रांची: अपराध-राजनीति गठजोड़ की बातें अब पुरानी हो चुकी हैं. अपराधी और नक्सली संगठन से जुड़े लोग लोकतंत्र में चुनावी प्रक्रिया के जरिए विधानसभा पहुंच रहे हैं. झारखंड में 2014 की विधानसभा चुनाव के बाद 62 ऐसे चेहरे चुने गए जिनके खिलाफ FIR दर्ज थी. इन्हीं में से एक एनोस एक्का को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई.
एनोस के अलावे कमल किशोर भगत, योगेंद्र महतो, अमित महतो की विधायिकी सजा मिलने के कारण निरस्त कर दी गई. अब विधानसभा चुनाव 2019 में भी कई दागी चेहरे अब मैदान में है. हत्या, पुलिसबलों की जघन्य हत्या, अटैंप टू मर्डर, भ्रष्टाचार से लेकर चोरी, डकैती और यौन उत्पीड़न जैसे अपराधों के आरोपी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा मुकदमे कुंदन पर
2019 विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक चर्चा पूर्व नक्सली कमांडर कुंदन पाहन के चुनाव लड़ने को लेकर है. कुंदन पाहन 148 जघन्य आपराधिक मामलों में आरोपी है. कुंदन पाहन के खिलाफ डीएसपी प्रमोद कुमार हत्याकांड, पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड, स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसीस इंद्रवार की हत्या, आईसीआईसीआई बैंक से पांच करोड़ की लूट जैसे मामले दर्ज हैं.
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बुंडू निवासी कुंदन पाहन ने सरेंडर के बाद ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था. कुंदन अब तमाड़ सीट से रमेश सिंह मुंडा के बेटे विकास के खिलाफ ताल ठोंक रहा. NIA की चार्जशीट के मुताबिक, कुंदन ने पांच करोड़ में हत्या की डील राजा पीटर से की थी. राजा पीटर भी तमाड़ से एनसीपी के टिकट पर चुनावी मैदान में है.
डॉ अजय ने किया था जिलाबदर, शिबू को हरा चुके हैं पीटर
तमाड़ से चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री राजा पीटर पर भी हत्या समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं. राजा पीटर को जमशेदपुर SSP रहते हुए डॉ. अजय ने जिलाबदर किया था. जिसके बाद राजा पीटर ने तमाड़ में रहकर अपनी पैठ बनानी शुरू की. 2009 में रमेश सिंह मुंडा की हत्या के बाद तमाड़ सीट पर हुए उपचुनाव में पीटर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को मात दी थी.
किन-किन पर कैसा-कैसा केस
बीजेपी के पांकी प्रत्याशी शशिभूषण मेहता पर अपनी ही स्कूल के वार्डन की हत्या का आरोप है. इस केस में उनके खिलाफ चार्जशीट हो चुका है. शशिभूषण जालसाजी के केस में सीबीआई के चार्जशीटेड हैं. पांकी के कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ भी गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. भवनाथपुर से बीजेपी प्रत्याशी भानू प्रताप शाही 130 करोड़ के स्वास्थ्य घोटाले में आरोपी हैं. उनके खिलाफ भी ईडी और सीबीआई टीम मनी लाउंड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने में चार्जशीट कर चुकी है.
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हुसैनाबाद से एनसीपी की टिकट पर लड़ रहे पूर्व मंत्री कमलेश सिंह भी सीबीआई के चार्जशीटेड हैं. गढ़वा से झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ रहे मिथिलेश ठाकुर पर भी बिहार के डेहरी में हत्या के मामले में 20 फरवरी को चार्जशीट किया गया था. चतरा से बीजेपी प्रत्याशी जनार्दन पासवान पर भी हत्या के दो मामले दर्ज हैं. इन मामलों में सीआईडी जांच कर रही है.
पलामू से चुनाव लड़ रहे आदित्य सिंह चंदेल पर भी दहेज प्रताडना, चोरी, हत्या के प्रयास और महिला से आपत्तिजनक व्यवहार का मामला दर्ज है. हुसैनाबाद से राजद उम्मीदवार संजय सिंह यादव पर हत्या के प्रयास, हुसैनाबाद से जेवीएम उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार के खिलाफ भी पाटन थाना के एक केस में चार्जशीट हो चुकी है.
बड़े नेताओं पर भी बड़े-बड़े केस
चुनाव में बड़ी पार्टियों के हैवीवेट नेताओं पर भी अजीबो गरीब मामले दर्ज हैं. ढुल्लू महतो को इसी साल सरकारी कामकाज में बाधा डालने और थाने से आरोपी को छुड़ाने के मामले में 18 माह की सजा मिली है. उनके खिलाफ बीजेपी की ही एक महिला नेत्री ने छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था. जेवीएम के पोड़ैयाहाट प्रत्याशी और पूर्व महासचिव प्रदीप यादव पर भी उनकी ही पार्टी की महिला नेता ने दुष्कर्म के प्रयास और जान से मारने की धमकी देने की शिकायत की थी.
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इस मामले में प्रदीप यादव पुलिस के सुपरविजन में भी उन्हें दोषी पाया गया था. फिलहाल वह हाईकोर्ट से जमानत पर हैं. मांडर सीट से जेवीएम प्रत्याशी बंधु तिर्की अभी राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं. आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई कोर्ट में मामला भी उनके खिलाफ चल रहा है. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन की भाभी सीता स्वांसी के खिलाफ भी राज्यसभा चुनाव 2012 में हॉर्स ट्रेडिंग के केस में चार्जशीट हो चुकी है.