनिधियों के जो सुझाव हैं उसे साझा किया जा सके. हालांकि इससे पहले भी कई बार मेयर ने बैठक आहूत करने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा है. लेकिन बैठक आहूत नहीं किए गए हैं. ऐसे में एक बार फिर आशंका जताई जा रही है कि नगर आयुक्त के द्वारा आपात बैठक नहीं बुलाई जाएगी. ऐसे में यह साफ हो गया है कि मेयर और नगर आयुक्त के बीच का विवाद खत्म नहीं हो पाया है.
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आशा लकड़ा ने लगाए आरोप
मेयर आशा लकड़ा का मानना है कि नगर आयुक्त गंभीर नहीं हैं. जिसकी वजह से शहर में नगर निगम द्वारा किए जाने वाले कार्य बेहतर तरीके से नहीं हो पा रहे हैं. नगर आयुक्त और अधिकारी नगर विकास विभाग के इशारों पर काम कर रहे हैं. जिसके कारण कई बार निरीक्षण के दौरान पदाधिकारियों को बुलाए जाने पर भी वह अनुपस्थित रहते हैं. इसके साथ ही सफाई और सेनेटाइजेशन से संबंधित कार्यों को सही तरीके से नहीं किया जा रहा है. जिससे जनता में भी नाराजगी है.
विकास कार्यों में मेयर और नगर आयुक्त का विवाद बना बाधा
कोरोना काल के दौरान गली मोहल्लों में सैनेटाइजेशन को लेकर विशेष अभियान चलाए जाने की जरूरत थी. लेकिन दोनों में विवाद की वजह से इस काम को सही तरीके से नहीं किया गया. वहीं गर्मी के मौसम में शहर के बड़े इलाके में पानी की समस्या होती है, लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं, लेकिन रांची नगर निगम की तरफ से लोगों की प्यास बुझाने के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो पाई. बारिश के मौसम में शहर नालों की सफाई भी ठीक से नहीं हो पाई है. सफाई की बात करें तो पिछले कुछ दिनों से विशेष सफाई अभियान शुरू किया गया है. मानसून से पहले बड़े नालों की सफाई विभागीय सचिव के निर्देश के बाद शुरू हो पाया है. नगर निगम आपसी समन्वय के साथ बेहतर कार्य कर सकता है, लेकिन मेयर और नगर आयुक्त के बीच बढ़ते विवाद में बहुत हद तक शहर के विकास कार्यों में बाधा उतपन्न हो गई है.