रांचीः जलेबी की दुकान (Jalebi shop) पर लगी भीड़ सामान्य भीड़ नहीं है. बल्कि यह मामाजी के दुकान से राष्ट्रीय मिठाई खाने की चाहत रखनेवालों की भीड़ है. वैसे तो मामाजी की दुकान पर सालों भर जलेबी मिलती है. लेकिन राष्ट्रीय पर्व यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन मामाजी के दुकान की जलेबी खाये बिना कई लोग आजादी के जश्न को पूरा नहीं मानते हैं. यही वजह है कि आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) पर बड़ी संख्या में लोग मामाजी जलेबी वाले के यहां पहुंच गये.
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जलेबी खरीदने आये लोग कहते हैं कि बाजार में मिलने वाले जलेबी से यहां की जलेबी में कुछ अलग स्वाद होता है. रसीला और कुरकुरे होने के अलावे शुद्धता की गारंटी होती है. यही कारण है कि यहां की जलेबी खास मानी जाती है. स्वतंत्रता दिवस पर जलेबी खाने पहुंचे मिथिलेश कुमार कहते हैं कि मामाजी की जलेबी खास स्वाद का होता है. बचपन से ही जलेबी मुझे बेहद पसंद है. मामाजी के हाथों की बनी जलेबी काफी खास होती है. वहीं, प्रियरंजन श्रीवास्तव कहते हैं कि मामाजी की जलेबी अगल स्वाद का होता है. यही वजह है कि दुकान पर लोग नंबर लगाकर जलेबी की खरीद करते हैं.
हरमू बाजार में एक छोटा से ठेले पर बगैर कोई ताम-झाम के दुकान चलाने वाले कन्हैया साहु को सभी लोग मामाजी के नाम से जानते हैं. 30 वर्षों से जलेबी बना रहे कन्हैया साहु कहते हैं कि हमारे दुकान पर मैदा के अलावे उड़द की जलेबी मिलता है. इसके साथ ही मेवे वाली जलेबी भी मिलती है. इससे अन्य जगह की तुलना में हमारे यहां स्वादिष्ट जलेबी मिलता है. घी और रिफाइन में गरमा गरम जलेबी बनाकर लोगों को उपलब्ध कराते हैं. उन्होंने कहा कि रिफाइन में बनी जलेबी 120 रुपये किलो और घी में बनी जलेबी 200 रुपये मिलती है. आमतौर पर जलेबी शादी और अन्य अवसर विशेष पर पसंद की जाती है. लेकिन राष्ट्रीय पर्व पर बनने वाली जलेबी की मिठास कुछ और ही हो जाती है. ऐसे में मामाजी की जलेबी लोग खाना नहीं भुलते हैं.