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रांची में दो मासूमों की एक साथ जली चिता, मां से नहीं हो पाई आखिरी मुलाकात

रांची के पंडरा थाना क्षेत्र के जनक नगर से दो मासूमों की अर्थी उठी तो वहां मौजूद लोगों के आंखों से आंसू छलक गए. वहीं, घटना में गंभीर रूप से घायल मां अपने बच्चों को आखिरी समय में भी नहीं देख सकी.

Cremation of two children together in Ranchi
रांची में दो मासूमों की एक साथ जली चिता
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Published : Jun 19, 2022, 10:28 PM IST

रांचीः पंडरा थाना क्षेत्र के जनक नगर के दो होनहार मासूमों की रविवार को दिन में जैसे ही अर्थी उठी, वैसे ही वहां मौजूद लोगों के साथ साथ मोहल्लेवासी आंखों से आंसू रोक नहीं पाये. संजीव सिंह और चंदा देवी के परिवार के साथ जो अप्रत्याशित घटना हुई. इससे परिजन, परिचित और समाज के लोगों के चेहरे पर शोक की लहर थी. अस्पताल में भर्ती मां चंदा देवी आखिरी समय मे अपने बच्चों को भी नही देख सकी.

यह भी पढ़ेंःरांची में प्रेम प्रसंग में डबल मर्डर, हथौड़े से मारकर भाई और बहन की हत्या

मोहल्ले से जैसे ही दोनों बच्चो की अर्थी उठी, सभी अर्थी पर निढ़ाल पड़े बच्चे श्वेता और प्रवीण को देख रहे थे. वहां मौजूद लोगों की आंखे से आंसू रुक नहीं रहा था. वहीं, घटना की जानकारी मिलने के बाद दोनों बच्चों के पिता संजीव सिंह रविवार को दोपहर विमान से अबुधाबी से रांची पहुंचे. एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही संबंधियों को देख बेहोश होकर गिरने लगे. घर पहुंचने पर अपने इकलौते बेटे और बेटी को इस हाल में पड़ा देख चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे. दोनों के शव से लिपट कर बार-बार यही कह रहे थे कि अब किसके लिए जिंदा रहेंगे. जिस बेटी की पैर पूजन की तमन्ना थी, वह हमें छोड़कर चली गई.

बेटा प्रवीण के शव को देखकर बोलने लगे कि अब मेरे बुढ़ापे का सहारा कौन बनेगा. परिवार और खानदान को आगे कौन बढ़ाएगा. जिसके लिए कमाने परदेश गए थे, वह अब सदा के लिए इस दुनिया से चला गया. एक बची पत्नी तो वह भी कब साथ छोड़ चली जाएगी, पता नहीं. उनका कहना था कि मैंने जीवन में कभी किसी का अहित नहीं किया है. मेरे परिवार के लोग भी हर समय दूसरों को सहयोग करने और मानवता की सेवा में तत्पर रहते थे. दोनों बच्चो को उनके चचेरे भाई सोनू कुमार ने मुखग्नि दी. वहीं पिता संजीव मुक्तिधाम के एक कोने में बैठकर दोनों बच्चों के शव को निहार रहे थे. अंत्येष्टि के समय कोई भी अपने दिल की पीड़ा को प्रकट नहीं कर पा रहे थे.

दूसरी तरफ श्वेता और प्रवीण के हत्याकांड के मामले में रांची पुलिस की टीम अपने ही बयानों में उलझ गयी है. अब तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. पुलिस की टीम हिरासत में लिए गए रोहन उर्फ लाल बादशाह से पूछताछ कर रही है. तीन डीएसपी और दो इंस्पेक्टर रोहन से लगातार पूछताछ की. लेकिन उसने दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने की बात से इंकार करते रहा. यहां तक कि उसने अपने साथियों के नामों की भी पुलिस को जानकारी नहीं दी. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की. इसके बावजूद उसने पुलिस के समक्ष यह बयान दिया कि वह इस हत्याकांड में किसी भी तरह से शामिल नहीं है. घटना के वक्त वह उस इलाके में मौजूद भी नहीं था. हालांकि, पुलिस टीम रोहन के मोबाइल लोकेशन भी निकाल रही है. प्राथमिकी अभियुक्त विकास नगर के रहने वाले मुन्नू सिंह, सुमित और एक अन्य की तलाश में पुलिस की टीम जुट गई है. पुलिस की एसआईटी नामजद आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की है. लेकिन आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है.

रांचीः पंडरा थाना क्षेत्र के जनक नगर के दो होनहार मासूमों की रविवार को दिन में जैसे ही अर्थी उठी, वैसे ही वहां मौजूद लोगों के साथ साथ मोहल्लेवासी आंखों से आंसू रोक नहीं पाये. संजीव सिंह और चंदा देवी के परिवार के साथ जो अप्रत्याशित घटना हुई. इससे परिजन, परिचित और समाज के लोगों के चेहरे पर शोक की लहर थी. अस्पताल में भर्ती मां चंदा देवी आखिरी समय मे अपने बच्चों को भी नही देख सकी.

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मोहल्ले से जैसे ही दोनों बच्चो की अर्थी उठी, सभी अर्थी पर निढ़ाल पड़े बच्चे श्वेता और प्रवीण को देख रहे थे. वहां मौजूद लोगों की आंखे से आंसू रुक नहीं रहा था. वहीं, घटना की जानकारी मिलने के बाद दोनों बच्चों के पिता संजीव सिंह रविवार को दोपहर विमान से अबुधाबी से रांची पहुंचे. एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही संबंधियों को देख बेहोश होकर गिरने लगे. घर पहुंचने पर अपने इकलौते बेटे और बेटी को इस हाल में पड़ा देख चिल्ला चिल्लाकर रोने लगे. दोनों के शव से लिपट कर बार-बार यही कह रहे थे कि अब किसके लिए जिंदा रहेंगे. जिस बेटी की पैर पूजन की तमन्ना थी, वह हमें छोड़कर चली गई.

बेटा प्रवीण के शव को देखकर बोलने लगे कि अब मेरे बुढ़ापे का सहारा कौन बनेगा. परिवार और खानदान को आगे कौन बढ़ाएगा. जिसके लिए कमाने परदेश गए थे, वह अब सदा के लिए इस दुनिया से चला गया. एक बची पत्नी तो वह भी कब साथ छोड़ चली जाएगी, पता नहीं. उनका कहना था कि मैंने जीवन में कभी किसी का अहित नहीं किया है. मेरे परिवार के लोग भी हर समय दूसरों को सहयोग करने और मानवता की सेवा में तत्पर रहते थे. दोनों बच्चो को उनके चचेरे भाई सोनू कुमार ने मुखग्नि दी. वहीं पिता संजीव मुक्तिधाम के एक कोने में बैठकर दोनों बच्चों के शव को निहार रहे थे. अंत्येष्टि के समय कोई भी अपने दिल की पीड़ा को प्रकट नहीं कर पा रहे थे.

दूसरी तरफ श्वेता और प्रवीण के हत्याकांड के मामले में रांची पुलिस की टीम अपने ही बयानों में उलझ गयी है. अब तक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. पुलिस की टीम हिरासत में लिए गए रोहन उर्फ लाल बादशाह से पूछताछ कर रही है. तीन डीएसपी और दो इंस्पेक्टर रोहन से लगातार पूछताछ की. लेकिन उसने दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने की बात से इंकार करते रहा. यहां तक कि उसने अपने साथियों के नामों की भी पुलिस को जानकारी नहीं दी. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की. इसके बावजूद उसने पुलिस के समक्ष यह बयान दिया कि वह इस हत्याकांड में किसी भी तरह से शामिल नहीं है. घटना के वक्त वह उस इलाके में मौजूद भी नहीं था. हालांकि, पुलिस टीम रोहन के मोबाइल लोकेशन भी निकाल रही है. प्राथमिकी अभियुक्त विकास नगर के रहने वाले मुन्नू सिंह, सुमित और एक अन्य की तलाश में पुलिस की टीम जुट गई है. पुलिस की एसआईटी नामजद आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की है. लेकिन आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है.

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