रांचीः लोकसभा चुनाव में नक्सली समर से सहायता लेने के मामले में आरोपी पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार को अदालत से बड़ी राहत मिली है. एमपी-एमएलए कोर्ट (MP MLA Court verdict in former mp case)के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में उन्हें बरी कर दिया है.
पूर्व सांसद अजय कुमार ने अदालत में अपने आपको बेगुनाह बताया था. मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई. डॉ. अजय कुमार के पक्ष में अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू, विमल कुमार, बबीता जैन और विक्रम सिंह ने अदालत में पक्ष रखा.
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इससे पहले लोकसभा चुनाव में नक्सली समर (NAXALITES SAMAR RELATION illegation) से सहायता लेने के मामले के आरोपी पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार के मामले में मंगलवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार की अदालत ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इसके अलावा अदालत ने अगले ही दिन 25 अगस्त को फैसला सुनाने की तारीख निर्धारित कर दी थी. इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी समेत पूरे झारखंड के लोगों और सियासी जमातों की नजर थी.
2011 में दर्ज कराई गई थी रिपोर्ट
पूर्व सांसद डॉ. अजय कुमार के खिलाफ यह मामला भाजपा नेता डॉ. दिनेश आनंद गोस्वामी की ओर से वर्ष 2011 जमशेदपुर के साकची थाने में कांड संख्या 98/11 के रूप में दर्ज कराया गया था. इसमें लोकसभा चुनाव में नक्सली समर से मदद लेने और मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप लगाया गया था.
डॉक्टर दिनेश गोस्वामी ने पुलिस को बातचीत की एक सीडी भी सौंपी थी. बाद में इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया गया और 26 सितंबर 2020 को मुकदमा रांची पहुंचा.