रांची: रिम्स अराजपत्रित कर्मचारी संघ के बैनर तले करीब 200 कर्मियों ने अवैध ईपीएफ कटौती, 10 सालों से दैनिक वेतन मान और अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को समायोजित करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है. कर्मियों ने चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय के समक्ष धरना देते हुए जमकर नारेबाजी की और सभी कामों को ठप कर दिया. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने मांग नहीं माने जाने पर 25 जून को प्रशासनिक भवन में तालाबंदी और 27 जून को 3 घंटे के लिए ओपीडी सेवा को बाधित रखने की चेतावनी दी है.
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रिम्स निदेशक के साथ वार्ता विफल: दिनभर धरना-प्रदर्शन के बाद रिम्स निदेशक के साथ कर्मियों की वार्ता विफल हो गई. जिसके बाद संघ ने आगे के आंदोलन को जारी रखने का फैसला लिया. कर्मचारियों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने खुद उनकी मांगों को सही बताया तो फिर प्रबंधन इसे क्यों नहीं मान रहा है. रिम्स के दैनिक कर्मी मोहम्मद शाहिद ने बताया कि लंबे समय से दैनिक और अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों की नियमित करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट को दिया गया है. हीं डबल ईपीएफओ कटौती का भी हमलोग लगातार कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है इससे सभी लोगों की परेशानी बढ़ गई है.
पेरशान रहे मरीज: गुरुवार (23 जून) को हड़ताल के कारण रिम्स के नर्सिंग और ट्रॉली सेवा व्यवस्था ठप पड़ने से मरीज और उनके परिजन परेशान रहे. काम ठप होने से रिम्स का ओटी लैब, सीओटी, एक्सरे और फार्मेसी पहले पहर प्रभावित रहा. हालांकि स्टाफ की कमी के वजह से रिम्स में पेरामेडिकल और नर्सिंग स्टूडेंट्स ने मोर्चा संभाला था. आंदोलन के कारण लैब से ले कर ऑपरेशन थियेटर तक कुछ नर्स और स्टाफ की कमी थी. मालूम हो कि अपनी मांगों को लेकर कर्मी 18 और 21 जून को काला बिल्ला एवं मौन प्रदर्शन कर चुके हैं.