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जनसहयोग से खोई जमीन पाने की जुगत में भाकपा माओवादी, बूढ़ा पहाड़ पर है विशेष नजर

झारखंड में माओवादी अपनी खोई हुई जमीन को वापस लाने के लिए लोगों को अपने साथ जोड़ने में जुटा है. माओवादियों की खास नजर अब बूढ़ा पहाड़ पर है.

CPI Maoist engaged in connecting common people with itself
भाकपा माओवादी
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Published : Sep 27, 2020, 8:39 PM IST

रांची: झारखंड में माओवादी अपनी खोई हुई जमीन को वापस लाने के लिए आम जनता को अपने साथ जोड़ने की जुगत में लगे हुए हैं. माओवादी वैसे इलाकों को दोबारा अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे हैं जो रणनीतिक लिहाज से भविष्य में काम आएंगे.

कौन-कौन से इलाके है शामिल
भाकपा माओवादी रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण जगहों पर अपनी पैठ जमाने के प्रयास में हैं. झारखंड के सरायकेला-खरसांवा, चाईबासा, खूंटी ट्राइजंक्शन, तमाड़- सरायकेला के सीमावर्ती इलाके, चाईबासा के सारंडा, सरजामबुरू, पौड़ाहाट के साथ-साथ नक्सलियों ने छतीसगढ़, झारखंड के माओवादियों के लिए महत्वपूर्ण रहे बूढ़ा पहाड़ में संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इस काम के लिए बड़े पैमाने पर ग्रामीणों को भी नक्सली मोटिवेट करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

बूढ़ा पहाड़ पर विशेष ध्यान
नक्सलियों के लिए सामरिक रूप से बूढ़ा पहाड़ बेहद महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि माओवादियों के बड़े नेता इस दुर्गम पहाड़ी पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ में नए कैडरों के संगठन से जुड़ने की सूचना पुलिस को भी मिली है. खुफिया एजेंसियों को मिली सूचना के मुताबिक भाकपा माओवादियों के नेता विमल, मृत्युंजय, संतोष के दस्ते ने बूढ़ा पहाड़ के फूलापाखल में स्थापना दिवस का कार्यक्रम का आयोजन किया था. वहीं, सूचना यह भी है की झारखंड-छतीसगढ़ के कई सीमावर्ती गांव में भाकपा माओवादियों ने ग्रामीणों को प्रलोभन दिया कि वह अपने परिवार के एक-एक सदस्य को भाकपा माओवादी संगठन में शामिल कराएं. मिलन समरोह में भाकपा माओवादियों के नए चेहरे भी शामिल थे.

रोहित को मिली है बूढ़ा पहाड़ की कमान
भाकपा माओवादी रोहित को बूढ़ा पहाड़ की कमान मिली है. रोहित पूर्व में बूढ़ा पहाड़ में माओवादियों की कमान संभालने वाले भाकपा माओवादी नेता अरविंह सिंह का करीबी था. रांची जेल से छूटने के बाद रोहित दोबारा संगठन में शामिल हो गया था. चकरबंधा इलाके में रहकर वह बूढ़ा पहाड़ इलाके की कमान संभाल रहा था. वह चकरबंधा से अब बूढ़ा पहाड़ इलाके में पहुंचकर संगठन की कमान संभालेगा.

ये भी पढ़ें- चतरा में मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने किया कार्यालय का उद्घाटन, जनता दरबार में सुनी लोगों की समस्या

पोस्टरबाजी कर रणनीति जाहिर कर रहे भाकपा माओवादी
हाल के दिनों में पोस्टरबाजी कर भाकपा माओवादियों ने कई जगहों पर अपनी आगे की रणनीति जाहिर की है. भाकपा माओवादियों के दक्षिणी छोटानागपुर कमेटी ने पोस्टरबाजी कर गांव-गांव में फ्रंटल आर्गेनाइजेशन जन मिलिशिया कमेटी के गठन का ऐलान किया था. वहीं, रणनीति के तौर पर भाकपा माओवादी अब चुनिंदा इलाकों में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है.

रांची: झारखंड में माओवादी अपनी खोई हुई जमीन को वापस लाने के लिए आम जनता को अपने साथ जोड़ने की जुगत में लगे हुए हैं. माओवादी वैसे इलाकों को दोबारा अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे हैं जो रणनीतिक लिहाज से भविष्य में काम आएंगे.

कौन-कौन से इलाके है शामिल
भाकपा माओवादी रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण जगहों पर अपनी पैठ जमाने के प्रयास में हैं. झारखंड के सरायकेला-खरसांवा, चाईबासा, खूंटी ट्राइजंक्शन, तमाड़- सरायकेला के सीमावर्ती इलाके, चाईबासा के सारंडा, सरजामबुरू, पौड़ाहाट के साथ-साथ नक्सलियों ने छतीसगढ़, झारखंड के माओवादियों के लिए महत्वपूर्ण रहे बूढ़ा पहाड़ में संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इस काम के लिए बड़े पैमाने पर ग्रामीणों को भी नक्सली मोटिवेट करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

बूढ़ा पहाड़ पर विशेष ध्यान
नक्सलियों के लिए सामरिक रूप से बूढ़ा पहाड़ बेहद महत्वपूर्ण है. यही वजह है कि माओवादियों के बड़े नेता इस दुर्गम पहाड़ी पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ में नए कैडरों के संगठन से जुड़ने की सूचना पुलिस को भी मिली है. खुफिया एजेंसियों को मिली सूचना के मुताबिक भाकपा माओवादियों के नेता विमल, मृत्युंजय, संतोष के दस्ते ने बूढ़ा पहाड़ के फूलापाखल में स्थापना दिवस का कार्यक्रम का आयोजन किया था. वहीं, सूचना यह भी है की झारखंड-छतीसगढ़ के कई सीमावर्ती गांव में भाकपा माओवादियों ने ग्रामीणों को प्रलोभन दिया कि वह अपने परिवार के एक-एक सदस्य को भाकपा माओवादी संगठन में शामिल कराएं. मिलन समरोह में भाकपा माओवादियों के नए चेहरे भी शामिल थे.

रोहित को मिली है बूढ़ा पहाड़ की कमान
भाकपा माओवादी रोहित को बूढ़ा पहाड़ की कमान मिली है. रोहित पूर्व में बूढ़ा पहाड़ में माओवादियों की कमान संभालने वाले भाकपा माओवादी नेता अरविंह सिंह का करीबी था. रांची जेल से छूटने के बाद रोहित दोबारा संगठन में शामिल हो गया था. चकरबंधा इलाके में रहकर वह बूढ़ा पहाड़ इलाके की कमान संभाल रहा था. वह चकरबंधा से अब बूढ़ा पहाड़ इलाके में पहुंचकर संगठन की कमान संभालेगा.

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पोस्टरबाजी कर रणनीति जाहिर कर रहे भाकपा माओवादी
हाल के दिनों में पोस्टरबाजी कर भाकपा माओवादियों ने कई जगहों पर अपनी आगे की रणनीति जाहिर की है. भाकपा माओवादियों के दक्षिणी छोटानागपुर कमेटी ने पोस्टरबाजी कर गांव-गांव में फ्रंटल आर्गेनाइजेशन जन मिलिशिया कमेटी के गठन का ऐलान किया था. वहीं, रणनीति के तौर पर भाकपा माओवादी अब चुनिंदा इलाकों में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है.

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