कोडरमा: जीवन में परिस्थिति कैसी भी हो, अगर कुछ करने का इरादा मजबूत हो तो कोई भी समस्या बाधा नहीं बन सकती. बचपन से एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद कोडरमा की श्रेया आज अपने दम पर जयपुर में होने वाले राष्ट्रीय पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप में झारखंड का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयनित हुई है.
कोडरमा कि श्रेया बचपन में पोलियो के कारण एक पैर से लाचार तो हो गई, लेकिन अपने हौसलों को कभी कम नहीं होने दिया. आज उन्होंने अपनी मेहनत और हौसले के दम पर राष्ट्रीय पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप के लिए चयन हुआ है. यह कार्यक्रम 8 जनवरी से 12 जनवरी तक जयपुर में आयोजित होगा. जिसमे श्रेया कुमारी झारखंड का प्रतिनिधित्व करेगी और इसे लेकर वह जी जान से अभ्यास में जुटी है.
जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप में श्रेया को 30 मीटर और 50 मीटर के लक्ष्य को भेदना है. इसके लिए वह प्रतिदिन अपने घर से करीब 8 किलोमीटर दूर बागीटांड में बने इनडोर स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रही हैं. श्रेया हर दिन 3 से 4 घंटे की नियमित अभ्यास के जरिए अपने लक्ष्य को हासिल करने में जुटी हुई है. शारीरिक लाचारी के बावजूद कोडरमा के करमा की रहने वाली श्रेया को तीरंदाजी में देश और राज्य का नाम रौशन करने के लिए उनके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों का भरपूर सपोर्ट मिल रहा है. राष्ट्रीय पैरा तीरंदाजी चैंपियनशिप के लिए चयनित होने पर परिवार के सभी लोग काफी खुश हैं.
वैसे तो श्रेया छठी क्लास से ही तीरंदाजी करती आ रही हैं, लेकिन पिछले डेढ़ सालों से उन्हें फोकस एंड फेथ तीरंदाजी सेंटर के प्रशिक्षक विशाल सिंह प्रशिक्षण दे रहे हैं. पिछले डेढ़ सालों में श्रेया ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर कई खिताब भी अपने नाम किए हैं. राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए श्रेया के चयन से उनके कोच विशाल सिंह खुश हैं और उन्हें मेडल जीतने की भरपूर उम्मीद भी है.