रांची: पिछले कई दिनों से झारखंड मंत्रालय के बाहर हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल अनुसूचित जिलों के अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अब तक इनकी किसी ने सुध नहीं ली है. बुधवार को भी अभ्यर्थियों ने प्रोजेक्ट बिल्डिंग के बाहर धरना दिया और अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार से जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की.
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हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में अनुसूचित कई जिलों में इतिहास और नागरिक शास्त्र विषय के लिए अभ्यर्थियों की नियुक्ति अब तक नहीं हुई है. 13 अनुसूचित जिलों में से बचे हुए 8 जिलों में अभ्यर्थी अभी भी नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं. झारखंड सरकार के अवर सचिव संजय रजक ने इस संबंध में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को एक पत्र भी लिखा था. उसके बावजूद अब तक इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. इसके अलावा 11 गैर अनुसूचित जिलों में इतिहास और नागरिक शास्त्र विषय के लिए अभ्यर्थियों की नियुक्ति का आदेश पारित किया गया है. झारखंड हाई कोर्ट की ओर से भी नियुक्ति को लेकर निर्देश जारी किया गया है. इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से नियुक्ति नहीं की जा रही है. इससे आक्रोशित हाई स्कूल नियुक्ति से जुड़े अभ्यर्थी लगातार प्रोजेक्ट भवन के पास आंदोलन कर रहे हैं.
जल्द नियुक्ति की मांग
अनुसूचित जिलों में मात्र 5 जिला दुमका, पाकुड़, जामताड़ा, साहिबगंज और लातेहार में ही अब तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हुई है. अभी भी 8 जिला रांची -74 पद, खूंटी- 21, गुमला -56 , लोहरदगा -80, सिमडेगा 26 पद और पश्चिमी सिंहभूम 105 पद, पूर्वी सिंहभूम में 78 पद, सरायकेला 59 पद यानी कुल 449 पद में नियुक्ति होनी है. नियुक्ति को लेकर अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने सरकार से निवेदन किया है कि उनकी नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए.
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बच्चों के साथ धरने पर बैठे अभ्यर्थी
झारखंड मंत्रालय के सामने टीजीटी के सफल अभ्यर्थियों का धरना जारी है. सफल अभ्यर्थी 4 साल से लगातार नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. पूर्व की रघुवर दास सरकार के शासनकाल में उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पाई है. लेकिन मौजूदा सरकार में उन्हें उम्मीदें हैं. कई अभ्यर्थी अपने बच्चे के साथ धरना पर बैठने को लेकर भी विवस हैं. उनका कहना है आखिर बच्चे को हम कहां रखें. उन्होंने कहा कि 35 किलोमीटर तक हर दिन पैदल चलकर प्रोजेक्ट भवन आ रहे हैं और धरना दे रहे हैं.