देवघर: जिले में साइबर ठगी का धंधा खूब फल-फूल रहा है. इसका खुलासा जिले से 18 साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद हुआ है. इसमें से एक आरोपी रवि रंजन सीएसपी संचालक है. यह जसीडीह का रहने वाला है, जो 20 प्रतिशत कमीशन लेकर साइबर अपराधियों को पैसा देता था. आरोपियों के पास से 29 मोबाइल, 42 सिमकार्ड, 8 एटीएम कार्ड, लैपटॉप और पीओएस मशीन बरामद हुई हैं.
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इसके साथ ही साइबर थाना पुलिस ने देवघर जिले के मारगोमुण्डा थाना क्षेत्र के भेड़वा, नावाडीह और भेड़वा, पथरौल थाना क्षेत्र के बारा और कुसाहा, मोहनपुर थाना क्षेत्र के मोरने और जसीडीह थाना क्षेत्र के जसीडीह बाजार से आरोपियों को दबोचा. रविवार को इस बाबत आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यालय डीएसपी मंगल सिंह जामुदा ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इन साइबर अपराधियों के पास से 29 मोबाइल, 42 सिम कार्ड, 8 एटीएम कार्ड, 7 पासबुक, 5 चेकबुक, एक लैपटॉप और एक माइक्रो पीओएस मशीन भी बरामद हुई है.
ये हैं गिरफ्तार आरोपियों के नाम
मुख्यालय डीएसपी मंगल सिंह जामुदा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में नाम 23 वर्षीय विकास दास, 25 वर्षीय कुंदन दास, 19 वर्षीय बिट्टू दास, 22 वर्षीय सचिन दास, 26 वर्षीय बबलू दास, 22 वर्षीय किसन दास, 19 वर्षीय कन्हाई दास, 25 वर्षीय टिंकू दास, 26 वर्षीय निरंजन दास, 25 वर्षीय पंकज दास, 24 वर्षीय विमल कुमार, 25 वर्षीय पिंटु दास, 19 वर्षीय टिंकू दास, 38 वर्षीय अमित कुमार, 34 वर्षीय रवि रंजन, 21 वर्षीय अरमान अंसारी, 19 वर्षीय अतीक अंसारी और 19 वर्षीय अहसान अंसारी हैं.
पूरा परिवार चला रहा था ठगी का कारोबार
डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में विकास और कुंदन, किसन और कन्हाई, पिंटू और टिंकू सगे भाई हैं. इसके साथ ही डीएसपी ने बताया कि पकड़े गए कुंदन दास का आपराधिक इतिहास है. डीएसपी ने बताया कि इन साइबर अपराधियों की ओर से साइबर ठगी की घटना को अंजाम देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. कभी साइबर अपराधी फोन पे कस्टमर को रिक्वेस्ट भेजकर ड्रीम 11, रम्मी और तीन पत्ती गेम के माध्यम से लोगों को झांसा देते थे और ठगी करते थे.
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ठगी के ये हथकंडे
डीएसपी ने बताया कि साइबर अपराधी गूगल सर्च इंजन का कस्टमर केयर अधिकारी बनकर भी लोगों को झांसा देते थे. उन्होंने बताया कि लोगों को लॉटरी का प्रलोभन देकर भी ठगी की जाती थी. साथ ही ये साइबर अपराधी फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते हैं और उन्हें बताते हैं कि उनका एटीएम बंद होने वाला है. इसके अलावा केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर भी ठगी की जाती है. इन अपराधियों की ओर से साइबर ठगी के लिए गूगल पे का भी सहारा लिया जाता था. साथ ही साइबर अपराधियों की ओर से वर्चुअल पेमेंट एड्रेस को भी ठगी का जरिया बनाया जाता था.