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सरकारी कर्मचारियों के सेवाकाल बढ़ाने वाली खबर झूठी, जनसंंपर्क विभाग ने की पुष्टि - Directorate of Information and Public Relations

सोशल मीडिया की एक खबर को सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ने फर्जी बताया है. मामले में विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी किया है, जिसमें अधिकारिक रूप से स्पष्टीकरण दिया गया है.

सूचना एवं जनसंपर्क द्वारा जारी विज्ञप्ति
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Published : Aug 31, 2019, 10:09 PM IST

रांची: कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल के नाम से एक पत्र जारी किया गया था. जिसमें यह बताया गया था कि झारखंड सरकार के अधीनस्थ कर्मियों के सेवाकाल को बढ़ा दिया गया है. जबकि कार्मिक प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा ऐसा कोई भी पत्र जारी नहीं किया गया है. सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ने विज्ञप्ति जारी कर इस खबर को पूरी तरह फेक बताया है.

DIPR said report on social media is fake
सूचना एवं जनसंपर्क द्वारा जारी विज्ञप्ति

ये भी पढ़ें-बिजली विभाग ने रिम्स में बिजली मेंटेनेंस का काम किया ठप, मरीजों की बढ़ सकती है परेशानी

सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार सोशल मीडिया में एक फर्जी पत्र वायरल हो रहा है. कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल के नाम से यह पत्र जारी दिखाया गया है. जिसमें झारखंड सरकार के अधीनस्थ कर्मियों के सेवाकाल को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किये जाने का उल्लेख है.

वहीं, कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने इस प्रकार का कोई पत्र निर्गत नहीं किया है. इसलिए विभाग इस विज्ञप्ति का खंडन कर रही है. विज्ञप्ति के तहत आम लोगों, सरकारी कर्मियों और प्रभावित लोगों को अधिकारिक रूप से स्पष्ट किया गया है कि यह पत्र पूरी तरह फेक है.

रांची: कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल के नाम से एक पत्र जारी किया गया था. जिसमें यह बताया गया था कि झारखंड सरकार के अधीनस्थ कर्मियों के सेवाकाल को बढ़ा दिया गया है. जबकि कार्मिक प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा ऐसा कोई भी पत्र जारी नहीं किया गया है. सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ने विज्ञप्ति जारी कर इस खबर को पूरी तरह फेक बताया है.

DIPR said report on social media is fake
सूचना एवं जनसंपर्क द्वारा जारी विज्ञप्ति

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सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार सोशल मीडिया में एक फर्जी पत्र वायरल हो रहा है. कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल के नाम से यह पत्र जारी दिखाया गया है. जिसमें झारखंड सरकार के अधीनस्थ कर्मियों के सेवाकाल को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किये जाने का उल्लेख है.

वहीं, कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग ने इस प्रकार का कोई पत्र निर्गत नहीं किया है. इसलिए विभाग इस विज्ञप्ति का खंडन कर रही है. विज्ञप्ति के तहत आम लोगों, सरकारी कर्मियों और प्रभावित लोगों को अधिकारिक रूप से स्पष्ट किया गया है कि यह पत्र पूरी तरह फेक है.

Intro:रांची

सोशल मीडिया के एक खबर को सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा फर्जी बताया गया है. दरअसल कार्मिक प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल के नाम से एक पत्र जारी कर यह बताया गया था कि झारखंड सरकार के अधीनस्थ कर्मियों के सेवाकाल को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किया गया है. जबकि कार्मिक प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा ऐसा कोई भी पत्र जारी नहीं किया गया है. सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय ने विज्ञप्ति जारी कर इस खबर को पूरी तरह फेक बताया है.


Body:सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार सोशल मीडिया में एक फर्जी पत्र वायरल हो रहा है .कार्मिक प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके खंडेलवाल के नाम से यह पत्र जारी दिखाया गया है. जिसमें झारखंड सरकार के अधीनस्थ कर्मियों के सेवाकाल को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किये जाने का उल्लेख है. जो की पूरी तरह फर्जी है. कार्मिक प्रशासनिक सुधार राजभाषा विभाग ने इस प्रकार का कोई पत्र निर्गत नहीं किया है .इसलिए इस विज्ञप्ति का खंडन करती है .Conclusion:वहीं विज्ञप्ति के तहत आम लोगों ,सरकारी कर्मियों और प्रभावित लोगों को अधिकारिक रूप से स्पष्ट किया गया है कि यह पत्र पूरी तरह फेक है.
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