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CPI-Maoists B-team: पुलिस की मुखबिरी करेंगे लोकल क्रिमिनल्स, बी-टीम में किया गया रिक्रूट - झारखंड में भाकपा माओवादी

रांची में पुलिस की मुखबिरी के लिए भाकपा माओवादियों ने अपनी एक बी-टीम बनाई है. इस टीम में लोकल क्रिमिनल्स को रखा गया है. जो पुलिस की हर गतिविधि का जानकारी माओवादियों तक पहुंचाते रहेंगे.

CPI-Maoists formed B-team to spying police in Jharkhand
CPI-Maoists formed B-team to spying police in Jharkhand
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Published : Sep 5, 2021, 10:30 PM IST

रांचीः पीएलएफआई, टीपीसी और जेजेएमपी जैसे उग्रवादी संगठनों की राह पर चलते हुए अब भाकपा माओवादियों ने भी अपनी बी-टीम तैयार कर ली है. बी-टीम का काम संगठन के बाहर रहकर पुलिस की हर मूवमेंट की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचाना, नक्सल प्रभावित इलाकों में पोस्टरबाजी करना, नक्सल कैडरों के लिए भोजन का व्यवस्था करने के साथ-साथ लेवी वसूली भी है.

इसे भी पढे़ं- बड़ा खतरा-बड़ी चुनौतीः हाथ मिला रहे नक्सली और गैंगस्टर! विदेशी हथियार से चला रहे डर का कारोबार



बीटीम बनाने के पीछे क्या है योजना
झारखंड में कमजोर हो चुका नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने अपनी साख बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अब नए एक्शन प्लान के साथ माओवादी पुलिस को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस से बचने के लिए नए सिरे से नक्सलियों ने अपनक टीम बी तैयार किया है. इस टीम का मूल काम संगठन के लिए सूचनाएं एकत्रित करना है. प्रमुख रूप से इनका काम पुलिस की गतिविधियों की रेकी करना है जबकि दूसरा काम समाज के बीच रहकर कारोबारियों, ठेकेदारों के बारे में पता लगाना है. इस टीम बी में पंचायत स्तर के कमांडर और सदस्यों की नियुक्ति की गई है, जो अंडर कवर प्रोसेस से काम कर रहे हैं.

पुलिस को मिली सूचना तो धर-पकड़ शुरू
माओवादियों के बी-टीम की गतिविधिया जब राजधानी के आसपास शुरू हुई तब रांची पुलिस को भी इसकी भनक लगी. पुलिस ने जाल बिछाया तो दो सितंबर को बी-टीम के दो मेंबर दबोचे गए. पूछताछ में गिरफ्तार नक्सलियों ने बताया है टीम-बी के सदस्य पुलिस की रेकी और इलाके में बड़े पैमानी पर ठेकेदारी, जमीन का काम सहित अन्य बड़े व्यवसायियों के बारे में सूचनाएं अपने शीर्ष नक्सलियो तक पहुंचाते थे.

छोटे-बड़े अपराधियों से बनी है टीम-बी
पूछताछ में दोनों नक्सलियों ने पुलिस को बताया है कि उन्हें अमित मुंडा, गुलशन जैसे कमांडरों ने संगठन में जोड़ा था. उनके साथ दो दर्जन से अधिक आपराधिक छवि के लोग भी संगठन में काम कर रहे हैं. इस टीम के जिम्मे केवल बाहरी काम ही है. ये उनके इशारे पर पर्चा पहुंचाने, लेवी उठाने, पुलिस की गतिविधियों की सूचना देने सहित कई काम करते हैं. पुलिस को टीम-बी में शामिल कई माओवादियों के बारे में जानकारी मिली है. वो पुलिस की रडार पर हैं. पुलिस ने सुखलाल मुंडा और दशमफॉल इलाके का एतवा मुंडा उर्फ बुधू मुंडा को दबोचा था. वो केमोफ्लाई ड्रेस पहनकर घूमता नजर आया, इस दौरान उन्हें पुलिस ने पकड़ा था, उसके पास से हथियार भी मिले थे.

ग्रुप चिन्हित, जल्द कसेगा शिंकजा
रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम ने बताया माओवादियों ने एक टीम बनाई है, जिसमें आपराधिक छवि के युवक शामिल हैं. जानकारी मिलने पर दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया है उनकी तलाश में पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है वो भी जल्द गिरफ्तार होंगे.

रांचीः पीएलएफआई, टीपीसी और जेजेएमपी जैसे उग्रवादी संगठनों की राह पर चलते हुए अब भाकपा माओवादियों ने भी अपनी बी-टीम तैयार कर ली है. बी-टीम का काम संगठन के बाहर रहकर पुलिस की हर मूवमेंट की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचाना, नक्सल प्रभावित इलाकों में पोस्टरबाजी करना, नक्सल कैडरों के लिए भोजन का व्यवस्था करने के साथ-साथ लेवी वसूली भी है.

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बीटीम बनाने के पीछे क्या है योजना
झारखंड में कमजोर हो चुका नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने अपनी साख बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. अब नए एक्शन प्लान के साथ माओवादी पुलिस को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस से बचने के लिए नए सिरे से नक्सलियों ने अपनक टीम बी तैयार किया है. इस टीम का मूल काम संगठन के लिए सूचनाएं एकत्रित करना है. प्रमुख रूप से इनका काम पुलिस की गतिविधियों की रेकी करना है जबकि दूसरा काम समाज के बीच रहकर कारोबारियों, ठेकेदारों के बारे में पता लगाना है. इस टीम बी में पंचायत स्तर के कमांडर और सदस्यों की नियुक्ति की गई है, जो अंडर कवर प्रोसेस से काम कर रहे हैं.

पुलिस को मिली सूचना तो धर-पकड़ शुरू
माओवादियों के बी-टीम की गतिविधिया जब राजधानी के आसपास शुरू हुई तब रांची पुलिस को भी इसकी भनक लगी. पुलिस ने जाल बिछाया तो दो सितंबर को बी-टीम के दो मेंबर दबोचे गए. पूछताछ में गिरफ्तार नक्सलियों ने बताया है टीम-बी के सदस्य पुलिस की रेकी और इलाके में बड़े पैमानी पर ठेकेदारी, जमीन का काम सहित अन्य बड़े व्यवसायियों के बारे में सूचनाएं अपने शीर्ष नक्सलियो तक पहुंचाते थे.

छोटे-बड़े अपराधियों से बनी है टीम-बी
पूछताछ में दोनों नक्सलियों ने पुलिस को बताया है कि उन्हें अमित मुंडा, गुलशन जैसे कमांडरों ने संगठन में जोड़ा था. उनके साथ दो दर्जन से अधिक आपराधिक छवि के लोग भी संगठन में काम कर रहे हैं. इस टीम के जिम्मे केवल बाहरी काम ही है. ये उनके इशारे पर पर्चा पहुंचाने, लेवी उठाने, पुलिस की गतिविधियों की सूचना देने सहित कई काम करते हैं. पुलिस को टीम-बी में शामिल कई माओवादियों के बारे में जानकारी मिली है. वो पुलिस की रडार पर हैं. पुलिस ने सुखलाल मुंडा और दशमफॉल इलाके का एतवा मुंडा उर्फ बुधू मुंडा को दबोचा था. वो केमोफ्लाई ड्रेस पहनकर घूमता नजर आया, इस दौरान उन्हें पुलिस ने पकड़ा था, उसके पास से हथियार भी मिले थे.

ग्रुप चिन्हित, जल्द कसेगा शिंकजा
रांची के रूरल एसपी नौशाद आलम ने बताया माओवादियों ने एक टीम बनाई है, जिसमें आपराधिक छवि के युवक शामिल हैं. जानकारी मिलने पर दो को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया है उनकी तलाश में पुलिस की टीम छापेमारी कर रही है वो भी जल्द गिरफ्तार होंगे.

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