रांची: झारखंड में जनप्रतिनिधियों, वरीय अफसरों और रसूखदार लोगों को मिले बॉडीगार्ड की कुंडली खंगाली जा रही है. झारखंड पुलिस मुख्यालय ने बॉडीगार्ड के संबंध में सभी जिलों के एसपी और वाहनियों के कमांडेंट का पत्र लिखकर जानकारी मांगी है.
डीजीपी ने मांगा जबाब
डीजीपी एमवी राव ने स्वयं इस मामले में सभी जिलों के एसपी को आदेश दिया है कि राज्य में किन-किन जनप्रतिनिधियों, वरीय पदाधिकारियों और निजी व्यक्तियों के साथ प्रतिनियुक्ति सभी बॉडीगार्ड की जानकारी दें. जिलों के एसपी और वाहनियों के कमांडेंट को बताना होगा कि उनके यहां का कौन सा पुलिसकर्मी किसके साथ प्रतिनियुक्त है. प्रतिनियुक्ति की तारीख और किसके आदेश पर प्रतिनियुक्ति की गई है यह भी पूछा गया है.
गलत जानकारी देने पर पूरी जिम्मेदारी एसपी की
डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि सभी जिलों और वाहनियों से बॉडीगार्ड की जानकारी अपूर्ण या त्रूटिपूर्ण रहने पर पूरी जिम्मेदारी एसपी या कमांडेंट की होगी. डीजीपी ने जिलों के एसपी को आदेश दिया है कि उच्च प्राथमिकता के आधार पर पूरा विवरण जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं.
अधिकांश सेवानिवृत अफसरों के पास से छिना बॉडीगार्ड
राज्य पुलिस मुख्यालय के आदेश पर राज्य पुलिस से सेवानिवृत हुए अधिकांश अधिकारियों के यहां से बॉडीगार्ड हटाया जा चुका है. वर्तमान में कागजी तौर पर किसी भी सेवानिवृत अधिकारी के पास बॉडीगार्ड या चतुर्थवर्गीय कर्मचारी नहीं है. बॉडीगार्ड और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के हटाने से सेवानिवृत अधिकारियों में नाराजगी भी है.
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डीजीपी ने ट्वीटर पर किया था कटाक्ष
हाल के दिनों में बॉडीगार्ड मामले में डीजीपी एमवी राव ने ट्वीटर पर कटाक्ष भी किया था. डीजीपी ने अपने ट्वीट में कटाक्ष करते हुए लिखा था कि 'मैं पुलिस की नौकरी की महता तब तक समझ नहीं पाया था जब तक मैं कुछ लोगों से नहीं मिला था, इन लोगों ने बताया कि कैसे वह बिना पुलिस या बॉडीगार्ड के नहीं रह सकते'