रांची: अदालत ने सरकार के फैसले को गलत मानते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकृत कर लिया है. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने क्षेत्रीय उप निदेशक रांची के प्रधान लिपिक के पद से सेवानिवृत्त रामलगन राम की याचिका पर सुनवाई के उपरांत आज अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने झारखंड सरकार के द्वारा उनके वेतनमान को घटाए जाने के आदेश को गलत करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है.
उन्होंने कहा है कि सरकार इतने दिन सेवानिवृत्ति के बाद किसी भी कर्मचारी का वेतनमान घटा नहीं सकती है. अदालत में मामले में पहले ही सुनवाई पूरी कर ली थी, आज फैसला सुनाया है. पूर्व में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि यह इस वेतनमान के हकदार नहीं हैं. इसलिए इन्हें यह वेतनमान से पेंशन नहीं दी जा सकती है. वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया था कि बिना किसी कारण बताए हुए इतने दिन सेवानिवृत्त हो जाने के बाद इस तरह का सरकार का आदेश देना कहीं से भी उचित नहीं है.
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पूर्व में ही आदेश सुरक्षित रख लिया था. बता दें कि राम लगन राम पूर्व में क्षेत्रीय उपनिदेशक शिक्षा रांची कार्यालय के लिपिक के पद पर से सेवानिवृत्त हुए थे. बाद में उनके वेतनमान को घटा देने का आदेश दिया था. जिसे उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.