फिरोजाबाद: लोहरदगा में तैनात सीआरपीएफ के जवान ने 31 दिसंबर को अपनी ही बंदूक से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. 2 जनवरी को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उसे अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान पूरा वातावरण शोकमग्न था. न केवल परिवार बल्कि शव यात्रा में शामिल सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से सीआरपीएफ के जवान को अंतिम विदाई दी.
इस दौरान मृतक की पत्नी ने आरोप लगाया कि उनके पति ने खुदकुशी नहीं बल्कि उनकी हत्या हुई है. उन्होंने मामले की सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की. फिरोजाबाद जनपद के दिलीप सिर्फ 34 साल थे और 158वीं बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ में बतौर सिपाही तैनात थे. उसकी पोस्टिंग झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके लोहरदगा के पेशरार में थी. शुक्रवार को दिलीप ने अपनी इंसास राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. शनिवार को परिजनों को सीआरपीएफ मुख्यालय से इस बारे में फोन कर जानकारी दी थी.
यह भी पढ़ें: लोहरदगा में CRPF जवान ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या
जानकारी मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. सभी का रो-रोकर बुरा हाल है. आत्महत्या की कहानी परिजनों के गले नहीं उतर रही है. दिलीप के पिता छोटेलाल का कहना है कि उनके बेटे के साथ कोई अनहोनी हुई है. वह आत्महत्या नहीं कर सकता. मृतक दिलीप दो भाइयों में सबसे बड़े थे और कुछ दिन पहले ही छुट्टियां बिताकर 19 नवंबर को ही लोहरदगा में अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी. दिलीप अपने पीछे एक 11 साल के बेट और चार साल की बेटी को पीछे छोड़ गए हैं. शनिवार देर रात दिलीप का शव उनके पैतृक आवास गंगा नगर पहुंचा. शव पहुंचते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई. आसपास के लोग भी इकट्ठे हो गए. दिलीप की मौत से सभी की आंखें नम थीं. रविवार की सुबह गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दिलीप को अंतिम विदाई दी गयी.