रांची: झारखंड पुलिस मुख्यालय के गृह विभाग से तैनात अवर सचिव स्तर के अधिकारी नियम विरूद्ध तरीके से पत्राचार करते हैं. अवर सचिव स्तर के अधिकारियों के द्वारा बगैर उच्च पदाधिकारियों के आदेश से एडीजी, आईजी, डीआईजी व एसपी स्तर के अधिकारियों से तो पत्राचार किया ही जाता है, कई बार पुलिस मुख्यालय के एक शाखा से दूसरे शाखा में भी पत्राचार किया जा रह है. अवर सचिवों की इस कार्यप्रणाली पर पूरी तरह से रोक के आदेश डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर आईजी मानवाधिकार ने जारी किया है.
आदेश में क्या है
पुलिस मुख्यालय के आईजी मानवाधिकार के आदेश में बताया गया है कि पुलिस मुख्यालय के अंतर्गत कार्यारत अवर सचिवों के द्वारा बिना उच्च अधिकारी के अनुमोदन या आदेश के पुलिस मुख्यालय के एक प्रशाखा से दूसरे प्रशाखा और एडीजी स्तर के पदाधिकारियों से लेकर जिलों के एसपी तक से सीधा पत्राचार किया जा रहा है. आदेश के मुताबिक अब किसी भी तरह के पत्राचार के लिए अवर सचिवों को डीजीपी या संबंधित नियंत्री पदाधिकारी से अनुमोदन प्राप्त कर ही पत्राचार करना होगा.
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किस तरह के पत्राचार के लिए अनुमोदन की होगी जरूरत
- नीति निर्धारण से संबंधित पत्र एक प्रशाखा से दूसरे प्रशाखा में भेजने हेतू.
- प्रशाखा से संबंधित संचिका या नोटशीट भेजने हेतू.
- स्थानांतरण, पदस्थापन संबंधी आवेदन एक प्रशाखा से दूसरे प्रशाखा में भेजने हेतू.
- ऐसे पत्र जो प्रशाखा से संबंधित नहीं हो, उन्हें संबंधित प्रशाखा को अपने नियंत्री पदाधिकारी से संचिका में आदेश प्राप्त कर पीत पत्र के माध्यम से भेजने हेतू.