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मंत्री और विधायकों ने गृह विभाग को भेजी चिट्ठी, 1049 दारोगा पदों के लिए दूसरी मेधा सूची की मांग

मंत्री सीपी सिंह और अमर बाउरी ने गृह विभाग को पत्र भेजा है. मंत्रियों ने लिखा है कि 10 जुलाई 2018 को कैबिनेट के भेजे गए प्रस्ताव में नए कट ऑफ मार्क्स के आधार पर दूसरी मेधा सूची जारी करने का प्रस्ताव था, लेकिन कैबिनेट ने इससे जुड़े कंडिका ग को हटाकर बाकि प्रस्तावों पर मंजूरी दे दी थी. अब मंत्रियों ने कैबिनेट के प्रस्ताव के कंडिका ग को जोड़कर नए कट ऑफ मार्क्स के आधार पर परिणाम जारी करने की मांग सरकार से की है.

फाइल फोटो
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Published : Aug 8, 2019, 9:16 AM IST

रांची: झारखंड पुलिस में दारोगा की 1049 खाली सीटों को दूसरी मेधा सूची निकालकर भरने की मांग की गई है. सरकार के मंत्री सीपी सिंह, अमर बाउरी समेत पक्ष-विपक्ष के आधा दर्जन विधायकों ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है. मंत्रियों ने राज्य कैबिनेट के 10 जुलाई 2018 के फैसले में कट ऑफ मार्क्स कम किए जाने के प्रस्ताव में संशोधन के आधार पर मेधा सूची जारी करने की मांग की है.


झारखंड पुलिस सीमित प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा सिपाही से दारोगा में प्रमोशन के लिए साल 2018 में विभागीय परीक्षा हुई थी. परीक्षा में केवल 397 उम्मीदवार ही सफल हुए थे, जबकि सीटें खाली होने के बावजूद अधिक कट ऑफ मार्क्स होने के कारण कई अभ्यर्थी परीक्षा में छंट गए थे.


नए कट ऑफ मार्क्स पर मेधा सूची
समिति प्रतियोगित परीक्षा में समान्य कोटी के उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ मार्क्स 50 फीसदी, जबकि एसटी-एससी उम्मीदवारों के लिए 45 फीसदी था, वहीं आठ किलोमीटर की दौड़ एक घंटे में लगानी थी. कैबिनेट ने सिमित प्रतियोगिता परीक्षा में संशोधन कर समान्य कोटी के लिए कट ऑफ मार्क्स 40 फीसदी, ओबीसी-2 के लिए 36.5, ओबीसी-1 के लिए 34, एसटी, एससी और महिला उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ मार्क्स 32 फीसदी कर दी गई है.


दूसरी मेधा सूची जारी करने का प्रस्ताव
मंत्रियों ने लिखा है कि 10 जुलाई 2018 को कैबिनेट के भेजे गए प्रस्ताव में नए कट ऑफ मार्क्स के आधार पर दूसरी मेधा सूची जारी करने का प्रस्ताव था, लेकिन कैबिनेट ने इससे जुड़े कंडिका ग को हटाकर बाकि प्रस्तावों पर मंजूरी दे दी थी. अब मंत्रियों ने कैबिनेट के प्रस्ताव के कंडिका ग को जोड़कर नए कट ऑफ मार्क्स के आधार पर परिणाम जारी करने की मांग सरकार से की है. इस संबंध में गृह सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी कमलनयन चौबे से भी पत्राचार किया गया है.


परीक्षा का विरोध
झारखंड के पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन के द्वारा सिपाही से दारोगा में प्रमोशन के लिए सिमित परीक्षा का विरोध किया जाता है. पुलिस की दोनों एसोसिएशन लगातार सरकार से यह मांग करते रहे हैं कि प्रमोशन के भरे जाने वाले पद विभागीय सीमित परीक्षा के बजाय वरीयता के आधार पर भरे जाएं, ताकि लंबे समय से सेवा दे रहे पुलिसकर्मी प्रमोशन पा सकें. सीमित परीक्षा के कारण उन्हें प्रमोशन से वंचित होना पड़ता है.

रांची: झारखंड पुलिस में दारोगा की 1049 खाली सीटों को दूसरी मेधा सूची निकालकर भरने की मांग की गई है. सरकार के मंत्री सीपी सिंह, अमर बाउरी समेत पक्ष-विपक्ष के आधा दर्जन विधायकों ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है. मंत्रियों ने राज्य कैबिनेट के 10 जुलाई 2018 के फैसले में कट ऑफ मार्क्स कम किए जाने के प्रस्ताव में संशोधन के आधार पर मेधा सूची जारी करने की मांग की है.


झारखंड पुलिस सीमित प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा सिपाही से दारोगा में प्रमोशन के लिए साल 2018 में विभागीय परीक्षा हुई थी. परीक्षा में केवल 397 उम्मीदवार ही सफल हुए थे, जबकि सीटें खाली होने के बावजूद अधिक कट ऑफ मार्क्स होने के कारण कई अभ्यर्थी परीक्षा में छंट गए थे.


नए कट ऑफ मार्क्स पर मेधा सूची
समिति प्रतियोगित परीक्षा में समान्य कोटी के उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ मार्क्स 50 फीसदी, जबकि एसटी-एससी उम्मीदवारों के लिए 45 फीसदी था, वहीं आठ किलोमीटर की दौड़ एक घंटे में लगानी थी. कैबिनेट ने सिमित प्रतियोगिता परीक्षा में संशोधन कर समान्य कोटी के लिए कट ऑफ मार्क्स 40 फीसदी, ओबीसी-2 के लिए 36.5, ओबीसी-1 के लिए 34, एसटी, एससी और महिला उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ मार्क्स 32 फीसदी कर दी गई है.


दूसरी मेधा सूची जारी करने का प्रस्ताव
मंत्रियों ने लिखा है कि 10 जुलाई 2018 को कैबिनेट के भेजे गए प्रस्ताव में नए कट ऑफ मार्क्स के आधार पर दूसरी मेधा सूची जारी करने का प्रस्ताव था, लेकिन कैबिनेट ने इससे जुड़े कंडिका ग को हटाकर बाकि प्रस्तावों पर मंजूरी दे दी थी. अब मंत्रियों ने कैबिनेट के प्रस्ताव के कंडिका ग को जोड़कर नए कट ऑफ मार्क्स के आधार पर परिणाम जारी करने की मांग सरकार से की है. इस संबंध में गृह सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी कमलनयन चौबे से भी पत्राचार किया गया है.


परीक्षा का विरोध
झारखंड के पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन के द्वारा सिपाही से दारोगा में प्रमोशन के लिए सिमित परीक्षा का विरोध किया जाता है. पुलिस की दोनों एसोसिएशन लगातार सरकार से यह मांग करते रहे हैं कि प्रमोशन के भरे जाने वाले पद विभागीय सीमित परीक्षा के बजाय वरीयता के आधार पर भरे जाएं, ताकि लंबे समय से सेवा दे रहे पुलिसकर्मी प्रमोशन पा सकें. सीमित परीक्षा के कारण उन्हें प्रमोशन से वंचित होना पड़ता है.

Intro:मंत्री सीपी सिंह, बाउरी समेत आधा दर्जन विधायकों ने सीएम - गृह विभाग को लिखी चिट्ठी - दारोगा के खाली पड़े 1049 पदों के लिए दूसरी मेधा सूची निकालें

रांची।

झारखंड पुलिस में दारोगा की 1049 खाली सीटों को दूसरी मेधा सूची निकालकर भरने की मांग की गई है। सरकार के मंत्री सीपी सिंह, अमर बाउरी समेत पक्ष- विपक्ष के आधा दर्जन विधायकों ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है।

प्रस्ताव में संशोधन के आधार पर मांग

 मंत्रियों ने राज्य कैबिनेट के 10 जुलाई 2018 के फैसले में कट ऑफ मार्क्स कम किए जाने के प्रस्ताव में संशोधन के आधार पर मेधा सूची जारी करने की मांग की है। झारखंड पुलिस सीमित प्रतियोगिता परीक्षा द्वारा सिपाही से दारोगा में प्रमोशन के लिए साल 2018 में विभागीय परीक्षा हुई थी। परीक्षा में केवल 397 उम्मीदवार ही सफल हुए थे, जबकि सीटें खाली होने के बावजूद अधिक कट ऑफ मार्क्स होने के कारण कई अभ्यर्थी परीक्षा में छंट गए थे।

नए कट ऑफ मार्क्स पर निकाले मेधा सूची

समिति प्रतियोगित परीक्षा में समान्य कोटी के उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ मार्क्स 50 फीसदी, जबकि एसटी- एससी उम्मीदवारों के लिए 45 फीसदी था, वहीं आठ किलोमीटर की दौड़ एक घंटे में लगानी थी। कैबिनेट ने सिमित प्रतियोगिता
परीक्षा में संशोधन कर समान्य कोटी के लिए कट ऑफ मार्क्स 40 फीसदी, ओबीसी 2 के लिए 36.5, ओबीसी 1 के लिए 34, एसटी, एससी व महिला उम्मीदवारों के लिए कट ऑफ मार्क्स 32 फीसदी कर दी गई है।

कैबिनेट में भी गया था दूसरी मेधा सूची जारी करने का प्रस्ताव

मंत्रियों ने लिखा है कि 10 जुलाई 2018 को कैबिनेट के भेजे गए प्रस्ताव में नए कट ऑफ मार्क्स के आधार पर दूसरी मेधा सूची जारी करने का प्रस्ताव था। लेकिन कैबिनेट ने इससे जुड़े कंडिका ग को हटाकर बाकि प्रस्तावों पर मंजूरी दे दी थी। अब मंत्रियों ने कैबिनेट के प्रस्ताव के कंडिका ग को जोड़कर नए कट ऑफ मार्क्स के आधार पर परिणाम जारी करने की मांग सरकार से की है। इस संबंध में गृह सचिव सुखदेव सिंह व डीजीपी कमलनयन चौबे से भी पत्राचार किया गया है।

पुलिस के दोनों एसोसिएशन करते हैं सीमित परीक्षा का विरोध

झारखंड के पुलिस एसोसिएशन और पुलिस मेंस एसोसिएशन के द्वारा सिपाही से दरोगा में प्रमोशन के लिए सिमित परीक्षा का विरोध किया जाता है। पुलिस की दोनों एसोसिएशन लगातार सरकार से यह मांग करते रहे हैं कि प्रमोशन के भरे जाने वाले पद विभागीय सीमित परीक्षा के बजाय वरीयता के आधार पर भरे जाएं, ताकि लंबे समय से सेवा दे रहे पुलिसकर्मी प्रमोशन पा सकें। सीमित परीक्षा के कारण उन्हें प्रमोशन से वंचित होना पड़ता है।Body:1Conclusion:2
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