रांचीः आरयू की सिंडिकेट की बैठक (Ranchi University Syndicate Meeting) हुई. जिसमें 32 महत्वपूर्ण एजेंडो पर चर्चा के बाद सहमति बनी है. लेकिन अभी-भी अनुबंध कर्मियों (Contract Workers) की सेवा पक्की करने के लिए लीगल ऑपिनियन को लेकर चर्चाएं जारी है. इस पर विचार करने के बाद इस मामले को सुलझाया जाएगा.
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रांची विश्वविद्यालय में अनुबंध कर्मचारियों की सेवा नियमित करने की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही विवादों में आ गया था. पूर्व कुलपति रमेश कुमार पांडे ने नौकरी स्थायी करने के लिए बनी लिस्ट को रद्द कर नए सिरे से लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया था. साथ ही लीगल ओपिनियन भी इस मामले को लेकर ली जा रही थी. मंगलवार को सिंडिकेट की बैठक में लीगल ओपिनियन से जुड़ी विषय वस्तुस्थिति को स्पष्ट किया गया. सिंडिकेट की बैठक में इस मामले को लेकर विशेष रूप से चर्चा की गई.
अधिवक्ता की राय के अनुसार किस तरह से नियुक्त हुए है, कब से है और योग्यता क्या है, ऐसे ही कई विषयवस्तु को रखा गया है, उसमें 10 वर्ष के अनुभव होना भी जरूरी बताया गया है. एक पैरामीटर के तहत इन कर्मचारियों को नियुक्त करना होगा. इस पैरामीटर में सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्णय का भी हवाला दिया गया है.
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आरयी में अनुबंध पर 400 कर्मचारी
रांची विश्वविद्यालय में लगभग 400 कर्मचारी अनुबंध पर सेवा दे रहे हैं, जो लंबे समय से सेवा नियमित करने की मांग भी कर रहे हैं. उन्हीं कर्मचारियों की सेवा नियमितीकरण को लेकर ही सिंडिकेट में विशेष रूप से चर्चा हुई है. हालांकि इस दौरान कुल 32 मुद्दों को लेकर चर्चा हुई है. जेपीएससी (JPSC) की अनुशंसा के आधार पर विश्वविद्यालय शिक्षकों को प्रमोशन दिए जाने पर चर्चा हुई है.
साथ ही उन निर्णय पर सहमति प्रदान की गई है. सिंडिकेट एकेडमिक काउंसिल (Syndicate Academic Council) और वित्त समिति में लिए गए निर्णय पर मुहर लगाई गई है. परीक्षा विभाग के लिए स्टाफ नियुक्ति पर भी सिंडिकेट के सदस्यों ने सहमति प्रदान की है.