रांचीः अंतरंग पलों की तस्वीरों और वीडियो के नाम पर ब्लैकमेलिंग के आंकड़े झारखंड में चौंकाने वाले हैं. हर हफ्ते ऐसे दो से तीन मामले साइबर थाना या साइबर एक्सपर्ट्स के पास पहुंच रहे हैं. साइबर पीस फाउंडेशन, साइबर थाना और साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें लड़कियां अपने वायरल हो चुके अपने निजी फोटो और वीडियो को किसी भी तरह से सोशल मीडिया से हटाने का गुहार लगाती हैं. ईटीवी भारत राजधानी में काम कर रही विश्व स्तरीय संस्था साइबर पीस फाउंडेशन (Cyber Peace Foundation) और साइबर एक्सपर्ट के जरिए आपको यह बता रहा है कि अगर आप भी साइबर ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रही हैं तो इससे कैसे बचें?
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अधिकांश मामलों में कोई परिचित ही देता है धोखा
साइबर क्राइम के दायरे में रुपयों की ठगी और वर्चुवल एक्सटॉर्शन से लेकर किसी की निजी तस्वीर और वीडियो लीक करने जैसे तमाम तरह के अपराध शामिल हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप हर तरह के साइबर क्राइम के बारे में जागरुक रहें और खुद को इससे बचाकर रखें.
इन दिनों कम उम्र की लड़कियों और अकेली रहने वाली महिलाओं को टारगेट बनाकर उनके निजी फोटो और वीडियो अश्लील वेबसाइट्स पर डाले जा रहे हैं. साइबर पीस फाउंडेशन की पीआरओ सिमोनी प्रसाद के अनुसार हफ्ते में दो से तीन मामले ऐसे आ रहे हैं, जिनमें लड़कियों को निजी फोटो वायरल करने के नाम पर ब्लैकमेल किया जा रहा है. अगर सप्ताह में दो से तीन मामले आ रहे हैं तो आप समझ सकते हैं कि समस्या कितनी गंभीर हो चली है.
पिछले दो सालों में साइबर क्राइम की बहुत सारी शिकायतें उनकी संस्था को मिली हैं. सिमोनी प्रसाद के अनुसार कॉलेज गर्ल और महिलाओं की निजी तस्वीरें और वीडियो लीक कर दिए जाते हैं ताकि उनसे पैसे वसूले जा सके. इन मामलों में अधिकांशत लड़कियों और महिलाओं के परिचित ही उन्हें धोखा देते हैं. लड़कियों के अभिभावक यह मानते हैं कि बदनामी से बचने के लिए अपराधियों को पैसे दे देना सबसे आसान रास्ता है.
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ब्लैकमेल की धमकी मिले तो क्या करें
वर्तमान समय में राजधानी रांची सहित पूरे झारखंड में कई ऐसे प्राइवेट साइबर केयर सेंटर काम कर रहे हैं, जो वीडियो या फोटो लीक होने की स्थिति में आप की हर तरह से मदद करते हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि आप समझदार बनें और वीडियो लीक होते ही पैसे देने या फिर जान देने की सोचने से पहले शांत मन से इसका उपाय ढूंढे.
ऑनलाइन कुछ फॉर्म भरकर इस तरह के कंटेंट को आसानी से हटवाया जा सकता है. ऐसा कंटेंट हटवाने के लिए कंटेंट प्लेटफॉर्म पर ही प्राइवेसी वायलेशन फॉर्म और कॉपीराइट वायलेशन फॉर्म भरे जा सकते हैं. उन फॉर्म्स को वीपीएन के जरिए ही एक्सेस किया जा सकता है. यदि फिर भी समझ में न आए कि कहां और कैसे क्या भरना है तो साइबर पीस फाउंडेशन की हेल्पलाइन नंबर से संपर्क किया जा सकता है. फाउंडेशन की ईमेल helpline@cyberpeace.net और फोन नंबर +919570000066 पर भी संपर्क किया जा सकता है.
क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
राजधानी में साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार जागरूकता फैलाने का काम पुलिस, साइबर पीस फाउंडेशन और कुछ साइबर एक्सपर्ट्स के द्वारा किया जा रहा है. एक्सपर्ट्स के पास लड़कियों के फोन कॉल्स आते हैं और वे अपनी निजी तस्वीर या वीडियो लीक होने से बेहद परेशान रहती हैं. अधिकांश मामलों में लड़कियों के पुराने पार्टनर कंटेंट को पोर्न बेवसाइट्स पर डाल देते हैं ताकि शादी के बाद भी उनसे संबंध बनाया जा सके या फिर पैसे ठगे जा सके.
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साइबर एक्सपर्ट राहुल के अनुसार यदि किसी लड़की को ऐसे क्राइम का सामना करना पड़ता है तो उसे दोष नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि वह पहले ही बेहद परेशान होती है. परिवारों में आम तौर उसी लड़की को तस्वीरें या वीडियो शेयर करने का कसूरवार ठहराया जाता है लेकिन हकीकत में उनका कोई कसूर नहीं होता. उन्होंने अपने पार्टनर पर भरोसा करके कुछ भी गलत नहीं किया है. यहां दोष केवल उस व्यक्ति का है जो उन तस्वीरों या वीडियो का गलत इस्तेमाल करके ब्लैकमेल करता है.
जानकार बताते हैं कि ऐसे मामलों में साइबर एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. इसकी जानकारी तुरंत पुलिस को भी देनी चाहिए. पुलिस ऐसे मामलों की जांच पूरी गोपनीयता के साथ करती है. लेकिन सबसे जरूरी बात ये है कि ऐसी नौबत ही न आने दें. कभी भी अपने अंतरंग क्षणों का वीडियो या फोटो ना बनाएं क्योंकि यही वीडियो और फोटो किसी गलत हाथ में पहुंचने पर आपको ब्लैकमेलिंग का शिकार बनाता है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर दोस्त चुनने से पहले भलीभांति जांच जरूर करें.