रांची: डोरंडा के दर्जी मोहल्ले के लोगों को मंगलवार की सुबह जैसे ही है पता चला कि 6 साल की मासूम बच्ची नन्ही परी की हत्या उसकी मझली मामी ने अपने दामाद के साथ मिलकर करवाया है. पूरा मोहल्ला गुस्से में आ गया. मोहल्ले के लोग आक्रोशित होकर उनके घर पर हमला बोल दिया. घर में जमकर तोड़फोड़ की गई. किसी तरह पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को संभाला.
बेटी को मार डालना चाहती थी भीड़
जिस वक्त भीड़ ने मझली मामी के घर पर हमला बोला उस वक्त घर में पर सिर्फ उसकी तलाकशुदा बेटी थी, जिसे बाहर निकालने पर भीड़ अड़ी हुई थी. भीड़ ने घर पर पत्थरबाजी भी की, जिसकी वजह से घर के शीशे टूट गए. सूचना पर आनन-फानन में पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस की टीम ने बड़ी मुश्किल से शहजादी की बेटी को घर से निकाला और उसे सुरक्षित उसके रिश्तेदारों के घर पहुंचाया.
दरअसल, डोरंडा के दर्जी मोहल्ले में मंगलवार की सुबह यह खबर जंगल की आग की तरह फैल गई थी कि नन्हीं परी की मामी का उसके अपने ही दामाद मोहम्मद शाहिद अख्तर के साथ अवैध सम्बंध था. 24 अप्रैल 2013 को 6 साल की बच्ची नन्ही परी खेलने के क्रम में उनके घर में पहुंची तो उसने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया. उनका भेद खुल न जाए इसलिए मामी के कहने पर ही मोहम्मद शाहिद अख्तर ने बच्ची की हत्या कर दी.
मंगलवार की सुबह लोगों को जानकारी मिली कि मोबाइल लोकेशन, ब्रेन मैपिंग में दोनों दोषी मिले और जेल भेजे गए हैं. इसके बाद ही भीड़ आक्रोशित हुई और मझली मामी के घर पर हमला बोल दिया. भीड़ का कहना था कि आरोपी उनके हवाले किया जाए. वे खुद देंगे सजा.
रिमांड पर लिए जाएंगे दोनों आरोपी
वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों को जेल भेजा गया है. उनके विरुद्ध ब्रेन मैपिंग और मोबाइल लोकेशन साक्ष्य के रूप में मौजूद है. इसके बावजूद अभी भी पुलिस को और सबूत जुटाने की जरूरत है. इसके लिए पुलिस दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन देगी. रिमांड पर लेकर पुलिस उनसे घटनास्थल, घटना में इस्तेमाल किए गए हथियार और बच्ची से दुष्कर्म सहित अन्य बिंदुओं पर छानबीन करेगी.
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क्या था पूरा मामला
6 साल की मासूम बच्ची नन्ही परी 24 अप्रैल 2013 को खेलने के क्रम में गायब हो गई थी. दूसरे दिन यानी 25 अप्रैल 2013 को बच्ची का शव उसके घर के सामने स्थित निर्माणाधीन मकान में मिला था. उसके हाथ, चेहरे, कान और शरीर में गहरे चोट के निशान मिले थे. उस समय बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या का मामला रांची के डोरंडा थाने में दर्ज करवाया गया था.
इसमें प्रोटक्शन आफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस यानी पोक्सो एक्ट भी जोड़ा गया था. घटना के बाद डॉग स्कॉड, एफएसएल की भी मदद ली गई थी. इस मामले में पुलिस ने शक के आधार पर कुरैशी मोहल्ला निवासी सद्दाम कुरेशी को जेल भेजा था. बाद में वह जमानत पर छूट गया. इस मामले में हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद ही कांड के अनुसंधान की जिम्मेदारी सिटी एसपी को दी गई थी.