रांची: झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है एक बार फिर कोरोना की रफ्तार बढ़ रही है. देश के दूसरे प्रदेशों के साथ झारखंड में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. पहली और दूसरी लहर में कोरोना के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों पर विशेष एहतियात बरती जा रही थी. झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच रेलवे का दावा है कि कोरोना के मद्देनजर रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की ट्रेसिंग हो रही है. लेकिन सच्चाई ये है कि रेलवे स्टेशनों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सही तरीके से कोई भी नहीं कर रहा है.
रांची रेलवे स्टेशन पर कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां पर आने वाले यात्रियों की जांच तो हो रही है, लेकिन कोविड-19 जांच की रिजल्ट आ रही है कि नहीं इस ओर ना तो रेल प्रबंधक का ध्यान है और ना ही जिला प्रशासन का. हालांकि रेलवे प्रबंधन की ओर से दावा किया जा रहा है कि जिला प्रशासन के साथ मिलकर यात्रियों को ट्रेस किया जा रहा है. कौन यात्री कहां जा रहे है. कहां से आ रहे हैं. इसका पूरा खाका तैयार किया जा रहा है. जबकि इससे उलट रेलवे स्टेशनों पर टिकट काउंटर से लेकर प्लेटफार्म में भी यात्री कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रख रहे हैं.
रेलवे काउंटरों पर भीड़ लगी हुई है. सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. झारखंड में ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर सभी को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है. लेकिन रांची रेलवे स्टेशन पर टेस्ट के लिए जांच टीम तक पर्याप्त संख्या में नहीं दिख रही है. इसका फायदा उठाते हुए यात्री बिना किसी रोक-टोक के स्टेशन से बाहर निकल जा रहे हैं. प्रशासन की ओर से यात्रियों से पूछताछ के लिए भी किसी को भी तैनात नहीं किया गया है. दूसरी और हटिया रेलवे स्टेशन में भी टेस्ट को लेकर सख्ती नहीं बढ़ाई गई है. 1 दिन पहले ही हटिया रेलवे स्टेशन की बैरिकेडिंग को बढ़ाकर बाहर तक किया गया है. इसके बावजूद यात्री जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और प्रशासन सख्ती नहीं बरत रही है. इन रेलवे स्टेशनों पर व्यवस्था चरमरा गई है. यहां पर स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी भले ही लगाई जाती है. लेकिन वह कुछ ही लोगों की जांच करते हैं. जबकि इसके उलट रेल मंडल और संबंधित पदाधिकारी दावा कर रहे हैं कि जांच के लिए समुचित व्यवस्था की गई है. जो भी दिशा निर्देश है उसी के तहत रेलवे स्टेशनों पर सख्ती बढ़ाई गई है.