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सावधान! कोरोना का फायदा उठा रहे साइबर क्रिमनल्स, पीएम केयर्स में भी लगाई सेंध

कोरोना महामारी की इस घड़ी में पीएम केयर्स की यूपीआई आईडी से मिलता-जुलता आईडी बनाकर भी ठगी का प्रयास किया जा रहा है. कोरोना संकट आने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कोष का नाम 'PMCARES@SBI' रखा था. लेकिन साइबर अपराधियों ने इस शब्द में से 'S' हटाकर 'PMCARE@SBI' नाम का एक फर्जी अकाउंट बना लिया है. हालांकि पुलिस की साइबर अपराधियों पर पैनी नजर है.

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Published : Apr 14, 2020, 8:35 PM IST

रांची: शातिर साइबर अपराधी इन दिनों कोरोना का नाम लेकर लोगों को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. यहां तक कि पीएम केयर्स की यूपीआई आईडी से मिलता-जुलता आईडी बनाकर भी ठगी का प्रयास किया जा रहा है. झारखंड के हजारीबाग में पीएम केयर्स फंड के नाम पर 51 लाख की ठगी कर ली गई. झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर अपराधियों के लिए खासा बदनाम है. इसलिए पुलिस साइबर अपराधियों के जामताड़ा लिंक को भी खंगाल रही है.

देखें पूरी खबर

12 सदस्यीय साइबर एक्सपर्ट टीम कर रही मॉनिटरिंग

ऐसी कुछ शिकायतें आने के बाद झारखंड की साइबर क्राइम सेल सक्रिय हो चुकी है. साइबर एक्सपर्ट की एक पूरी टीम साइबर अपरधियों पर नकेल कसने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है. रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि इन दिनों साइबर अपराधी कोरोना वायरस से बचाव के लिए सहायता राशि प्रदान किए जाने, ईएमआई की तारीख बढ़ाए जाने और शराब की ऑनलाइन बिक्री का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में फोन पर इस प्रकार की बातें करके एटीएम कार्ड या बैंक संबंधी जानकारी मांगने वालों से लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. लिहाजा इन दिनों ऐसी कोई कॉल आने पर आप पूरी तरह सजग रहें और एटीएम कार्ड नंबर, ओटीपी या बैंक से जुड़ी कोई जानकारी फोन पर किसी अजनबी से साझा न करें. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम सेल ऐसे अपराधियों के बारे में गहनता से छानबीन कर रही है.

ये भी पढ़ें- कोरोना मानसिक रूप से भी कर रहा बीमार, डिप्रेशन में जा रहे लोग

कैसे कर रहे हैं ठगी

कोरोना संकट आने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कोष का नाम 'PMCARES@SBI' रखा था. लेकिन साइबर अपराधियों ने इस शब्द में से 'S' हटाकर 'PMCARE@SBI' नाम का एक फर्जी अकाउंट बना लिया है और आम लोगों से इस अकाउंट में पैसे जमा करने की अपील भी कर रहे हैं. झारखंड सहित देश के कई हिस्सों में लोगों ने फर्जी अकाउंट में पैसे भी डाल दिए हैं. अब पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि वो पैसे दान करने से पहले अच्छी तरह से अकाउंट की जांच पड़ताल कर लें. तब ही पैसे ट्रांसफर करें, ताकि इन पैसों को जरुरतमंदों तक पहुंचाया जा सके.

ये भी पढ़ें- कोरोना से जंग: कराटे टीचर ऑनलाइन ले रहे बच्चों की क्लास, सीखा रहे आत्मरक्षा के गुर

सोशल मीडिया से कर रहे फ्रॉड

साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि झारखंड सहित देश भर में अचानक से मामले बढ़े हैं. साइबर अपराधी फेसबुक और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म और वेबसाइटों से लोगों पर नजर रखते हैं. कोरोना के नाम पर गूगल पे, फोने-पे, यूपीआई, पीएम रिलीफ फंड के लिए फर्जी तरीके से शातिर साइबर अपराधी ठगी कर रहे हैं. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति में ठगी करने वाले भी सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक सक्रिय हो गए हैं. झारखंड पुलिस ठगी करने वाले गिरोह का जामताड़ा लिंक भी खंगाल रही है.

ये भी पढ़ें- इमली और महुआ खाकर जिंदा है गुरुवारी, लॉकडाउन में नहीं मिला खाना

जामताड़ा जिला साइबर अपराधियों के लिए बदनाम

बता दें कि देशभर में झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर अपराधियों के लिए बदनाम है. इंटरनेशनल साइबर सिक्योरिटी के प्रमुख विनीत कुमार के अनुसार, लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. विनीत कुमार झारखंड पुलिस के लिए भी लंबे समय तक काम करते रहे हैं. झारखंड में साइबर एक्सपर्ट की टीम तैयार करने का जिम्मा एक समय विनीत के कंधे पर ही था. उन्होंने एक बेहद मजबूत टीम झारखंड में तैयार की है. विनीत कुमार बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री ऑफिस को भी अपनी रिसर्च को भेजा है, ताकि उन्हें सहायता मिल सके.

साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसे बचें साइबर अपराधियों के जाल से

  • पीएम केयर या अन्य किसी कोष में दान के लिए सरकार की वेबसाइट का इस्तेमाल करें.
  • फंड ट्रांसफर करने से पहले जिसे पैसा देना है, उसके बारे में जान लें.
  • किसी भी ई-कॉमर्स साइट पर अपने कार्ड की डिटेल कभी सेव नहीं करें.
  • कोरोना के नाम पर आए किसी भी अनजाने ई-मेल पर अपना सेंसेटिव इंफॉर्मेशन नहीं शेयर करें.
  • कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी खबर पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य करें.
  • हमेशा अपने विश्वसनीय स्रोत से तथ्य साझा करें.
  • लगे कि आपके साथ किसी भी प्रकार की ठगी की कोशिश हुई तो तुरंत पुलिस को सूचना दें.

रांची: शातिर साइबर अपराधी इन दिनों कोरोना का नाम लेकर लोगों को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. यहां तक कि पीएम केयर्स की यूपीआई आईडी से मिलता-जुलता आईडी बनाकर भी ठगी का प्रयास किया जा रहा है. झारखंड के हजारीबाग में पीएम केयर्स फंड के नाम पर 51 लाख की ठगी कर ली गई. झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर अपराधियों के लिए खासा बदनाम है. इसलिए पुलिस साइबर अपराधियों के जामताड़ा लिंक को भी खंगाल रही है.

देखें पूरी खबर

12 सदस्यीय साइबर एक्सपर्ट टीम कर रही मॉनिटरिंग

ऐसी कुछ शिकायतें आने के बाद झारखंड की साइबर क्राइम सेल सक्रिय हो चुकी है. साइबर एक्सपर्ट की एक पूरी टीम साइबर अपरधियों पर नकेल कसने के लिए दिन रात मेहनत कर रही है. रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि इन दिनों साइबर अपराधी कोरोना वायरस से बचाव के लिए सहायता राशि प्रदान किए जाने, ईएमआई की तारीख बढ़ाए जाने और शराब की ऑनलाइन बिक्री का झांसा देकर लोगों को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में फोन पर इस प्रकार की बातें करके एटीएम कार्ड या बैंक संबंधी जानकारी मांगने वालों से लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है. लिहाजा इन दिनों ऐसी कोई कॉल आने पर आप पूरी तरह सजग रहें और एटीएम कार्ड नंबर, ओटीपी या बैंक से जुड़ी कोई जानकारी फोन पर किसी अजनबी से साझा न करें. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम सेल ऐसे अपराधियों के बारे में गहनता से छानबीन कर रही है.

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कैसे कर रहे हैं ठगी

कोरोना संकट आने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कोष का नाम 'PMCARES@SBI' रखा था. लेकिन साइबर अपराधियों ने इस शब्द में से 'S' हटाकर 'PMCARE@SBI' नाम का एक फर्जी अकाउंट बना लिया है और आम लोगों से इस अकाउंट में पैसे जमा करने की अपील भी कर रहे हैं. झारखंड सहित देश के कई हिस्सों में लोगों ने फर्जी अकाउंट में पैसे भी डाल दिए हैं. अब पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि वो पैसे दान करने से पहले अच्छी तरह से अकाउंट की जांच पड़ताल कर लें. तब ही पैसे ट्रांसफर करें, ताकि इन पैसों को जरुरतमंदों तक पहुंचाया जा सके.

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सोशल मीडिया से कर रहे फ्रॉड

साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि झारखंड सहित देश भर में अचानक से मामले बढ़े हैं. साइबर अपराधी फेसबुक और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म और वेबसाइटों से लोगों पर नजर रखते हैं. कोरोना के नाम पर गूगल पे, फोने-पे, यूपीआई, पीएम रिलीफ फंड के लिए फर्जी तरीके से शातिर साइबर अपराधी ठगी कर रहे हैं. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति में ठगी करने वाले भी सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक सक्रिय हो गए हैं. झारखंड पुलिस ठगी करने वाले गिरोह का जामताड़ा लिंक भी खंगाल रही है.

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जामताड़ा जिला साइबर अपराधियों के लिए बदनाम

बता दें कि देशभर में झारखंड का जामताड़ा जिला साइबर अपराधियों के लिए बदनाम है. इंटरनेशनल साइबर सिक्योरिटी के प्रमुख विनीत कुमार के अनुसार, लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. विनीत कुमार झारखंड पुलिस के लिए भी लंबे समय तक काम करते रहे हैं. झारखंड में साइबर एक्सपर्ट की टीम तैयार करने का जिम्मा एक समय विनीत के कंधे पर ही था. उन्होंने एक बेहद मजबूत टीम झारखंड में तैयार की है. विनीत कुमार बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री ऑफिस को भी अपनी रिसर्च को भेजा है, ताकि उन्हें सहायता मिल सके.

साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसे बचें साइबर अपराधियों के जाल से

  • पीएम केयर या अन्य किसी कोष में दान के लिए सरकार की वेबसाइट का इस्तेमाल करें.
  • फंड ट्रांसफर करने से पहले जिसे पैसा देना है, उसके बारे में जान लें.
  • किसी भी ई-कॉमर्स साइट पर अपने कार्ड की डिटेल कभी सेव नहीं करें.
  • कोरोना के नाम पर आए किसी भी अनजाने ई-मेल पर अपना सेंसेटिव इंफॉर्मेशन नहीं शेयर करें.
  • कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी खबर पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य करें.
  • हमेशा अपने विश्वसनीय स्रोत से तथ्य साझा करें.
  • लगे कि आपके साथ किसी भी प्रकार की ठगी की कोशिश हुई तो तुरंत पुलिस को सूचना दें.
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